डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 578 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 May 2017 · 1 min read मैं और मेरी माँ ?मैं और मेरी माँ? बारिश की बूदों में माँ तू, मेघ सरस बन जाती है। तेज धूप के आतप में तू ,आँचल ढ़क दुलराती है। तन्हाई में बनी खिलौना ,आकर... Hindi · कविता 1 333 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2017 · 1 min read "ज़िंदगी ज़ख्म की कहानी है" "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" बह्र-२१२२ १२१२ २२ काफ़िया-आनी रदीफ़-है ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है। प्यार में दर्द ही निशानी है। हसरतें क्यों ज़ुबाँ पे'आई हैं साँस थमती नहीं दिवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 583 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2017 · 1 min read "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" बह्र-२१२२ १२१२ २२ काफ़िया-आनी रदीफ़-है ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है। प्यार में दर्द ही निशानी है। हसरतें क्यों ज़ुबाँ पे'आई हैं साँस थमती नहीं दिवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 May 2017 · 1 min read "कहाँ इंकार करता हूँ" "कहाँ इंकार करता हूँ" बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ करता हूँ काफ़िया- आर सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करता हूँ। मुहब्बत है अजी कब आपसे इंकार करता हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 May 2017 · 1 min read "किसकी पराजय?" "किसकी पराजय?" चली उम्मीद की आँधी जना जब पुत्र माता ने बजी शहनाइयाँ घर में दिया कुलदीप दाता ने। सजा अरमान की डोली झुलाया लाल को पलना पिता ने थाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 331 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 May 2017 · 3 min read "दरिंदगी के बढ़ते कदम और हम" "दरिंदगी के बढ़ते कदम और हम" आज दरिंदगी का चोला पहने इंसान इंसानियत का खून किए जा रहा है और पंगु बनी सरकार कड़ी निंदा का हथियार हाथ में लिए... Hindi · लेख 2 362 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Apr 2017 · 1 min read "मधुशाला" "मधुशाला"(माहिया छंद, विधा-२२२२२२ २२२२२ २२२२२२,पहली तीसरी पंक्ति समतुकांत) रातों को आते हो नींद चुरा मेरी मुझको तड़पाते हो। नैनों बिच तू रह दा मधुबन सा जीवन काँटे सम क्यों जी... Hindi · कविता 1 313 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Apr 2017 · 1 min read "परिंदे" "परिंदे" आँखों में परिंदे पाले थे उम्मीद लगा इंसानों की मतवाले दो खग झूम उठे भूले हस्ती दीवानों की। भाल लगा कर चंदन टीका मजहब सारे हार गए बेखौफ़ सरहद... Hindi · कविता 2 265 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Apr 2017 · 1 min read हे केशव नव अवतार धरो "हे केशव नव अवतार धरो" घात लगाए बैठे दानव मानवता क्यों भूल गए? रक्त रंजित धरा पर हँसते देकर हमको शूल गए। संबंध भुला शकुनी मामा पापी दुर्योधन दाँव चले।... Hindi · कविता 457 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 Apr 2017 · 1 min read ़आग दरिया में भी लगा देना ग़ज़ल बहर २१२२ १२१२ २२ काफ़िया- आ रदीफ़- देना ख्वाब आए नहीं जगा देना। बुझ गया तो दिया जला देना। रात आकर मुझे सताती है नींद आती नहीं सुला देना।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Apr 2017 · 1 min read दामन क्यों महकता है?? बरसते हुस्न से पूछो दिवाना क्यों मचलता है। छलकते जाम से पूछो समंदर क्यों बहकता है। कभी मंदिक कभी मसजिद किया है शान से सजदा पहन खूनी लिबासों को दरिंदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Apr 2017 · 1 min read प्रकृति बचाओ "प्रकृति बचाओ" रक्त अश्रु बहा प्रकृति करे ये रुदन नहीं ध्वस्त करो मेरा कोमल बदन वृक्ष पवन जल तुमसे छिन जाएँगे प्रदूषित धरा पर जन क्या पाएँगे? कुपोषित नदी कूड़ेदान... Hindi · कविता 718 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2017 · 1 min read "पुस्तक" पुस्तक सच्चा मित्र अमिट ज्ञान भंडार विशाल चक्षु ग्रंथागार किताब ज्ञान संग्रहालय साहित्य संस्कृति दर्शन युग इतिहास ज्ञानगंगा। धरोहर युग युगांतर मानसिक विकास स्रोत जीवन दर्पण शिक्षाधार। संज्ञान शिक्षा सोपान... Hindi · कविता 241 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2017 · 1 min read "ख़्वाहिश" कतरा-कतरा पिघल रही हैं आहें तेरी यादों की , जी चाहे साँसों में भर लूँ खुशबू तेरी चाहत की। टकरा कर लहरों सी लौटें आहट तेरी पायल की, जी चाहे... Hindi · कविता 1 307 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2017 · 1 min read "होली" सायली छंद सायली छंद (१, २, ३, २ ,१ ) *होली* उमंग रंग -बिरंगी तन-मन छाई प्यारी होली आई। बरसा टेसू रंग आँगना भीगी चोली खूब खेली होली थिरका अंग-अंग झूमे -नाचे... Hindi · कविता 2 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Mar 2017 · 1 min read होली के दोहे होली पर दोहे प्रीत रंग भीगी धरा, रजनी दे सौगात। नेह सरस छिटकाय दो, बचे न कोई गात फाल्गुन में नीके लगें, हास, व्यंग्य ,परिहास। दो हज़ार सतरह रचे, होली... Hindi · दोहा 724 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 Mar 2017 · 1 min read "चली बयार फाग की देखो" ?चली बयार फाग की देखो? चली बयार फाग की देखो, मंद -मंद मुस्काती। सरस भरी कलियों का दामन, विहँस -विहँस सरसाती ।। मोहनि मूरति मोह बढ़ाती,देख पिया मदमाती। चंचल चपल... Hindi · कविता 411 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 Mar 2017 · 1 min read "होली के रंग" "होली के रंग" सोच रही हूँ कलम हाथ ले रँग दूँ सबको होली में, फाग बयार झूम कर कहती चल गरीब की खोली में। रँगी बेबसी धूमिल सा मुख जिस्म... Hindi · कविता 580 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2017 · 1 min read "नारी की महत्ता"दोहे "*नारी की महत्ता पर दोहे* *************** नारी जग का मूल है, नारी से संसार। नारी जीवन दाायिनी,पूजो बारंबार।। नारी घर की आन है, नारी घर की शान। नारी बिन घर... Hindi · दोहा 3 2 14k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2017 · 13 min read "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भारतीय महिलाएँ" "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भारतीय महिला" अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है।विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते... Hindi · लेख 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 4 min read काशी नगरी और भोले की बारात मित्रों, आज मैं आपको भोले की नगरी काशी की शिव बारात से रू-ब-रू कराती हूँ ,जिसमें शिवजी भस्मी रमाये दूल्हा बनकर निकलते हैं और पूरी काशी हर्षोल्लास से बारात की... Hindi · लेख 594 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 1 min read "शिव बारात" कुंडलिया "शिव बारात" कुंडलिया त्रिपुरारी दूल्हा बने,स्वागत नगरी आज। आए हैं बारात ले, भस्मी तन पर साज।। भस्मी तन पर साज, चले भोले मस्ताने। नंदी देख सवार,भक्त लागे अकुलाने।। कह "रजनी"ये... Hindi · कुण्डलिया 358 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 1 min read "आँखें" सायलीछंद "आँखें" सायली छंद शिल्प-१, २, ३, २, १ शब्द आँखें हमेशा तुम्हारा इंतज़ार करती रहीं तुम नहीं आए। नयन नीर बहा समंदर हुआ खारा पथिक प्यासा लौटा। दृग कमल नयन... Hindi · कविता 1 1 405 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 1 min read शिव दोहे द्वादश लिंग बिराजते, पावन तीरथ धाम। आग नयन विष कंठधर, त्रिपुरारी प्रभु नाम।। फागुन चौदस रात को,बिल्वपत्र जल हाथ। पूजा -अर्चन जो किया, पार लगायो नाथ।। हाथ जोड़ विनती करे,... Hindi · दोहा 2 4k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 5 min read "आँचल के शूल" *आँचल के शूल* हमेशा की तरह आज भी सौतन बनी घड़ी ने सनम के आगोश में मुझे पाकर मुँह चिढ़ाते हुए दस्तक दी । मैॆं अनमने मन से उठने ही... Hindi · कहानी 506 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 4 min read आज की नारी (लेख) "आज की नारी" सहधर्मिणी, संस्कारिणी, नारायणी की प्रतीक नारी की महत्ता को शास्त्रों से लेकर साहित्य तक सर्वदा स्वीकारा गया है।"यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते , रमन्ते तत्र देवता।" नारी को प्रारंभ... Hindi · लेख 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 4 Feb 2017 · 1 min read "मौत का सौदागर" हाइकु ******** "मौत का सौदागर" ????? गिद्द नज़र मौत का सौदागर लहू लुहान ????? मेरी ज़ुबानी दहशती बोलियाँ लहू कहानी ???? ? आतंकवाद दरिंदगी का नाम खूनी शैतान ????? अश्क... Hindi · हाइकु 244 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jan 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी *देश प्रेम गीत* ?वीर शपथ तुम आज लो? छंद मुक्त रचना तर्ज--फूल तुम्हें भेजा है ख़त में.. ************* वीर शपथ तुम आज लो, माँ का मान... Hindi · गीत 639 Share Previous Page 12