ओनिका सेतिया 'अनु ' Language: Hindi 1908 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read मुक्ति की आस चाहे जितना पूजा -पाठ करो , तीरथ करो या व्रत -उपवास . साधू -महात्माओं की सेवा की , मन में रख मुक्ति की आस . मगर किसी का दिल दुखाया... Hindi · मुक्तक 1 2 360 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read असली जबाज़ जाने क्यों लोग मजहब के लिए हैं लड़ते , जाति-पाती का भेद हैं करते , सबसे महान है हमारे वीर -सैनिक , जो इन सब झगड़ों से ऊपर उठकर ,... Hindi · मुक्तक 159 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 10 Feb 2022 · 1 min read यह पब्लिक है सब जानती है .. यह public और यह media वाले होते हैं बिन पेंदी के लोटे , जीतगए तो फूलों के हार चढ़ाएं , बिठाएं अपनी पलकों पर । गर हार गए तो मारें... Hindi · कविता 2 151 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Feb 2022 · 1 min read देश की एकता /अखंडता के दुश्मन किसके द्वारा बहकाई गई है यह मुस्लिम लड़कियां , और कौन है इनकी बगावत का जिम्मेदार ? अब तक तो समानता के साथ शिक्षा ग्रहण कर रही थी नहीं था... Hindi · कविता 318 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Feb 2022 · 1 min read वजीर ए आजम से हमारी दरखास्त ... आप जितना भी दिखा दीजिए उन्हें आईना , वोह आपका आईना देखने वाले नहीं । वोह चिकने घड़े है लाज शर्म बेच चुके है , आपके कटाक्षों से शर्मसार होने... Hindi · कविता 2 177 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 Feb 2022 · 1 min read यह पक्षपात क्यों ? चार खंबे संगीत रूपी भवन के , रफी ,लता, मुकेश और किशोर । चारों का है एक समान योगदान । फिर क्यों करे प्रशासन इनमें भेद , क्यों न दे... Hindi · कविता 449 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 8 Feb 2022 · 1 min read बदला रंग पुराने पैरहन ने ... रूह के जिस्म से निकलते ही , बदला रंग ऐसा पुराने पैरहन ने । छीन गए सब ख्यालात और ख्वाब , काम करना बंद कर दिया ज़हन ने । खून... Hindi · कुछ दिल ने कहा ... · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 363 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 8 Feb 2022 · 1 min read मधुर संगीत के बिना क्या जीना !! संगीत के दिग्गजों को खोकर , दिल को हो रहा है बड़ा गम । मधुर आत्मिक युक्त संगीत के , बिना हाय ! जीने को मजबूर है हम । Hindi · मुक्तक 1 2 481 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Feb 2022 · 1 min read क्या यही मानव जीवन है ? बहुत मुश्किल है जहां में सारी तमन्नाएं पूरी हो जाएं, कितना भी कोई कोशिश करे , कोई न कोई रह ही जाती है । भाग्य से किसी किसी की पूरी... Hindi · कविता 2 4 427 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Feb 2022 · 1 min read यह कैसा आया बसंत ? ( स्वर साम्राज्ञी लता की याद में..) यह कैसा आया बसंत धरती पर , की बहार ही चली गई । मां शारदे की पुत्री लता , मधुर संगीत का संसार , छोड़ कर चली गई । विश्वास... Hindi · कविता 225 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Feb 2022 · 1 min read महबूबा ए कुर्सी महबूबा - ऐ- कुर्सी को पाने की खातिर आशिकों में लगी है होड़ , तभी तो छोड़ी न कोई कसर ,कोई जतन वोटरों को पटाने में . अब ले जाएगा... Hindi · मुक्तक 1 190 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Feb 2022 · 1 min read स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी की याद में ... लो एक सितारा और टूटा , संगीत के आकाश से । एक मणि और छूटा , भारत के बाहु पाश से । एक वीणा की तार टूटी , और स्वर... Hindi · कविता 3 6 325 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Feb 2022 · 1 min read हे शारदे मां ! साहित्य सृजन का वरदान दे ।( मां सरस्वती पूजन विशेष ) ना मुझे संपत्ति चाहिए , और न ही लोकप्रियता का अरमान । मुझे चाहिए हे मां शारदे ! तुमसे यह वरदान । मेरी कलम से निकली हुई हर रचना, राष्ट्र... Hindi · कविता 2 4 474 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Feb 2022 · 2 min read विद्या देवी मां शारदा के विविध रूप ( वसंत पंचमी विशेष ) जगत पिता ब्रहमा के कर कमलों से , वीणावादिनी की वीणा के स्वरों से , निकली है सरिता सी निर्मल, म्रदुल विद्या . बहती आ रही है सदियों से यह... Hindi · कविता 1 2 472 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Feb 2022 · 1 min read मुझे शांति चाहिए .. मस्जिद की अजान से नहीं , मंदिर की घंटे घड़ियालों से नहीं , ध्वनि प्रदूषण होता है मोटरों की आवाज़ों से, शादी में बजने वाले डीजे आदि से , जो... Hindi · कविता 353 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Feb 2022 · 1 min read जिंदगी अजाब है .. कुछ लोग जमाने में ऐसे भी होते हैं , जिनकी तबियत समझ नहीं आती । उम्र साथ रहने पर भी अंजान रहे , उनकी नियत समझ में नहीं आती ।... Hindi · कुछ दिल ने कहा ... · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Feb 2022 · 1 min read कदर करो भारतीयता की ... हिजाब नजरों का होता है , नकाब कोई जरूरी नहीं। शर्म लिहाज रखो भारतीयता की , अन्यथा धर्म निरपेक्षता देश में , यह पाखंड करने की जरूरत नहीं। यह देश... Hindi · कविता 332 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Feb 2022 · 1 min read पाखंडी और मूर्ख नेता मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए तो क्या, यह अशिक्षित ,मंदबुद्धि चश्म चिराग कहलाए। देश का इतिहास ,संस्कृति और सभ्यता मालूम नहीं, वोह बड़े बोल बोलकर हास्य का... Hindi · कविता 1 328 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Feb 2022 · 1 min read स्वाभिमानी देश विंटर ओलंपिक का बहिष्कार कर , भारत ने उठाया सराहनीय कदम । दुश्मन देश को आईना दिखाने को , तत्पर रहेगा हमारा स्वाभिमान देश हरदम। Hindi · मुक्तक 1 2 373 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Feb 2022 · 1 min read उफ़ यह ध्वनि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण का ऐसा प्रकोप है , जिसे सुन सुन दिल हो रहा हल्कान । शांति प्रिय इंसान जाए तो कहां जाए , मुश्किल में पड़ी हुई है हमारी जान... Hindi · मुक्तक 2 149 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Feb 2022 · 1 min read प्रजातंत्र नहीं सैनिक शासन प्रजातंत्र नहीं अब समय आ गया, हमारे देश में पुनः सैनिक शासन हो । ताकि बिगड़े हुए ,गद्दार नेताओं और जनता , पर कोई तो अंकुश लगाने वाला हो । Hindi · मुक्तक 246 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Feb 2022 · 1 min read मैं अहंकार मैं हूं अहंकार , मुझसे न कभी कोई जीत सका । मैं जिसमें समाया , वोह किसी का न फिर हो सका । मैं ही मैं हूं बस ! दूसरा... Hindi · कविता 1 3 375 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Feb 2022 · 1 min read राजनीति में गंदगी देश की राजनीतिक व्यवस्था में रह ना गई स्वच्छता, दुनिया भर के गुंडे मवाली ,अशिक्षित इसमें आ मिले। ज्यों गंगा जैसी पवित्र नदी में शहर भर का सारा, कूड़ा कचरा,... Hindi · मुक्तक 151 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Feb 2022 · 1 min read इंसाफ मिलने में देरी क्यों ? जिस हिसाब से बेचारी हमारी निर्भया जैसी बेटियों को इंसाफ मिलने में इतनी देरी हो रही है इससे बेहतर तो इन दरिंदों का एनकाउंटर ही कर देना ही उचित था।... Hindi · लेख 291 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read तमाशा बिल्लियों की परस्पर लड़ाई में , बंदर देखा करे ज्यों तमाशा । तो मीडिया ने क्या गलत किया, वोह भी देखा करे नेताओं का तमाशा । चुटकिली भाव भंगिमाएं ,... Hindi · कविता 1 710 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read मन सबसे बड़ा शत्रु मन है सबसे बड़ा शत्रु , परंतु व्यक्ति कहां समझ पाता है । लालसाओं में भटका कर , जीवन को दुष्कर यह बनाता है । Hindi · मुक्तक 1 178 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read बरसाती मेढक कोई कितना वायदों पर खरा उतरेगा, यह तो भगवान ही जानता है । मगर जो बोल रहे है बड़े बड़े यह बोल , ऐसे बरसाती मेढकों पर कौन विश्वास करता... Hindi · मुक्तक 1 163 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read गिरगिट हिंदुत्व से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं , फिर भी खुद को हिंदू दर्शाने आ जाते है । यह वोह गिरगिट है जो अनायास ही , चुनावों में रंग... Hindi · मुक्तक 1 175 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read खंजर सी जुबान उफ़ ! कितनी तेज है इन सियासत दारों की जुबान , खंजर को भी शर्मसार कर दे जो यह वोह धार है। Hindi · शेर 1 223 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read जमीर कहां है ? सीमाओं को लांघ रही गज गज लंबी ज़ुबान , खो रहे है आवाम की नजर में अपनी आन । कौन खबर दार करेगा इन सियासत दारोँ को , इनका जमीर... Hindi · मुक्तक 1 192 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read लोक लुभावना बजट बनाया आपने लोक-लुभावना बजट , इससे हमारे अन्न-दाताओं की स्थिति सुधरे तब मानेंगे , वर्ना निकला गर यह भी बेअसर , था यह भी ढोल का पोल , हम तो... Hindi · मुक्तक 168 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read जान लेवा वस्तुएं और हथियार अनुपलब्ध हो ... बजट बनाया लुभावना ,तो इतना कष्ट और कर दीजिये,महंगे कर दीजिये इतने सभी अस्त्र-शस्त्र जैसे बंदूके और खंजर .आम जन के लिए ताकि .कोई इन्हें खरीद न सके .और तेजाब... Hindi · लेख 194 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2022 · 1 min read कैसे संवरे भारत की तकदीर ,? हंगामें तो रोज़ ही खड़े होते हैं मगर , जाने क्यों सूरत फिर भी नहीं बदलती। कुछ भी कर लो जतन मगर हाय !, इस मुल्क कि तक़दीर नहीं बदलती।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Feb 2022 · 1 min read शून्य बजट औरों के हाथ रेवड़ियों बंटी , हमारे हिस्से में क्या आया ? देश का बजट जब भी बना, मध्यम वर्ग के हाथ शून्य आया। Hindi · मुक्तक 1 2 175 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Feb 2022 · 1 min read मध्यम वर्ग का हक मध्यम वर्ग की खामोशी और शराफत का, नाजायज फायदा हर सरकार उठाती आई है । कुछ है एकता की कमी और कुछ समय की पाबंदी , इन्हीं मजबूरियों ने उनके... Hindi · मुक्तक 1 314 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Feb 2022 · 1 min read राजनीति और महिला सम्मान आरोप प्रत्यारोप करने में नहीं रखते मर्यादा का ध्यान , अपनी आदत से मजबूर महिलाओं का करते अपमान, ऐसे राजनीति में आरक्षण देने का क्या लाभ , जब महिलाओं के... Hindi · मुक्तक 1 172 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 31 Jan 2022 · 1 min read बेहयाई शर्म बेचकर खा गई आज की युवा पीढ़ी , कुसंस्कारी कलयुग की है यह पहली सीढ़ी । अब आगे आगे देखते जाइए होता है क्या ! बेहयाई की है इस... Hindi · मुक्तक 3 4 276 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jan 2022 · 1 min read राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की याद में .... कहाँ हो बापू ! हाथ जोड़कर करती है , भारतमाता ये फ़रियाद। कहाँ हो बापू की मुझे , आ रही है तुम्हारी याद। तुम गया जबसे हे बापू !, मेरा... Hindi · कविता 2 760 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jan 2022 · 1 min read पुण्य स्मरण धन्य हुई यह भारत -भूमि , जिसमें दो रत्नो ने लिया जन्म। एक गांधी जी और दूसरे शास्त्री जी , जिनको हमारा शत-शत नमन। सादा जीवन उच्च विचार। मीठी वाणी... Hindi · कविता 3 3 1k Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jan 2022 · 1 min read शौकिया बेमेल विवाह बुध्दि भ्रष्ट हो गई फिल्म तारिकाओं की , कर रही है जो शौकिया बेमेल विवाह । माता पिता का नियत्रण ना रहा इन पर , बनी अपनी जिंदगी की खुद... Hindi · कविता 209 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jan 2022 · 1 min read कहां है हमारा स्वदेशी भारतीय फिल्म जगत ? जब तक था यह भारतीय फिल्म जगत, पूर्ण स्वदेशी और प्यारा सा लघु भारत । देशभक्ति भावना परिपूर्ण की गंगा बहती , और सर्वधर्म समभाव / मनुष्यता से युक्त ।... Hindi · कविता 2 2 610 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jan 2022 · 1 min read राष्ट्रीय पुरस्कारों का सम्मान राष्ट्रीय पुरस्कार जबसे बन गए , रेवड़ियों सा बंटने वाला प्रसाद । असली उम्मीदवारों तक तो पहुंचे नहीं, गलत हाथों में चला जाए तो , उत्पन्न होता ह्रदय में विषाद... Hindi · कविता 2 4 169 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jan 2022 · 1 min read मां बिना कौन पूछे? मां ही से है मायका , और मां से ही है ननिहाल । मां के बिना कोई न पूछे , संतान या बेटी का हाल । Hindi · कोटेशन 1 4 205 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jan 2022 · 1 min read मां : संतान की सारी दुनिया मां से शुरू और मां पर ही खत्म हर रिश्ते , मां में ही समाय दुनिया के हर रिश्ते । मां ही संतान के लिए भाई बंधु ,मित्र , हितैषी... Hindi · कविता 255 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jan 2022 · 1 min read दीया और जीवन दीया और जीवन , जलता है तब तक , जितना भरा जाये उसमें तेल और श्वास । अंत तक जलती रहती है, इनकी गुलाबी और रंगहीन लौ। और जब बुझने... Hindi · कविता 1 2 271 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jan 2022 · 1 min read चिकने घड़े होते है नेता .. तीर पे तीर चलाएं एक दूजे पर परन्तु होए ना कोई भी घायल, अगर होते इतना दिल को लगाने वाले, तो देश का आज ना होता ऐसा हाल। Hindi · मुक्तक 2 342 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jan 2022 · 1 min read इंतजार मैने तेरा बहोत इंतजार किया तेरा , ए तकदीर ! तू अब आई है । हम तेरे दर पर आस लगाकर बैठे रहे, अब तो जिंदगी की शाम होने को... Hindi · शेर 2 211 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jan 2022 · 1 min read रस्सा कशी सत्ता की .. युग बदला, समय भी बदला , बदला न सत्ता का मोह । नेताओं में आज भी कुर्सी हेतु , रस्साकशी होती और होता परस्पर विद्रोह । Hindi · मुक्तक 1 219 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jan 2022 · 1 min read अपनी अपनी डफली अपना अपना गान .. अपनी अपनी डफली बजा रहे, गा रहे अपना अपना गान । जनता रूपी सजनी को रिझाने हेतु , नेता लोग चतुर सुजान । Hindi · मुक्तक 296 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jan 2022 · 1 min read ढोंग बंद करो यह नारा "" बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ का " , यह नाटक भी बंद करो नवरात्रि में कन्या पूजन का, जब तक है बिका हुआ कानून दरिंदो के... Hindi · मुक्तक 1 191 Share Previous Page 12 Next