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1 Feb 2022 03:57 PM

नमस्ते।सत्यवचन।

बजट
बार- बार के बजट में,
हर बार गरीब फेल हुआ।
देख तमाशा दुनिया का ,
हर एक गरीब उदास हुआ।
बाजार में नहीं है कुछ सस्ता,
हर एक गरीब का भूख नीलाम हुआ ।
धंधा पानी हुआ है बंद,
सरकारी राशन का है इंतजार।
रोटी कपड़ा और मकान,
हर एक गरीब का बजट फेल हुआ।
गौतम साव

गरीबों से जायदा मध्यम वर्ग की हालत खराब है भाई साहब ! उनके बारे में कोई नहीं सोचता ।

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