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ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सांझ की वेला
सांझ की वेला
Kanchan verma
"जो खुद कमजोर होते हैं"
Ajit Kumar "Karn"
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
कविता तुम से
कविता तुम से
Awadhesh Singh
जून की कड़ी दुपहरी
जून की कड़ी दुपहरी
Awadhesh Singh
आज की शाम,
आज की शाम,
*प्रणय प्रभात*
जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
Awadhesh Singh
बात चली है
बात चली है
Ashok deep
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
Awadhesh Singh
" गम "
Dr. Kishan tandon kranti
" गुनाह "
Dr. Kishan tandon kranti
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
Desert fellow Rakesh
" दुश्वार "
Dr. Kishan tandon kranti
"अपना "
Yogendra Chaturwedi
" कभी "
Dr. Kishan tandon kranti
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
Neelofar Khan
चाहतें मन में
चाहतें मन में
surenderpal vaidya
इत्र   जैसा  बहुत  महकता  है ,
इत्र जैसा बहुत महकता है ,
Neelofar Khan
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
ग़ज़ल _ खुशी में खुश भी रहो ,और कामना भी करो।
Neelofar Khan
कहीं से निकल जाना
कहीं से निकल जाना
Abhishek Rajhans
बीती रातें
बीती रातें
Rambali Mishra
"बड़बोलापन यूं बना देख कोढ़ में खाज।
*प्रणय प्रभात*
स्वप्न और वास्तव: आदतों, अनुशासन और मानसिकता का खेल
स्वप्न और वास्तव: आदतों, अनुशासन और मानसिकता का खेल
पूर्वार्थ
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
गुजर रही थी उसके होठों से मुस्कुराहटें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
सुकून मिलता है तेरे पास होने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
किसी और के संग ऐसा मत करना
किसी और के संग ऐसा मत करना
gurudeenverma198
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
🙅रहम कर यारा🙅
🙅रहम कर यारा🙅
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
ज़िंदगी में हर मोड़ मुहब्बत ही मुहब्बत है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!
शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!
Sushma Singh
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"तुम कब तक मुझे चाहोगे"
Ajit Kumar "Karn"
प्रतिभा
प्रतिभा
Rambali Mishra
व्यवस्था परिवर्तन
व्यवस्था परिवर्तन
Nafa Singh kadhian
भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से,
भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
छोड़ दिया ज़माने को जिस मय के वास्ते
sushil sarna
दोहा पंचक. . . मेघ
दोहा पंचक. . . मेघ
sushil sarna
"ज़िंदगी जीना ही होता है"
Ajit Kumar "Karn"
हर किसी को कोई प्यार का दीवाना नहीं मिलता,
हर किसी को कोई प्यार का दीवाना नहीं मिलता,
Jyoti Roshni
..
..
*प्रणय प्रभात*
जमाने के तजुर्बे ने
जमाने के तजुर्बे ने
RAMESH SHARMA
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
*प्रणय प्रभात*
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