डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Language: Hindi 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Aug 2019 · 1 min read दोहे संविधान शोधित करें,हो कानून समान। सिविल कोड कामन बनें, जनता की अब मांग। डा प्रवीण कुमार श्री वास्तव Hindi · दोहा 474 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Aug 2019 · 1 min read दोहे न्यायालय सर्वोच्च ने दिया हमें आदेश। संविधान सम्मत बने लायें अध्यादेश। डाप्रवीण श्री वास्तव Hindi · दोहा 458 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Aug 2019 · 1 min read दोहे मित्रों मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती समारोह पर प्रस्तुत है दोहे उपन्यास सम्राट हैं ,बने कहानीकार, प्रेमचंद के नाम पर ,रखिये हृदय विचार। गुल्ली- डंडा, निर्मला, ईदगाह, गोदान, गबन,कफन के,... Hindi · दोहा 546 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Jul 2019 · 1 min read कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला । मुक्तक मित्रों ! शहीद मनोज पांडे की स्मृति में कारगिल दिवस पर एक मुक्तक सादर समर्पित है । कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला , गर्व से सीना... Hindi · मुक्तक 218 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2019 · 1 min read हरिगीतिका छंद तुलसी जयंती 07 अगस्त हरिगीतिका छंद अनुपम प्रकृति सुंदर छटा, मन मोहिनी भारत धरा। है श्यामला शोभित धरा , पावन जलज अम्बर प्रभा । श्रीराम चरितम मानसम, हनुमत कृपा तुलसी कृता। मन वीथिका रच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jul 2019 · 1 min read कुण्डलिया सावन बरसे झूम के सावन बरसे झूम के , ननदी झूला झूल । रोके भौजी बाग में , रोके रुके न शूल । रोके रुके न शूल , टपाटप अमिया टपके , न कर... Hindi · कुण्डलिया 471 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Jul 2019 · 1 min read रक्त दान के लाभ पर दोहे. रक्त दान करिए अभी, जीवन दान समान सुखमय जीवन तात है , पावन मंगल गान ॥ 1 ॥ रक्त दान करके प्रथम , रोकें अपना भार रोगी को जीवन मिले,... Hindi · दोहा 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2019 · 1 min read सत्य पथ के हम पथिक हैं. मध्य जीवन या मरण के ज्ञान हम चुनते रहें। मित्र !तूफानों में कश्ती हम सहज खेते रहें। है सनातन सत्य केवल जीव या जीवात्मा। सत्य पथ के हम पथिक हैं... Hindi · मुक्तक 303 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2019 · 1 min read माँ काल ही तो मारता विधि से बचाती माँ सदा काल यदि पीछे पडे़ उसको छिपाती माँ सदा. पंख उड़ने के दिये हैं फड़फड़ाना आपको. काल गति को थाम कर जीवन... Hindi · मुक्तक 319 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jun 2019 · 1 min read शैतान की नीयत शैतान की नीयत में खोट होता है. इन्सान क्यों खून के आँसू रोता है.? बाल - बाँका कर सकेगा न कोई, ऐसा न्याय क्यों. मजबूर होता है? इन्सान.शैतान में फर्क... Hindi · मुक्तक 482 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2019 · 1 min read हम सब को अवसर मिला,रखें शहर को स्वच्छ। हम-सब को अवसर मिला,रखे शहर को स्वच्छ । दूर करें सब गन्दगी, यही पाजटिव पक्छ । यही पॉजटिव पक्छ , स्वच्छता से हो यारी। रोग आदि हो दूर,प्रफुल्लित सब नरनारी।... Hindi · कुण्डलिया 269 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2019 · 1 min read तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा सिर पे मेरा हो मित्रों माँ को समर्पित है मुक्तक । गुरूःब्रह्मा गुरुःविष्णु गुरूः देवा महेश्वरः ।मित्रों माँ का स्वरूप इन तीनों देवो मे प्रकाशित होता है। समर्थन कीजिए। तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा... Hindi · मुक्तक 292 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 May 2019 · 1 min read भाषा चुनिए वोट से, लोक तंत्र दरबार । मित्रों सादर समर्पित है कुण्डलिया भाषा चुनिए वोट से,लोक तंत्र दरबार । डाले मत अपना सभी, प्रजातंत्र आधार । प्रजातंत्र आधार, अधूरी सबकी आशा। हिंदी भाषा बने, राष्ट्र भारत की... Hindi · कुण्डलिया 329 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 May 2019 · 1 min read मदर्स-डे पर समर्पित ये मेरी माँ का आंचल है, लजाने हम नही देंगे । पिया जो माँ का पय हमने,गँवाने हम नही देंगे । वतन के ही लिये जीना ,वतन के ही लिये... Hindi · मुक्तक 277 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 May 2019 · 1 min read आज की कुण्डलिया ,रक्त दान महादान मित्रो आज की कुण्डलिया सादर समर्पित है । आया अवसर दान का, करें रक्त का दान । सुगर व बी पी सन्तुलित, सधे लिपिड का मान । सधे लिपिड का... Hindi · कुण्डलिया 337 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2019 · 1 min read ये परचम जो थमाया है, उसे झुकने नही देंगे । जो परचम ये थमाया है, उसे झुकने नही देगें। लगी जो आग सीने में, उसे बुझने नहों देगें। ये छलिये देश को छलकर कहां जायेंगे बचकर के । जो वापस... Hindi · मुक्तक 273 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2019 · 1 min read मौका ब्लड के दान का, बहुत कमाये पुण्य । मित्रों सादर समर्पित है आज की कुण्डलिया । मौका ब्लड के दान का,बहुत कमायें पुण्य । पाप पुण्य के बीच में, मानव हुआ नगण्य । मानव हुआ नगण्य, पुण्य मत... Hindi · कुण्डलिया 311 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2019 · 1 min read अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान । नेक कार्य परहित करें,जीवन दान महान । जीवन दान महान, प्रेम जनहित में भरिये। रक्त चाप नियंत्रित ,हो मधुमेह से लड़िये।... Hindi · कुण्डलिया 310 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 May 2019 · 1 min read रक्त दान करें। मित्रो सादर समर्पित है, कुण्डलिया । आया अवसर दान का,करें रक्त का दान । रक्त दान परहित करें,जीवन दान महान । जीवन दान महान, खुशी का अनुभव करिये। नियमित कर... Hindi · कुण्डलिया 2 592 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 May 2019 · 1 min read सहमत हों सब राज्य मिल सहमत हो सब राज्य मिल, आवश्यक यह कार्य । पूर्ण राष्ट्र भाषा बने, हिन्दी ही स्वीकार्य । हिंदी ही स्वीकार्य, राष्ट्र अपना ये माने। प्रजातंत्र आधार, इसी को दिल से... Hindi · कुण्डलिया 1 307 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 May 2019 · 1 min read अवसर आता वोट का, बारम्बार न भाय । अवसर आता वोट का,बारम्बार न भाय। सांझ सकारे रात दिन, रहिये ध्येय बनाय। रहिये ध्येय बनाय,वोट इक इक है थाती। प्रजातंत्र का कर्ज, चुकायें हम इस भांति । कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Apr 2019 · 1 min read घनघोर घटा छाये घनघोर घटा छायें, दुती दामिनी दमकाये । जब महके केसर क्यारी , सब मंद मंद मुस्कायें। डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव 26*04*2019 Hindi · मुक्तक 421 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2019 · 1 min read जीवन ये व्यापार हो गया -मुक्तक दाना –दाना तरसे भाई , कातर नयना ताके ताई , कृषक मौन , घर द्वार बह गया । जीवन ये व्यापार हो गया । सुविधायें सब नौ दो ग्यारह ,... Hindi · मुक्तक 285 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2019 · 1 min read दो मुक्तक “ वृद्ध, चने बेचने वाला “ रोज ही रोग से मर रहे काँपते , बोझ पर बोझ ले दौड़ते हाँफते , सांस भी थी उखड़ते –उखड़ते बची , बेच कर... Hindi · मुक्तक 318 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Mar 2019 · 1 min read दो कुण्डलिया -होली पर्वपर काव्य नाटिका होली का उल्लास है , खुशियों का त्योहार , रंग बिरंगे हो गए , जीवन के व्यापार । जीवन के व्यापार , यार सब खेलें होली , फगुआ गायें वीर... Hindi · कुण्डलिया 1 353 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Feb 2019 · 3 min read बेघर हैं श्री राम , अवध पति क्यों कर बेघर बेघर हैं श्री राम , अवध पति क्यों कर बेघर ? माँ भारती के लाल माता सीता की संताने हैं। माता सीता ने अपने सम्पूर्ण जीवन में हमेशा दुख का... Hindi · लेख 2 358 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Feb 2019 · 1 min read बने साहब जी एजेंट । साहब जी खुश हो गए , जब शिक्षक हों एबसेंट । परसेंटेज पाकर, बने साहब जी एजेंट॥ डाप्रवीणकुमारश्रीवास्तव सीतापुर 15 -02 2019 Hindi · दोहा 365 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Feb 2019 · 1 min read अति हर्षित होकर चले, सब बारिश में स्कूल । अति हर्षित होकर चले , सब बारिश में स्कूल , शिक्षक बच्चे कह रहे , मौसम है प्रतिकूल , मौसम है प्रतिकूल , सभी वाहन अब गायब, बिन बस कैसे... Hindi · कुण्डलिया 429 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Feb 2019 · 2 min read मेधावी विद्यार्थी के लक्षण मेधावी विध्यार्थी के लक्षण मेरे विचार से मेधावी छात्रों की मुख्यत : तीन श्रेणियाँ होती हैं । प्रथम श्रेणी उन विध्यार्थियों की है जो एक बार में समझ लेता है... Hindi · लेख 978 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read पाकर लॉलीपॉप है, खुशी मनाते लोग । पाकर लॉलीपॉप है,खुशी मनाते लोग । कुपित कृषक वर्ग है,रहम करेंगे लोग? Hindi · दोहा 289 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read सरकारी आया बजट । सरकारी आया बजट, रोष जताते लोग । पन्द्रह रूपये प्रति दिवस, कोस रहे है लोग ।। Hindi · दोहा 272 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read सुन्दर दोहे आपके । सुन्दर दोहे आपके, खुशी मनाते लोग । धन्यवाद है आप को, बना रहे ये जोग । Hindi · दोहा 507 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read स्पन्दन करते मित्र वर स्पन्दन करते मित्र वर, पढे आपके छन्द । है अति उत्तम सुयोग अब, रोज मिले ये बन्ध।। Hindi · दोहा 290 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read न रेट मिले न खाद मुफ्त । न रेट मिले न खाद मुफ्त, है ये कैसी रीति। बात करे सब भाव की, है ये कैसी प्रीति। Hindi · दोहा 255 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Jan 2019 · 1 min read हिंदी को अपनाइए, हिन्दी को अपनाइए, जनता की यह मांग । यही राष्ट्र भाषा बने,नही अड़ायें टांग । नही अड़ायें टांग, देश हित में यह भाषा, । बचे मान सम्मान, राष्ट्र हित में... Hindi · कुण्डलिया 463 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jan 2019 · 2 min read मेधावी विध्यार्थी मेधावी विध्यार्थी के लक्षण मेरे विचार से मेधावी छात्रों की मुख्यत : तीन श्रेणियाँ होती हैं । प्रथम श्रेणी उन विध्यार्थियों की है जो एक बार में समझ लेता है... Hindi · लेख 282 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Jan 2019 · 1 min read बेघर हैं श्री राम अब , जनता मांगें न्याय बेघर हैं श्री राम अब , जनता मांगें न्याय । जन नायक के नाम पर , कैसा है अन्याय? कैसा है अन्याय ?आज वादी यह सोचें। प्रतिवादी हित उच्च, न्याय... Hindi · कुण्डलिया 305 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Dec 2018 · 1 min read करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार , करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार, सारी जनता त्रस्त है , प्रजातंत्र बेकार । प्रजातंत्र बेकार , करें जनता से मस्ती , राजनीति में कहीं नहीं ,... Hindi · कुण्डलिया 330 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Dec 2018 · 1 min read गुट बंदी के भेद में , घिरे वीर हनुमान गुटबन्दी के भेद में , घिरे वीर हनुमान , नेता जी अब कर रहे , वर्गीकृत भगवान वर्गीकृत भगवान , खेल तो नेता खेलें , घातक हों परिणाम , इसे... Hindi · कुण्डलिया 1 641 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Dec 2018 · 1 min read हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा , इश्क पर छा गया भावना का नशा । होठ बेताब हैं सुर्ख महताब हैं , प्रेम पर छा गया कामना का नशा... Hindi · मुक्तक 283 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Dec 2018 · 3 min read भारतीय रेल यात्रा (एक व्यंग्यात्मक यात्रा संस्मरण ) रात्रि के प्रथम प्रहर में, लखनऊ स्टेशन से रेल गंतव्य की ओर प्रस्थान करती है । रेल द्रुत गति से आगे बढ़ती है , कोच के कुछ यात्री वार्तालाप में... Hindi · कहानी 906 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2018 · 4 min read क्लास मॉनिटर (बाल कहानी ) रमेश एक अत्यंत मेधावी छात्र था , उसने इसी वर्ष विद्यालय परिवर्तन करके महा नगर के विद्यालय में प्रवेश लिया । रमेश आज्ञाकारी छात्र होने के साथ –साथ बांसुरी वादन... Hindi · कहानी 684 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Dec 2018 · 1 min read चोरी से जब नान वेज , , चोरी से जब नानवेज , खाने को मिल जाय। लाख बहाना कर भले , झूठ जाय पकड़ाय । झूठ जाय पकड़ाय , व्यर्थ चोरी की बोटी , फूटे मित्र नसीब... Hindi · कुण्डलिया 318 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Dec 2018 · 1 min read साली बन कर हुस्न ने साली बन कर हुस्न ने , चूना दिया लगाय। जीजाजी को इश्क ने, भूखा दिया सुलाय । भूखा दिया सुलाय , रात भर नींद न आयी , चढ़ा इश्क का... Hindi · कुण्डलिया 412 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Dec 2018 · 1 min read रिश्तों की महिमा अजब रिश्तों की महिमा अजब , जाने कब बन जायें, लाख बनायें न बनें , पल में ही जुड़ जाए । (1) अम्मा जब नाराज हों , उनको धता बतायें, घरवाली... Hindi · दोहा 320 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Dec 2018 · 1 min read लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू , रुला कर हंसाते मियां मित्र पिट्ठू । जरा मुस्कराओ हमें गुदगुदा कर , गजल फिर सुनाओ मियां मित्र मिट्ठू। “डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव” सीतापुर... Hindi · मुक्तक 484 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Dec 2018 · 1 min read गले से लगा के वो फिर मुस्कराये “ गले से लगा के वो फिर मुस्कराये “ गले से लगा के वो फिर मुस्कराये , दिलों को मिला के सभी को मनाये । रुबाई रचाते मियां मित्र मिट्ठू... Hindi · मुक्तक 278 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read है कहां नौकरी ये अजब राज है मुक्तक ना हमें काम है ना तुम्हें काज है , है कहाँ नौकरी ये अजब राज है । राज की बात है राज जिसने किया , दांव पर दांव दे... Hindi · मुक्तक 349 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read प्यार का सार है त्याग की भावना श्रृंगार गीत(मुक्तक ) प्यार का सार है त्याग की भावना , प्रेम रस धार है प्रीत की कामना । जिंदगी मिल गयी प्यार जिसने किया , प्यार से मिट गयी... Hindi · मुक्तक 538 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read रात की कालिमा छा गयी थी जहां श्रृंगारिक मुक्तक रात की कालिमा छा गयी थी जहां , प्रात की लालिमा छा गयी थी वहाँ । चाँद का नूर खोया कहीं गुम हुआ , ढूंढते ढूंढते चाँदनी फिर... Hindi · मुक्तक 1 1 280 Share Previous Page 9 Next