Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read निवेदन ---------------------------------- रोकिये अपराध अपराधियों के मनोबल तोड़िये। वोट पीछे किजिये अब देश आगे किजिये शुद्ध मन से सभ्यता में मानवीयता लाईये। मानिये यह सच कि अपराधियों के जात होता‚धर्म है... Hindi · कविता 1 189 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 2 min read समुद्र मंथन अधूरा है समुद्र मंथन में निकला सब कुछ राजकीय व अलौकिक वस्तु अमृत भी। क्यों नहीं उपकृत कर देनेवाला मानवीय जीवन को। कोई भावना हित साधन का संसाधन या फिर सहानुभूति‚संवेदना। इसलिए... Hindi · कविता 1 215 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 3 min read हाइकू एक ही सब सबों पर प्रहार धर्म तैयार। पी ए का सोच मंत्री पर है हाबी त्रासदी बड़ी। नभ के पार है क्यों खड़ा ईश्वर? सभ्यता यहाँ। लाल कलम नीली... Hindi · हाइकु 251 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read हाईकू हाईकू सामाजिक न्याय असामाजिक तत्वों से कैसा भरोसा। तुलसीदास रामचरितमानस सांस्कृतिक विज्ञान। स्तब्ध संस्कृति खटखटा रहा है सभ्यता का द्वार। प््राजातंत्र था प््राजा ने बना दिया ‘स्ट्राईक’तंत्र। टी0वी0 के पर्दे।... Hindi · हाइकु 406 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 2 min read हाइकू बाबर राज तलवार महान भुगत रहे। प्रहार कर अपराध ज्यों बाढ़ न्याय के मित्र। न्यायालयों में सत्य के वकील हों ना कि चील हों। न्याय का राज्य लुटा–पिटा ठगा सा... Hindi · हाइकु 243 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 2 min read आज अचानक जीवन मेरा हो उठा हायॐ पराया रे आज अचानक जीवन मेरा हो उठा हायॐ पराया रे पल वो जेहन में है कौंधा जिसने स्वप्न दिखाये थे। अथक परिश्रम करके हारा फिर भी सपनों से हारा। वर्षा‚ जाड़ा‚... Hindi · कविता 151 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 2 min read हाइकू अर्जी ना लिखे हाँ जी पास तो वे थे ग्रेस अंक से। आया सुखाड़ बालू में खलबली मारे दहाड़.। ताजमहल उत्पीड़न–प्रतीक मेरा विचार। नदिया चली चले बिना ही थकी बालू... Hindi · हाइकु 212 Share Arun Prasad 30 Sep 2021 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों... Hindi · कविता 1 191 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 2 min read स्वप्न में रौशनी ---------------------------- रात में अँधेरा था और अँधेरे में हम अभ्यस्त आँखों में ही हो रहे थे गुम। रौशनी थी, अँधेरे की थी पर,बड़ी अजीब। धीर–धीरे डूब रही थी सारी उम्मीदें... Hindi · कविता 182 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 2 min read कब्र है-अँधेरा है --------------------------------------------------------- प्रभु,मुझे मेरे कब्र से उठा लो,यहाँ अँधेरा बहुत घना है। उजाले के लिए दीया जलाना,यहाँ मेरे लिए तो मना है। आश्वासनों के माटी तले मेरा सभी हसरत दफन है... Hindi · कविता 195 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read कर्फ्यू -------------------------------------------- मेरे जिन्दगी पर कर्फ्यू का पहरा है। आओ तुम इसे जल्दी हटाओ। हतोत्साह से सारे रास्ते मेरे सामने हैं। वहाँ चौराहे पर हो रही है मेरी हत्या। सारे परिंदे... Hindi · कविता 339 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 2 min read दु:ख -------------------- तर्क है, दु:ख है तर्क ही दु:ख है मानव जीवन से इतर कहाँ है दु:ख। प्राणी जगत में दिव्य सुख। मनुष्य आत्मप्रशंसित है- ईश्वर अपने अहम् में ढूँढ रहा।... Hindi · कविता 497 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read नंग–देह;अनंग-देह ------------------------ नंग देह की नग्नता भौतिक का भूगोल। चिबुक,ओंठ,ग्रीवा,ललाट नयन,पलक, रहें बोल। देह अनंग की नग्नता ईश्वरता का बोध। आद्य पुरुष को ढ़ूँढ़ना खुद का करना “शोध”। नंग देह की... Hindi · गीत 297 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read दुर्भिक्ष ~~~~~~ अंगार उगलता सूरज जलती मानव जाति है। दुर्भिछ मचलता चलता धरती सूखी जाती है। इस धरा की छाती सूखी सूखे नद,ताल,तलैया। तारे ये नील गगन में संताप जगत का... Hindi · कविता 148 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read होली ------ चलो आज होली के पट खोल दें हम चलो आज होली के पट खोल दें हम। आओ कि द्वार, दिल के भी अब खोल दें हम। चलो प्यार बांटें लोगों से हिलमिल। ऋतु भर लुटाया है फूलों ने... Hindi · गीत 1 181 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read देवता को भी मत बताना ------------------------------------- देवता को भी मत बताना अपना सच। बाँट देगा रेवड़ी कि तरह तेरे हाथ रहेंगे रिक्त । सच से भागो न खुद से जाओगे फिसल। देवता मुस्कुराता रहेगा तुम... Hindi · कविता 192 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो ----------------------------------------------------- हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो। कहीं गंगा न गुम जाये इसे सीमित करो यारो। पहेली क्यों बुझाने में लगे हो कौन दोषी है? पराभव आ... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read आठ प्रहर ---------------- दिन, आदमी की तरह दिन भर- रहता है सिर धुनता। रात,औरत की तरह रात भर- पटकती है सिर बलात्कार के विरोध में। सुबह, पेड़ की तरह झूमता रहता है... Hindi · कविता 210 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read -आहट--- १--- ********************** सुदूरवर्ती चन्द्रलोक से चन्द्रोदय का आहट मेरे भविष्य सा शांत क्यों है? पुस्तकों से निकलकर अंकों,अक्षरों के शब्दों का मेरा भविष्य लगाकर मैराथन दौड़ हो जाता क्लांत क्यों... Hindi · कविता 145 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read आदमी अनगढ़ा पत्थर है आदमी अनगढ़ा पत्थर है खदानों से निकला अयस्क। मुट्ठी में बंद किये नये विहान का स्वर्णिम दिवस। शिल्पी में कौशल हो गढ़ ले जो चाहे तो राम का रूप, रूप... Hindi · कविता 272 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read मेरी कविताएँ ---------------------------------------- रह जायेंगी मेरी कविताएँ तुम्हें तुम्हारा अतीत दिलाने याद। रहूँगा नहीं मैं, आत्मा या देह से। छोड़ जाऊंगा निकालकर स्वत्व अपना मेरे अस्तित्व में दफन है जो,नेह से। पत्ते... Hindi · कविता 153 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read सरहद से आती आवाज -------------------------------------------------- मत हो उदास मेरे भाई,मत भर कोरों में पानी। लहू में उत्ताल तरँगें, नस में है अमिट जवानी। सिर लाल कफन से बाँधा,सीमा पर दागा गोली। मैं हुआ शहीद... Hindi · कविता 1 191 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read ईश्वर नंगा हो रहा है। --------------------------------------- ईश्वर नंगा हो रहा है। ईश्वर के रूप,स्वरूप को लेकर जब-जब दंगा हो रहा है। ईश्वर नंगा हो रहा है। ईश्वर को अर्पित पुष्प,गंध,भोग पाकर तरलता त्याग जब,ठोस गंगा... Hindi · कविता 338 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read मनुष्य को मनुष्य सा संवार दो या। । । । । । --------------------------------------- आ शिव मैं तेरा श्रृंगार कर दूँ। सुलझाकर तेरी जटाओं को गंगा की अजस्र हर धार धर दूँ। चन्द्रमा को सजा किरीट सा सारा लौकिक सौन्दर्य बेकार कर दूँ... Hindi · कविता 147 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read कलम ----------------- कलम! रुको न, झुको न। न तो टूटो ही। अभी तेरे पेट में हर्ष और विषाद है बहुत। आहत भूत का अवसाद एकजुट। भविष्य का खाली कोख अद्भुद। नाग... Hindi · कविता 507 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी फलसफा फलसफा जिन्दगी ----------------------------------------------- जिन्दगी फलसफा फलसफा जिन्दगी। कायम रहता प्रतिकूलताओं में भी यह जाने है किसकी-किसकी वफा जिन्दगी। मृत्यु के श्लोक पढ़ते चले ताउमर और आतुर रहे हर्ष को जिन्दगी। जन्म से... Hindi · गीत 419 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 2 min read हिंदी में हम । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । कामना तो है हिंदी बढ़े गगन तक... Hindi · कविता 332 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read मिलते हैं शब्द मुहब्बत को मिलते हैं शब्द मुहब्बत को --------------------------------------- क्यों मिलते हैं शब्द मुहब्बत को ही? क्रोध की कविताएँ क्यों नहीं छलकती? घृणा से ओत-प्रोत जनसंख्या में मनुष्य। क्यों घृणा की हसरत कलम... Hindi · कविता 108 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read गाँव-बेटी ------------------ जिसकी हर जिद बेटे के फरमाईस के बाद पूरी किए जाने का आश्वासन जाता है दिया वह गाँव की तरह बेटी है-सपाट,सरल। परम्परा तो यही है- बाप निभाता है।... Hindi · कविता 108 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read क्षण भर ------------ (1) किसके मन का ताला तोड़ें? किससे अपना नाता जोड़ें! खण्डित है मानवता सबकी कहाँ-कहाँ अपना सिर फोड़ें? (२) हर सुन्दरता गौर वर्ण है हार गया इसलिए कर्ण है।... Hindi · कविता 177 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read होली ---------- चहुँदिश फैली चहल-पहल है होली ---------- चहुँदिश फैली चहल-पहल है आनेवाली है होली। मन की मस्ती,तन में गश्ती लगा रही है रंगोली। इन्द्रधनुष सी रंगी जा रही गोरी की अंगिया, चोली। मौसम युवा,जवानी ऋतु... Hindi · गीत 156 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी का जीवन ============== ब्रह्माँड के उमर के मानवीय वर्षों के एक लम्हे की घटना, जिन्दगी। इतरा-इतरा कर विवरण और वर्णन। समेटो तो चन्द लम्हों की जिन्दगानी कुछ लफ्जों की कहानी। खो जाना... Hindi · कविता 169 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read जीवन ----------- धूप-छाँह जैसा है जीवन। कभी खुशी कभी गम का दर्शन। दर्शन रचना का समझाता। नहीं समझने कभी ठहरता। कभी ठहरता नहीं ये जीवन। तन-मन जैसा बीत ही जाता। यादें... Hindi · कविता 352 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read गीत मैं गाता नहीं हूँ ============== गीत मैं गाता नहीं हूँ। उँगलियाँ स्थिर रखे हैं वीण पर; तूलिका है अनछुआ और रागिनी की राग या आलाप को चुपिया लिया है। दर्द की पीड़ा परन्तु, वीण... Hindi · गीत 173 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read लग गये मुझे हटाने लोग ---------------------------- कहते हैं कुछ गाने लोग। लगे मुझे आजमाने लोग। अब, जब कि सब छोड़ चुका मैं। आये मुझे पिलाने लोग। झूठ जुबाँ पर करे जुगाली। लगे हैं सच भरमाने... Hindi · गीत 138 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read आदमी---------- बहुतेरे उधेड़बुनों का लम्बा आदमी बहुतेरे उधेड़बुनों का लम्बा इतिहास है आदमी। और जिन्दगी से उठता हुआ विश्वास है आदमी। मुट्ठी भर राख के सिवा शायद कुछ नहीं और है। हर चौराहे पर एकाकी... Hindi · कविता 78 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read साल यह ------------------------------------------ साल यह कपाल पर न जाने क्या लिखाके आयेगा ! क्या पता यह दृश्य कौन परिदृश्य कौन विश्व को दिखायेगा? भय से निर्भय,अजय से जय दे दग्धता से कर... Hindi · कविता 118 Share Arun Prasad 28 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक:-शिक्षकौ-शिक्षका: व्यक्ति व समाज में शिक्षा का प्रवाह। प्रकाशित करे वह पन्ना जो है स्याह। शिक्षा वह जो करे प्रशस्त हर राह। मनुष्य के निर्माण की हथौड़ी व छेनी। बिखरे बालों... Hindi · कविता 495 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 2 min read करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो करो विद्रोह भीषण गर्भ धरती का न सोने दो। कफन को छीन लो इससे तथा नभ को न रोने दो। उठेगा बुलबुला सागर का छाती और उबलेगा। इसे अन्त्ज्य होने... Hindi · कविता 1 340 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read न्याय का अन्याय --------------------------------------------------- है मयस्सर नहीं न्याय लोगो तुझे,तुम उठो और उठाओ अपना ये शव। टाँग दो इसे आसमाँ में तथा,ताकि बनता रहे रौशनी का सबब। तुझे हो गुमां यह तेरा गजल,तुम्हारा... Hindi · कविता 354 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read मनुष्य ********************************************************* मनुष्य तुम मनुष्य हो मनुष्य से मनुष्य की तरह मिलो। मनुष्यता के वन,तड़ाग में प्रसन्न प्रसून की तरह खिलो। मानवोचित पुरुष शुरू करो विश्व के कुटुंब का सिलसिला। है... Hindi · कविता 203 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read गीत ------ रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार ------ रात ढल गयी खोई -खोई ,सुबह रहा है पंख पसार। चाँद पियासा थककर सोया,प्यासा रह गया मेरा प्यार। दीप जला तों होगा सजनी। शाम ढली तों होगी कल भी।... Hindi · गीत 226 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 2 min read ईश्वर का साक्षात्कार ************************************* चरम ख़ामोशी चरमपंथियों की नाईं हठी और हीनत्व तक पतित रात्रि के अंधकार में उजाला सा पसरा था,क्यों? तुम खामोश किकर्तव्यविमूढ़ता तक मुर्ख उसके लिए नारे ढूंढने को व्यस्त... Hindi · कविता 337 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read कुछ पंक्तियाँ ------------------------------------------------- मेरा जीवन है पर,कोई रंग नहीं है। मैं हूँ, पर, आत्मा मेरे संग नहीं है। तुम्हें जीतकर क्योंकि, पराजित हूँ। तुम्हारा सुख छीनने को शापित हूँ। तुम्हें जीतना उपलब्धि... Hindi · कविता 229 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read मेरा गुरु ******************************************* मेरी चेतना जब कण से बना पर्वत तब पर्वत पिघलकर बना मेरा गुरु। मैं हुआ शुरू। सूरज के प्रकाश में भागना है और कि कैसा और क्या होता है... Hindi · कविता 1 312 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read प्रणाम सर! ***************************** शिक्षक:-शिक्षकौ-शिक्षका: व्यक्ति व समाज में शिक्षा का प्रवाह। प्रकाशित करे वह पन्ना जो है स्याह। शिक्षा वह जो करे प्रशस्त हर राह। मनुष्य के निर्माण की हथौड़ी व छेनी।... Hindi · कविता 229 Share Arun Prasad 27 Sep 2021 · 1 min read चुनाव के लिए चलो चुनाव के लिए स्वयं को तो तलाश लें। सुदृढ़ समाज के लिए खोज एक प्रकाश लें। बुरी तरह विकृत हुआ चुनाव के ये वास्ते। निम्नता के तल तलक गिर... Hindi · कविता 199 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read वोट ---------------- वोट सिर्फ वोट है न,है वज्र का कठोर धार। सुबह के सूर्य सा है तीव्र,अस्त्र है इसे सम्हार। भूख से उदर जले या प्यास से ये कंठ द्वार। ओठ की... Hindi · कविता 179 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read गजल ००--- हमारे हाथ में बस जिन्दगी का एक दिन है हमारे हाथ में बस जिन्दगी का एक दिन है। कहते लोग कैसे जिन्दगी यह चार दिन है। वो दिन जब कयामत हमसे होगा रूबरू जी। वही तो मौत का उपहास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 194 Share Arun Prasad 26 Sep 2021 · 1 min read गजल --- अभी जो रात है और जो अँधेरा है अभी जो रात है और जो अँधेरा है। कल की कोख का खूबसूरत सबेरा है। शहर की चारदीवारी में बंद दरवाजे। कर्म से तेरे खुलेंगे वादा यह तेरा है। किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share Previous Page 9 Next