Language: Hindi
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शायरी के खुदा मीर ने रूलाया हमें
Zo Zo Sandeep Yadav
जब से आकर शहर में रहता हूँ
Zo Zo Sandeep Yadav
दाग लगाया जा रहा है
Zo Zo Sandeep Yadav
सच है कि तेरे शहर में मकान बहुत हैं
Zo Zo Sandeep Yadav
लुटी हुई तिजोरी पे ताला नहीं लगाते
Zo Zo Sandeep Yadav
परिधान मतलब का बुनने लगे
Zo Zo Sandeep Yadav
करो तुम कर्म ऐसा कि खुद अवसर द्वार आ जाये
Zo Zo Sandeep Yadav
प्रेम गली से उड़ा जो खत मै लाया हूँ.....
Zo Zo Sandeep Yadav
तबसे शहर भी वीरान है...
Zo Zo Sandeep Yadav
इलाहाबाद तक चले आये..
Zo Zo Sandeep Yadav
हिन्दू और मुस्लिम हैं भाई तुम क्या उन्हें लड़ाओगे
Zo Zo Sandeep Yadav
चन्दा का धन्धा
Zo Zo Sandeep Yadav
कबीरा और मीरा सा कोई दिलवाला बन जाये
Zo Zo Sandeep Yadav
हमारे बीच नफरत की खड़ी दीवार ढ़ह जाये
Zo Zo Sandeep Yadav
पावन प्रेम ...
Zo Zo Sandeep Yadav
इस तिरंगे को आजाद से प्यार है....
Zo Zo Sandeep Yadav
चले जाते हो....
Zo Zo Sandeep Yadav
जन-गण-मन अमर ये गान रहे ___
Zo Zo Sandeep Yadav
दिवाना मै तेरा दिवाना
Zo Zo Sandeep Yadav
अखबार रोता है...
Zo Zo Sandeep Yadav