Zo Zo Sandeep Yadav Tag: ग़ज़ल/गीतिका 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Zo Zo Sandeep Yadav 10 Sep 2018 · 1 min read जब से आकर शहर में रहता हूँ जब से आकर शहर में रहता हूँ, इक अजीब से सफर में रहता हूँ॥ खुल के हँसना व रोना भी मना है क्यूंकि मै किराये के घर में रहता हूँ॥... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 466 Share Zo Zo Sandeep Yadav 15 Mar 2018 · 1 min read सच है कि तेरे शहर में मकान बहुत हैं सच है कि तेरे शहर में मकान बहुत हैं, बुनियाद इनकी है नई नादान बहुत हैं। अब मुझे तन्हाइयों से न कोई शिकवा आने वाले घर मेरे मेहमान बहुत हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share Zo Zo Sandeep Yadav 15 Mar 2018 · 1 min read लुटी हुई तिजोरी पे ताला नहीं लगाते इस दिल की सुखन अब सुनायेगा कोई, नीड़ से पंक्षियों को अब उड़ायेगा कोई। जान जाये न मेरी अहमियत ये दुनिया, अपनी शुर्खियों को अब छुपायेगा कोई॥ देखकर कोई कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 462 Share Zo Zo Sandeep Yadav 15 Mar 2018 · 1 min read परिधान मतलब का बुनने लगे दर्द हमने न दिल का सुनाया उन्हें दर्द उनको मिला खुद समझने लगे। एक दिन फिर मिले तन्हा-तन्हा दिखे देखकर हमको वो भी सिसकने लगे॥ उनसे ताल्लुक तो कोई नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Zo Zo Sandeep Yadav 30 Jan 2017 · 1 min read चले जाते हो.... मुझसे नजरें मिलाकर चले जाते हो, दिल ये मेरा चुराकर चले जाते हो।। कहना चाहूँ अगर कुछ भी सुनते नही, हाथ अपना छुड़ाकर चले जाते हो।। बात दिल की दबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share Zo Zo Sandeep Yadav 22 Jan 2017 · 1 min read जन-गण-मन अमर ये गान रहे ___ जन-गण-मन अमर ये गान रहे-2 यह भारत देश महान रहे ।। सरहद पर मर मिटने वाला स्वर्णिम हर एक जवान रहे।। हिमालय पर फहराए तिरंगा-2 भले कीमत इसकी जान रहे।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share