Govind Modi 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Govind Modi 25 May 2020 · 1 min read ईद एक शेर है कि तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी लेकिन मैं कहता हूं कि ईद पर क्या हुआ जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 6 562 Share Govind Modi 24 May 2020 · 1 min read वक्त वक्त रोकना चाहा था हर बार मगर वो निकल गया आगे पीछे देखा भी, न जाने कब किधर गया। लम्हे चुरा चुरा कर मैंने कई बार संजोये, सुंदर पल, अगले... Hindi · कविता 9 4 366 Share Govind Modi 24 May 2020 · 1 min read मजदूर और बस की राजनीति सच बताना कि तुमने "बस" हमारे लिए की थी हमें तो लगा कि, "बस" दिखाने के लिए की थी। कहो तो सही, रास्तों के रेलों की गवाह बनकर खाली बसें... Hindi · कविता 9 1 251 Share Govind Modi 25 May 2020 · 1 min read ईद मुबारक दुआ करो कि ईद का मौका है सहारा की तपिश के बीच रोज़ो की पाक दुआओं से पल्लवित आया हवा का झोंका है। रमजान के महीने में ईदी की चुलबुलाहट... Hindi · कविता 8 221 Share Govind Modi 25 May 2020 · 1 min read बेवफाई तुम्हें क्या मिला। मुझे तो दर्द मिला तुम्हे क्या मिला। सुबह की अरुणाई से नहाने के सुकून के बाद मुझे तो तपन मिली, तुम्हें क्या मिला। दरकता है, मेरा जिस्म... Hindi · कविता 8 3 460 Share Govind Modi 25 May 2020 · 1 min read एक दीपक तो जला दो - कोरोना संक्रमण @korona एक दीपक तो जला दो डर, बहम और संक्रमण से भय के अंधेरे आक्रमण से जीत का आगाज करके घर की सीमा ही में रहकर अनुशासन की बाड़ बना दो।... Hindi · कविता 7 2 246 Share Govind Modi 25 May 2020 · 1 min read प्रणय की कल्पना सोचा था कि जीवन भर साथ तुम्हारे हर्षाउंगा सोचा था कि मन मंदिर में सपनो का इक सुंदर बाग लगाऊंगा। सोचा था कि संग तुम्हारे मन मयूर नाचेंगे सोचा था... Hindi · कविता 6 4 467 Share Govind Modi 26 May 2020 · 1 min read बदमाश ड्रैगन निर्णयअब लेने का समय आ गया है। धूर्त वह मक्कार, चालबाज है स्वार्थ से भरपूर, बदमिजाज है, बदमाश, बाजारू और घटिया है वो दुनिया के मुल्कों का वह गुनाहगार है।... Hindi · कविता 6 6 540 Share Govind Modi 29 May 2020 · 1 min read रुख इधर का भी कभी किया करो। फिक्र एक दूजे की किया करो दूर से ही सही नजदीकियां किया करो। मजबूरी का आलम तो बहाना है जमीं पर यादों की कभी सफर किया करो। बेमौसम बरसात भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 2 432 Share Govind Modi 3 Jun 2020 · 1 min read साथ वही है। साथ वही जो मन मधुबन को सुरभित और पल्लवित कर दे साथ वही जो हृदय अंक को प्रेम के आलिंगन से भर दे। हाथों के खालीपन को जो पकड़ रखे... Hindi · कविता 2 1 222 Share Govind Modi 4 Jun 2020 · 1 min read हथिनी की बेरहम हत्या हवाएं रुक क्यों न गई, धड़कनें थम क्यों न गई इंसानियत हुई शर्मसार, सुकून-ए-बहर क्यों न गई। हैवानियत का वीभत्स चेहरा उभरा है फिर से देख कातिल का तरीका, साजिशें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 471 Share