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जरुरत क्या है मै दुश्मन बनाऊ ज़माने को जब मेरे अपने ही काफ़ी है मुझे रुलाने को
zahatana zahatana
आज कह रहा हु तू ज़िन्दगी है मेरी
zahatana zahatana
तुझे कुछ इस तरह सजाएंगे
zahatana zahatana
कविता
zahatana zahatana
किया है ज़िन्दगी(?), एक नाम है ज़िन्दगी (!)
zahatana zahatana