5
posts
कविता
zahatana zahatana
तुझे कुछ इस तरह सजाएंगे
zahatana zahatana
किया है ज़िन्दगी(?), एक नाम है ज़िन्दगी (!)
zahatana zahatana
आज कह रहा हु तू ज़िन्दगी है मेरी
zahatana zahatana
जरुरत क्या है मै दुश्मन बनाऊ ज़माने को जब मेरे अपने ही काफ़ी है मुझे रुलाने को
zahatana zahatana