विजय कुमार सिंह Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय कुमार सिंह 10 Feb 2017 · 1 min read बनवारी (मत्तगयंद छंद सवैया) गोकुल ग्राम सजै जब केशव बाँसुरिया धुन बाजत प्यारी संग सखी सब नाचत ग्वालिन दर्श दिखावत हैं बनवारी ग्वाल सखा सब केशव संगहि माखन खावन गागर ढारी देखत टूटन गागरि... Hindi · कविता 1 1 464 Share विजय कुमार सिंह 3 Feb 2017 · 1 min read चुनावी शतरंज तू डाल डाल चले तो मैं चलूँ पात पात राजनीति में क्या घात क्या प्रतिघात I पिता को पटखनी देकर पुत्र ने जीता दंगल राजनीति में रिश्तों का खूब हुआ... Hindi · कविता 317 Share विजय कुमार सिंह 17 Jan 2017 · 2 min read जननी जन्म से वंचित क्यों ? दोहा गर्भ में नहीं मारिये, जगजननी का रूप I बिटिया घर को सींचती, पीहर सासुर कूप II चौपाई खुशियां मिली झूमना चाहूँ I गर्भ से नभ चूमना चाहूँ II मानव... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 617 Share विजय कुमार सिंह 31 Dec 2016 · 2 min read गुरु गोविन्द सिंह चालीसा दोहा गुरु को नमन कीजिये, महिमा होय अपार I प्रकाशपर्व कि बेला, होगा बेड़ा पार II चौपाई दिल्ली की गद्दी पर बैठा I जालिम शाशक था वो ऐंठा II औरंगजेब... Hindi · कविता 1 1k Share