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किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह हैं
Vivek Pandey
धड़कनो की रफ़्तार यूँ तेज न होती, अगर तेरी आँखों में इतनी दी
Vivek Pandey
आईना प्यार का क्यों देखते हो
Vivek Pandey
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
Vivek Pandey
दिलों की बात करता है जमाना पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है"
Vivek Pandey
आज के ख़्वाब ने मुझसे पूछा
Vivek Pandey
सारे द्वार खुले हैं हमारे कोई झाँके तो सही
Vivek Pandey
लड़ते रहो
Vivek Pandey