V.k.Viraz 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 7 Feb 2025 · 1 min read ■【 शाम डरती है 】■ असहनीय वेदना असनहीय वियोग रोज़ाना प्रतिदिन ह्रदय के झरने से बहती है, शाम होने से शाम डरती है। ख़ालीपन का बाज़ार सजे, तन मन सब काँप उठें छिन्न भिन्न ह्रदयों... 1 133 Share V.k.Viraz 7 Jul 2023 · 1 min read (( इश्क़ का क़ातिल वो जालिम )) 【 उसने 'इश्क़' मार डाला, फिरभी क़ैद से बाहर है 】 【 मैंने 'वफ़ा' बचाई, फ़िरभी सज़ा हो गई 】 V.k.Viraz 2 2 223 Share V.k.Viraz 22 Jul 2022 · 1 min read ■// जुबां-ए-विराज़ //■ अहल-ए-दिल अबभी वही है मुझमे शख्स रहता अबभी वही है। उसने वक़्त न दिया तो उसे ग़लत समझूँ बात ये बिल्कुल भी सही नही है। न दे सके कोई बहुत... Hindi · Poem 3 2 306 Share V.k.Viraz 15 Jul 2022 · 1 min read !! झूठा इश्क़ !! झूठा इश्क़ करो ख़ुश रहोगे सबको इग्नोर करो ख़ुश रहोगे। लॉयल रहोगे तो रोओगे बहुत बेईमानी से इश्क़ करो ख़ुश रहोगे। वफ़ा करता नही कोई जमाने मे तुमभी मत करो... Hindi 4 296 Share V.k.Viraz 2 Jun 2021 · 2 min read ●■ मैं ख़ुद में बदलाव लाऊँगा ■● किसी और पे उम्मीद न जगाऊँगा न दुनिया से कोई आस लगाऊंगा। मैं उस दिन कहूँगा अपनी मदद करने को जिस दिन मैं भी किसी को सहारा लगाऊंगा। दुनिया को... Hindi · कविता 3 6 423 Share V.k.Viraz 5 May 2021 · 1 min read ■ सुर या असुर इंसान ■ तुम सुर हो के असुर मुझे बता दो इंसानों इस गहरे राज़ से पर्दा आज उठा दो इंसानों। खोल दो आज हक़ीक़त का चिट्ठा अपने, सच जो हैं सबके सामने... Hindi · कविता 3 2 665 Share V.k.Viraz 24 Apr 2021 · 1 min read दुनिया पूरी क़ायनात को बस ये ही बीमारी है कि दुनिया ही मुसीबतों की जड़ सारी है। ख़ुद को कभी कोई शामिल करता नही, बस बदनाम करने का काम जारी है।... Hindi · मुक्तक 1 2 890 Share V.k.Viraz 24 Mar 2021 · 1 min read *रंग बदलता शहर* रंग बदलते शहर में गुजारा कैसे होगा गैर होकर कोई हमारा कैसे होगा। मुझे उम्मीद नही किसी और से यहाँ टूटते तारे का कोई सहारा कैसे होगा। Hindi · मुक्तक 2 387 Share V.k.Viraz 9 Mar 2021 · 1 min read *ईमान के पहरेदार* हुक़ूमत-ऐ-नफऱत है प्यार कि मिनारों पर ईंटे पड़ रहीं भारी ऊँची दीवारों पर। निकल रहे बचकर काले पाप के ठेकेदार लग रहा इल्ज़ाम ‘ईमान’ के पहरेदारों पर। V.k.Viraz Hindi · मुक्तक 1 2 462 Share V.k.Viraz 3 Mar 2021 · 1 min read {◆काश जीवन से समझौता कर लेते◆} न गिरते अश्रु धारे,न चिंता मन को खाती न ह्रदय रोग उभरता,न ज़िंदगी कठिन कहलाती। गर अड़चनों से दृढ़ता का सौदा हम कर लेते। काश जीवन से समझौता हम कर... Hindi · कविता 3 2 466 Share V.k.Viraz 2 Mar 2021 · 1 min read उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है? मौत को शिकस्त दे पाया कौन है उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है। दो-चार क़दम का सभी का सफर है, पूरे रास्ते पे चल पाया कौन है।... Hindi · कविता 3 4 586 Share V.k.Viraz 13 Feb 2021 · 1 min read ∆■हसीं लम्हों तुम्हें लोटना होगा■∆ कोई अपना तुम्हारा ग़मों की भीड़ से घिरा है। तड़प रही है आत्मा उसकी वो बुरी सी किसी तक़दीर से घिरा है। थक गया है वो चूर हो होकर जी... Hindi · मुक्तक 2 5 440 Share V.k.Viraz 8 Feb 2021 · 1 min read 【◆जब सितारे गर्दिश में हों◆】 जब सितारे गर्दिश में हो तो चुभ जाते हैं फूल साफ़ पड़े कमरे में भी लग जाती है धूल। हट जाते हैं सर से अपनों के भी सहारे। किनारे में... Hindi · कविता 1 3 672 Share V.k.Viraz 6 Feb 2021 · 1 min read **मैं परेशानी हूँ** आना जाना है काम मेरा सुख दुख दिखाना है काम मेरा। बैरी नही किसी की मैं न ही किसी की साथी हूँ। सौंप के स्वयं को तुम्हें जीना सिखाना है... Hindi · कविता 3 4 382 Share V.k.Viraz 3 Feb 2021 · 1 min read *कुछ खत मोहोब्बत के * पैसों के दौर में हम ग़रीब लगे उसे। शायद इसलिए वो हमसे नज़रें चुराकर गई। निभा न सके हम उससे जिस्मानी मोहब्बत शायद इसलिए वो हमसे हाँथ छुड़ाकर गई। प्यार... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 526 Share V.k.Viraz 2 Feb 2021 · 1 min read ** कुछ तो है ** ख़ुशी न सही ज़िन्दगी में ग़म तो है। कुछ न होने से बेहतर है के कुछ तो है। भौतिक चीजों की मुझे अब ज़रूरत नही। मेरे अंदर का एक महल... Hindi · कविता 1 8 402 Share V.k.Viraz 1 Feb 2021 · 1 min read **ये दुनिया छल की नगरिया** ये दुनिया छल की नगरिया यहाँ सब का अलग नज़रिया। हर चीज़ का यहाँ पर दाम है ये दुनिया महँगी बजरिया। यहाँ सब मुसाफ़िर इसके हैं संघर्ष में सब पिसते... Hindi · कविता 1 377 Share V.k.Viraz 31 Jan 2021 · 1 min read ■● तुम न करोगे तो कौन करेगा ●■ न टालो किसी और पर अपनी जिम्मेदारी का भार न रुको की कोई और होगा हर मुश्किल उठाने को तैयार तुम न रखोगे पहला पग तो अपना पग कौन धरेगा... Hindi · कविता 1 483 Share V.k.Viraz 29 Jan 2021 · 1 min read ■【चाहे हार हो चाहे जीत हो】■ अब हार हो चाहे जीत हो चाहे युद्ध हो चाहे प्रीत हो करना है हर दरिया पार अब चाहे सुख मिले चाहे टीश हो। चाहे फ्लॉप फ़िल्म सा पिट जाऊँ... Hindi · कविता 2 2 438 Share V.k.Viraz 22 Nov 2020 · 1 min read ■■ कलयुग अंत ■■ हद से ज्यादा द्वेष,पाप जब बढ़ जाएगा अंत कलयुग का तब आएगा। संभोग की लालसा स्त्री को सताएगी पुरुष बहनों तक से हवस मिटाएगा। दया धर्म सब मिट चुका होगा... Hindi · कविता 1 2 530 Share V.k.Viraz 20 Nov 2020 · 1 min read \मजबूर हूँ मैं// कुछ मै हूँ मजबूर,कुछ वक़्त मेरा है अच्छा हूँ इसलिए,सबने आ घेरा है। Hindi · शेर 1 3 538 Share V.k.Viraz 19 Nov 2020 · 1 min read #क़ाबिल /// मेहनत -ऐ- महफ़िल में शामिल हो जाइये। कुछ न कीजिए तो बस क़ाबिल हो जाइये। Hindi · शेर 2 596 Share V.k.Viraz 13 Nov 2020 · 1 min read माँ-बाप-और बेटा पार्ट 2 ◆ --------------------------- क्या हुआ के माँ बाप ने कुछ कह दिया तुझे इस बड़े संसार मे अमूल्य जीवन दिया तुझे। बातें आज उनकी तुझे बे-फिजूल लगती हैं जिन बातों से जीने... Hindi · कविता 656 Share V.k.Viraz 30 Oct 2020 · 1 min read ●■ मैं अगर भगवान हुआ तो ■● मैं अगर भगवान हुआ तो दुनिया नई बनाऊंगा। हर जाति बस जाएगी इंसान नही बसाउंगा। ये हैं मानव रूपी शैतान लेते सिर्फ़ हवस का ज्ञान। कई दफाइन्हें दियाजीवन पर अब... Hindi · कविता 1 605 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **मोम न बनो** पत्थर मोम बना तो पल में पिघल गया। इंसान मोम बना तो हरकोई निग़ल गया। Hindi · शेर 1 2 587 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **हमदर्द न बनो** बेवज़ह न किसी के हमदर्द बनो, दुनिया जीनी है तो खुदगर्ज बनो। Hindi · शेर 1 588 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **बात पैसों की** दोस्ती वहीं आकर अटक जाती है जहाँ पैसों की बात पड़ जाती है। Hindi · शेर 1 4 585 Share V.k.Viraz 28 Oct 2020 · 1 min read ◆◆मेरा सफ़र◆◆ मैं जिस राह चला हूँ वो राह अलग है। हर तरफ काँटे हर तरफ मौत ही मौत है। दु:ख है दर्द है और हैं काली रातें, सन्नटा है, अंधेरा है... Hindi · कविता 1 409 Share V.k.Viraz 26 Oct 2020 · 1 min read ज़िन्दगी से डरा गया कोई आग जीवन मे लगा गया कोई दिल को मेरे दुखा गया कोई। लहराता हुआ मैं इक़ फूल था, रूखी बातोंसे जिसे मुर्झा गया कोई। देखे थे मैंने भीऊँचे महलों के... Hindi · कविता 2 1 347 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read 【■ शराबी ■】 हालातों ने मुझको बनाया शराबी वरना थी न मुझमें तनिक खराबी। अब जो मैं पीता नजर आता हूँ, समझों केबस गम भुलाए जाता हूँ। बिन पिये रहे मेरे क़दम लड़खड़ाते... Hindi · कविता 2 1 414 Share Page 1 Next