Vipin Jain 65 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Vipin Jain 3 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार प्रियतम तुम उषा की लालिमा सी कान्तिवान युक्त मधुमास हो। प्रियतम तुम पंखुड़ियों की सुवास सी मन के सुभाषित होने का आधार हो। तुम हिरनी सी चपल कोयल सी मधुर... 46 Share Vipin Jain 3 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार इश्क छुपाए कैसे हमे भी कोई तो समझाए। हमारे तो बिना किए ही चर्चे आम हो जाते है। इश्क कैसे करते है इसका नुस्खा तो कोई बताए। हम तो हस... 1 35 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार तुम्हारी अंखियो का काजल बन जाने की तमन्ना है। तुम्हारे लहराते केशो में उलझ जाने की तमन्ना है। मन करता है तुम्हारे फिसलते आंचल में समा जाऊं। तुम्हारे वजूद में... 61 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार इश्क की घुमावदार गलियों से गुजरना आसान नहीं। महबूब के अंदाजे बयां समझ पाना कुछ आसान नहीं। शायरों ने अपनी कुब्बत लगा दी इश्क को कहने में। पर इश्क को... 34 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार चांद के दीदार से बेहतर है तुम्हारे हुस्न का दीदार। कलेजे को शीतल आनंदित कर देता रुप का संसार। मोहनीय मूरत तुम्हारी इशक की ज्वाला भड़का देती है। सूर्य की... 42 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार तुम्हारे शहर की मस्त हवा रूमानी हो गई है। तुम्हारी गलियों की फिज़ा मस्तानी हो गई है। तुम्हारे घर का आंगन चमन सा महक गया है। यह देख मेरी चाल... 39 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार सर्दी में इश्क में और भी निखार आ जाता है। दिलों में तपिश का एक ज्वार सा छा जाता है। आगोश में सिमट जाने की बढ़ जाती है चाहत। लंबी... 67 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार सर्द हवाएं हैं तुम्हारे रुप की गुलाबी का क्या कहना। ठंड से ठिठुरते बदन में तुम्हारी गर्माहट का क्या कहना। मिले जो दो फूल आपस में निकली सुगंध का क्या... 38 Share Vipin Jain 2 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार सावन की फुआरे दिल में रूमानियत को भर देती है। यह फुआरे मेरे दिल को तुम्हारे ओर भी करीब कर देती है। बरसात हो हम हो तुम हो तब भीगने... 46 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार मेरे सपनो की कहानियो की नायिका हो तुम। मेरे साए से भी ज्यादा मेरे बहुत करीब हो तुम। मन करता है मुहब्बत के तराने तुम्हारे लिए लिख दूं। जब होश... 30 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार सावन की फुआरे दिल में रूमानियत को भर देती है। यह फुआरे मेरे दिल को तुम्हारे ओर भी करीब कर देती है। बरसात हो हम हो तुम हो तब भीगने... 30 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार मेरे सपनो की कहानियो की प्रिय नायिका हो तुम। मेरे साए से भी बहुत ज्यादा मेरे करीब हो तुम। मन करता है मुहब्बत के तराने तुम्हारे लिए लिख दूं। जब... 45 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read श्रंगार अर्चना जी की कविताए दिल और दिमाग मे सकूं कर देती है। कभी गुदगुदाती कभी सौन्दर्य मे बहाती कभी दिल मे घाव दे देती है। हो रहा है आपकी अनुपम... 32 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read Vimochan अर्चना जी की कविताए दिल और दिमाग मे सकूं कर देती है। कभी गुदगुदाती कभी सौन्दर्य मे बहाती कभी दिल मे घाव दे देती है। हो रहा है आपकी अनुपम... 41 Share Vipin Jain 1 Jul 2024 · 1 min read Adhyatam अहिंसा का पथ जिसने संसार को है दिखलाया। जिओ और जीने दो का पाठ संसार को है पढाया। मै ही नही सत्य तुम भी सत्य हो यह भाव बताया। जाना... 48 Share Previous Page 2