Dr Vipin Sharma 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr Vipin Sharma 31 Dec 2017 · 1 min read साल दर साल बीत जाने दो साल दर साल बीत जाने दो एक नया साल फिर से आने दो। उम्र अब भी हमारी कमसिन है दिल के जज़्बों को आज़माने दो। रंग भर दो फिज़ाओं में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share Dr Vipin Sharma 30 Dec 2017 · 1 min read धूप का एक कोना छिटक जाता है धूप का एक कोना छिटक जाता है ज़िंदगी का वक्त निकल जाता है। खाहिशों के अक्स में ढलती है ज़िन्दगी अक्स टूटा और अक्स बिखर जाता है। चाहते हैं सकूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share Dr Vipin Sharma 29 Dec 2017 · 1 min read अनन्त प्रश्न जीवन ज्योति जलाने वाले जीवन ज्योति बुझाता क्यों है। जीवन को मुस्काने वाले दुख के बादल लाता क्यों है। प्यासे मन का अमृत बन कर तूने तृप्त किया तन तन... Hindi · कविता 284 Share Dr Vipin Sharma 28 Dec 2017 · 1 min read हम क़ुदरत से जुदा हो गए हैं हम क़ुदरत से जुदा हो गए हैं शायद खुद ही से खफा हो गए हैं। जी रहे थे हम जिन के सहारे उन्ही से बेवफ़ा हो गए हैं। काट देते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share Dr Vipin Sharma 28 Dec 2017 · 1 min read चले जा रहे हैं जो कल थे सितारे चले जा रहे हैं जो कल थे सितारे वो रोशन थे करते फ़िज़ा ज़िन्दगी की। लुटाते थे मुस्कान हँसाते थे सबको वो हसरत से भरते खला ज़िन्दगी की। दिखाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share Dr Vipin Sharma 27 Dec 2017 · 1 min read संभल के जीना ज़िन्दगी के पल दो पल संभल के जीना ज़िन्दगी के पल दो पल संभल के जीना कि ज़िन्दगी अभी बाकी है। न खोना इन पलों को और न ढोना इन्हें संभल के रहना कि बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 842 Share Previous Page 2