वीर कुमार जैन 'अकेला' 369 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Mar 2024 · 1 min read सच वो तमाम उम्र रोटी पर नमक और प्याज रख कर अपनी भूख मिटाता रहा और देश का पेट भरने को अनाज उगाता रहा। और एक अमीर आदमी डाइनिंग टेबल पर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · लेख 3 140 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 Aug 2023 · 1 min read सुहागन बनाम अर्धांगिनी सिन्दूर भी लगाया और बिंदिया भी है लगाई। निशानीयाँ ये सुहाग की हैं तो सुहागन कहाई।। सात फेरे अग्नि के और सात वचन भी लिए। तब जाके अपने पति की... Hindi · मुक्तक 1 203 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 2 min read वो क्या था वो क्या था बचपन में जब पिता जी ने अपने कंधे पर बिठा कर मेला घुमाया था तब मुझे नही पता था वो क्या था थोड़ा बड़ा हुआ तो गोद... Poetry Writing Challenge · कविता 1 508 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 1 min read जिंदगी साज छेड़ो जिंदगी की सरगम पर उदासियाँ सभी दूर हो जाएंगी स्याही पन्नों की अब सूखने लगी किताब पढ़ने के लायक हो जाएगी कुछ पन्ने लिखो खुशियों से भरे कुछ... Poetry Writing Challenge · गीत 1 206 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 1 min read माँ मां के लिए कुछ लिखूं मेरी कलम में ताकत नही मां की ममता का बखान करूं शब्दों में ताकत नही नो महीने गर्भ में रख जन्म देती है वो होती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 301 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 2 min read बाबू जी जीवन मिला जिनसे, वो जीवनदाता हैं पिता !! पुकारा जाए चाहे जिस भी भाषा में कहकर पापा, बाबा, बाबूजी हर बोली में इनके लिए है वही प्यार और सम्मान भरा।।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 365 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 May 2023 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता की बीमारी ने इस तरह जकड़ लिया है। एक हाथ में मोबाइल और एक में रिमोट पकड़ लिया है।। दोनों अंगूठे बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। एक मोबाइल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 215 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 19 May 2023 · 1 min read एक बेटी की अनुभूति पापा के लिए मैं जब मां की कोख में आई थी पापा के चेहरे पर खुशी छाई थी सबकी बेटे के लिए फरमाइश थी बेटी चाहिए पापा की ख्वाहिश थी मेरे जन्म लेने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 453 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 May 2023 · 1 min read ठिकाना ठिकाना दुनिया से चले जाने वालों का ठिकाना पता हो तो बता दो ना कहते हैं भगवान के घर चला गया उसके घर का ही पता बता दो ना वो... Poetry Writing Challenge · कविता 245 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 May 2023 · 1 min read पुकार सुन लो कटते हुए दरख्तों की तुम गुहार सुन लो रुंधे गले से सिसकी भारी पुकार सुन लो परिंदों के घरोंदों को डाल न मिल पाएगी मुसाफिर को धूप में छांव न... Poetry Writing Challenge · कविता 1 334 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 May 2023 · 1 min read व्यथा चंद मुठ्ठी भर लोगों ने ये कैसा कहर बरपाया है। हथियारों को लहराते हुए कैसे सबको डराया है।। पत्थरों का प्रहार कर शीशे सब चकनाचूर किये। अग्नि ज्वाला में भस्म... Poetry Writing Challenge · कविता 1 155 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Apr 2023 · 1 min read शेर खुशी मयस्सर भी ना हुई गम का पहाड़ टूट गया। मेहंदी लगी रह गयी और शौहर का संग छूट गया।। इधर बिदाई हुई उधर दुश्मन ने धावा बोल दिया। देश... Hindi · ग़ज़ल 1 201 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 7 Feb 2023 · 1 min read शेर मोहब्बत संजीदगी से अदा की जब मैंने उनसे। हश्र में एक पलंग मिला शहर के अस्पताल में।। तबस्सुम उनके चेहरे का छिपाए ना छिप सका। वो समझते हैं मोहब्बत दफन... Hindi · ग़ज़ल 226 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Jan 2023 · 1 min read भारत का लाल दूध की नदियां बहती हो जिस भारत माँ के आंचल से। उसका कोई क्या बिगाड़ेगा गोली से तीर या तलवार से।। दूध पीकर जिसके सीने का हर वीर सिंहनाद करता... Hindi · कविता 282 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 8 Dec 2022 · 1 min read वर्तमान अतीत को भूलकर भविष्य की चिंता ना करते हुए जो जी रहा है वर्तमान को वही शख्स तो है खुश अपनों के साथ एक अनोखा अपनत्व लिए जो छोड़ गए... Hindi · Daily Writing Challenge 1 185 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Nov 2022 · 1 min read हूँ मैं नींद हो तुम तो ख्वाब हूँ मैं तुम्हारे सवालों का जवाब हूँ मैं इश्क मेरा नही है पल दो पल का तुम्हारी हर किताब का गुलाब हूँ मैं Hindi · मुक्तक 185 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Oct 2022 · 1 min read शेर हमने अपनी तबाही का मंजर देख लिया। जब उसको छत पर आते हुए देख लिया।। नज़रें मिली होंठ मुस्कुराए इशारा हो गया। मासूम समझा जिसे दुर्गा का रूप देख लिया।।... Hindi · शेर 1 167 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Sep 2022 · 1 min read ना जाने कहाँ खो गए दिल में उठे ज़ज्बातों को खत में लिख दिया। अपनी प्रेयसी को मैंने आज एक खत लिख दिया।। प्यारी को प्यारी लिखा तो एक सिहरन सी होने लगी। आगे और... Hindi · गीत 229 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Sep 2022 · 1 min read फितरत अच्छी और सच्ची कही हुई बातें आसानी से समझ नही आती और जब तक समझ आने लगती हैं तब तक समय निकल चुका होता है और हाथ मलते ही रह... Hindi · संस्मरण 260 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Sep 2022 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता की बीमारी ने इस तरह जकड़ लिया है। एक हाथ में मोबाइल और एक में रिमोट पकड़ लिया है।। दोनों अंगूठे बखूबी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। एक मोबाइल... Hindi · कविता 1 291 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Sep 2022 · 1 min read मंज़ूर नही हम दोनों के बीच में ये दूरियां मंज़ूर नही छोटी ही क्यों ना हो लड़ाइयां मंजूर नही सुना है तकरार नही तो प्यार बढ़ता नही इश्क का बुखार कभी सिर... Hindi · गीत 359 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 21 Sep 2022 · 1 min read राजू श्रीवास्तव एक श्रद्धांजलि हंसने हँसाने की वजह बना आज वो सो गया। ना जाने कितनों को उदास कर कहाँ पर खो गया।। एक लंबी भयावह चुप्पी आज तुमको लील गई। इस तरह खामोश... Hindi · मुक्तक 216 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Sep 2022 · 1 min read प्रेम दीवानी दरस दीवानी मीरा पागल ज़हर का प्याला पी गई। लेकर ज़ुबाँ पर नाम कान्हा का पल सुनहरे जी गई।। सुन कर मुरलिया की धुन गोपियाँ दौड़ी चली आती थीं। मीरा... Hindi · कविता 1 167 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Sep 2022 · 1 min read दर्द अकेले होने का दर्द अब सहन नही होता। उसको खोने का दर्द अब सहन नही होता।। मेरी रग रग को छुआ था जिन हाथों ने। उन हाथों का जुदा होना... Hindi · कविता 273 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 9 Sep 2022 · 3 min read उत्सव शहर के एक छोर पर एक मिनी भारत बसता है। नाम भी है 'भारत सिटी'। बहु मंजिलों वाले टावर के साथ घूमने के लिए पार्क, चारों कोनों में भाईचारे के... Hindi · कहानी 261 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Sep 2022 · 1 min read बदलता परिवेश कागज कलम स्याही और दवात किसी कवि की कल्पना की सौगात न जाने कब बदल कर हो गए हैं अब मोबाइल लैपटॉप की-बोर्ड और हाथ Hindi · मुक्तक 201 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Sep 2022 · 1 min read सावन उफनने लगी हैं जब बरसात में नदियां फूलों की खुशबू से महकने लगी बगिया मैं भी गाने लगा हूँ सावन के लोक गीत आंगन में जब मेरे बरसने लगी है... Hindi · मुक्तक 242 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Sep 2022 · 1 min read मजाक मजाक मजाक में ये तो मजाक हो गया जिंदगी के साथ ये कैसा मजाक हो गया उसने बंदूक में गोली भरी और ट्रिगर दबा दिया जान मेरी गई उसके लिये... Hindi · मुक्तक 1 1 193 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Sep 2022 · 1 min read शस्त्र उठाना होगा जियो और जीने दो कहने वाले वीर के शासन में जी रहे है हम। जबरन कब्जा होता है मंदिरों पर देख कर कड़वे घूंट पी रहे है हम।। अहिंसा के... Hindi · कविता 2 586 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Aug 2022 · 1 min read मुक्तक बिना भावनाओं के मैंने शब्दों को जोड़ कर देखा। दिल कैसे टूटता है बेवफाई में मैंने तोड़ कर देखा।। ना गीत बना ना ग़ज़ल ना टूटने की खनक आई। आंखों... Hindi · मुक्तक 340 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Aug 2022 · 1 min read हंसी मैं एक जोकर हूँ दिल में छिपे गम के पहाड़ से खोज कर हंसी लाता हूँ। तभी तो सामने बैठे हुए लोगों को एक पल के लिए ही सही मैं... Hindi · कविता 249 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 Aug 2022 · 1 min read कैसे भूला दूं मैं नाम दिया, काम दिया और दाम भी दिया उसे कैसे भुला दूं मैं। इस कवि सम्मेललन का संयोजक है वो उसे कैसे भुला दूं मैं।। बुला कर मुझे मंच पर... Hindi · मुक्तक 177 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 16 Aug 2022 · 1 min read तिरंगे के रंग कल अमृत महोत्सव मना कर आज जब मैं स्कूल पहुंचा था। हर बच्चे का चेहरा खिला हुआ और कुछ के हाथों में तिरंगा था।। मैं मुस्काता जब क्लास में आया... Hindi · कविता 1 454 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read सामने वाली खिड़की हर सुबह जब मैं सो कर उठता था और मेन गेट पर ताला खोलने आता था अक्सर सामने की खिड़की खुली होती थी और एक मुस्कुराहट भरी नमस्ते होती थी... Hindi · कविता 156 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read मुसाफिर तुम इश्क़ की राह का गर मुसाफिर बनो, हाथ तुम्हारा थाम कर हमसफर बनूंगा मैं। कांटे बहुत मिलेंगे जब इस राह में तुम्हें, चादर गुलाब की राह में बिछा दूंगा... Hindi · कविता 229 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Aug 2022 · 1 min read अमृत महोत्सव सन सैंतालीस में हमने आज़ादी पाई थी। आज़ादी के मतवालों की गौरव गाथा गाई थी।। आज पिच्छतरवाँ आज़ादी दिवस मना रहे। अमृत महोत्सव है फिर से गौरव गाथा गा रहे।।... Hindi · कविता 1 265 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Aug 2022 · 1 min read घर है मकान नही ये मेरा घर है कोई छह कमरों का मकान नही पाकशाला एक ही है यहां दूसरी का काम नही गाय की रोटी एक और कुत्ते की एक निकलती है परिवार... Hindi · कविता 285 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Aug 2022 · 1 min read थाली का छेद जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद कराएंगे भारत में रह कर भी तिरंगा नही फहराएंगे ये कैसा दोगलापन है राम जाने खुदा जाने तिरंगा ना फहरा तो क्या... Hindi · मुक्तक 364 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Jul 2022 · 1 min read अलविदा यादें छोड़ जाते हैं पीछे, चले जाते हैं होकर कांधे पर सवार। कितनो को रुला जाते हैं , नही देखते पलट कर एक बार।। नियति देखो आंखों में भर आंसू... Hindi 380 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 20 Jul 2022 · 1 min read मकरंद सा गर सूंघे कोई मुझे तो महकूँ मकरंद सा। और खाए कोई तो लगूँ कलाकंद सा।। रस से भरी मुस्कान तेरी मानो हो रसभरी। खा के थूको तो बिखर जाऊँ गुलकंद... Hindi · मुक्तक 216 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 17 Jul 2022 · 1 min read ईमान वफ़ा की बातें करते हैं जब बेवफा लोग सच पर पर्दा डाल झूठ बोल जाते हैं लोग ईमान पर अपने कभी गुमान था मुझे बदनाम करने लगे हैं मेरे ईमान... Hindi · शेर 1 385 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 14 Jul 2022 · 1 min read हर चौराहे पर दर्द ए दिल मिल रहा शहर के हर चौराहे पर। अस्मत बहन बेटियों की बिक रही चौराहे पर।। फैसला अदालत में नहीं खुद को लेना होगा। लटका दो ऐसे दरिंदों... Hindi 188 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Jun 2022 · 1 min read चलो कुछ करते हैं बहुत दिनों से मायूस बैठे हैं वो चलो उनसे कुछ बात करते हैं क्या वज़ह हुई यूं उदास होने की चलो वो वज़ह तो पता करते हैं उदास चेहरे पर... Hindi · ग़ज़ल 170 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Jun 2022 · 1 min read शेर नफरतों को मत पालिये दिलों में जगह बहुत कम है क्यों ज़ाया करें प्रेम के ढाई है नफरत के हैं चार अक्षरों को भी क्यों कर ज़ाया करें बहुत आसान... Hindi · ग़ज़ल 1 209 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 18 Jun 2022 · 2 min read बाबू जी जीवन मिला जिनसे, वो जीवनदाता हैं पिता !! पुकारा जाए चाहे जिस भी भाषा में कहकर पापा, बाबा, बाबूजी हर बोली में इनके लिए है वही प्यार और सम्मान भरा।।... Hindi · कविता 342 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Jun 2022 · 1 min read पिता प्रतियोगिता का अंतिम दिवस भी आ रहा। पिता पर क्या लिखूं समझ नही आ रहा।। हाथों में मेरे जिन्होंने कलम पकड़ाया था। कागज पर क्या लिखना है सिखलाया था।। पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 264 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Jun 2022 · 1 min read नया दौर भ्रष्टाचारियों के चेहरे से नकाब हट रहे हैं। अत्याचारों के काले बादल अब छंट रहे हैं।। कौन कहता है खुशियां आएंगी कयामत के बाद। दरियां खुशियों के लबालब हो बह... Hindi · मुक्तक 231 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Jun 2022 · 1 min read चाँद आसमान में छाए घने काले बादल और तेरी काली ज़ुल्फें जब दोनों छटे चाँद नज़र आया एक वहां नज़र आया एक यहाँ नज़र आया आरज़ू थी चाँद छू लेने की... Hindi · कविता 359 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 May 2022 · 1 min read निभाता चला गया तुमने सौंपी थी जो मुझको जिम्मेदारियां तमाम उम्र मैं उनको निभाता चला गया। लिखे थे तुमने नग़में जो प्यार से भरे जुबां से अपनी उन्हें गुनगुनाता चला गया।। ना तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 3 365 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 May 2022 · 1 min read भूचाल कुछ वर्षों पूर्व किसी का घर तहस नहस हुआ था। परिवार समेत किसी की सोच से बिचारा दब गया था।। आज जागा है बरसों के बाद नींद में है अभी... Hindi · कविता 452 Share Page 1 Next