Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
217 posts
मँझधार
मँझधार
Varun Singh Gautam
___गोता
___गोता
Varun Singh Gautam
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
मैं तो अकर्मण्य हूँ
मैं तो अकर्मण्य हूँ
Varun Singh Gautam
क्रम में
क्रम में
Varun Singh Gautam
तुम्हारा
तुम्हारा
Varun Singh Gautam
दो सीमा है
दो सीमा है
Varun Singh Gautam
सन्ध्या के बाद स्त्री हो जाती
सन्ध्या के बाद स्त्री हो जाती
Varun Singh Gautam
एक औरत
एक औरत
Varun Singh Gautam
भोर में उगा हुआ
भोर में उगा हुआ
Varun Singh Gautam
रफ़्तार
रफ़्तार
Varun Singh Gautam
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
अस्थि-पंजर
अस्थि-पंजर
Varun Singh Gautam
कशिश
कशिश
Varun Singh Gautam
कितना सत्य है !
कितना सत्य है !
Varun Singh Gautam
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
स्पन्दन
स्पन्दन
Varun Singh Gautam
मेरी सम्पूर्ण
मेरी सम्पूर्ण
Varun Singh Gautam
ये अन्धेरी रात
ये अन्धेरी रात
Varun Singh Gautam
गाँव की शामें
गाँव की शामें
Varun Singh Gautam
कंपकंपी
कंपकंपी
Varun Singh Gautam
ठिठुर
ठिठुर
Varun Singh Gautam
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
हूं कौन भला!
हूं कौन भला!
Varun Singh Gautam
फोन है
फोन है
Varun Singh Gautam
आत्मशून्य मैं
आत्मशून्य मैं
Varun Singh Gautam
सब भूलेंगे जरूर
सब भूलेंगे जरूर
Varun Singh Gautam
कवित्त ४५
कवित्त ४५
Varun Singh Gautam
हरयाणा ( हरियाणा दिवस पर विशेष)
हरयाणा ( हरियाणा दिवस पर विशेष)
Varun Singh Gautam
परछाई के घेरे में
परछाई के घेरे में
Varun Singh Gautam
छठ पर्व
छठ पर्व
Varun Singh Gautam
इंतकाल !
इंतकाल !
Varun Singh Gautam
भूलने की कोशिश में
भूलने की कोशिश में
Varun Singh Gautam
मैं तुझमें तू मुझमें
मैं तुझमें तू मुझमें
Varun Singh Gautam
एक ठहरा ये जमाना
एक ठहरा ये जमाना
Varun Singh Gautam
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
कवित्त
कवित्त
Varun Singh Gautam
वेदनापूर्ण लय है
वेदनापूर्ण लय है
Varun Singh Gautam
एक सुन्दरी है
एक सुन्दरी है
Varun Singh Gautam
करता कौन जाने
करता कौन जाने
Varun Singh Gautam
एक बात है
एक बात है
Varun Singh Gautam
कहो‌ नाम
कहो‌ नाम
Varun Singh Gautam
भूख
भूख
Varun Singh Gautam
मैं ही बेगूसराय
मैं ही बेगूसराय
Varun Singh Gautam
हलाहल दे दो इंतकाल के
हलाहल दे दो इंतकाल के
Varun Singh Gautam
अब तो सूर्योदय है।
अब तो सूर्योदय है।
Varun Singh Gautam
रूको भला तब जाना
रूको भला तब जाना
Varun Singh Gautam
प्रेम पर्दे के जाने
प्रेम पर्दे के जाने """"""""""""""""""""""'''"""""""""""""""""""""""""""""""""
Varun Singh Gautam
एक जवानी थी
एक जवानी थी
Varun Singh Gautam
Page 1
Loading...