Utkarsh Dubey “Kokil” 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Utkarsh Dubey “Kokil” 20 Nov 2023 · 1 min read किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब कुछ मेरे बारे में यहां या फिर कौन जाने वह भी जनता है की नही। Quote Writer 3 189 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 1 Nov 2023 · 1 min read हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है हिंदू कट्टरवादिता भारतीय सभ्यता पर इस्लाम का प्रभाव है Quote Writer 1 86 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 5 Oct 2023 · 1 min read Dadi dada दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या कहे भारत की आत्मा से नवजीवन का परिचय करवाता है बचपन की धुंधली यादों में कही... Hindi · कविता · कोटेशन 3 1 99 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 5 Oct 2023 · 1 min read दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या कहे भारत की आत्मा से नवजीवन का परिचय करवाता है बचपन की धुंधली यादों में कही... Quote Writer 4 289 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 11 May 2023 · 1 min read जिस समाज में आप पैदा हुए उस समाज ने आपको कितनी स्वंत्रता दी जिस समाज में आप पैदा हुए उस समाज ने आपको कितनी स्वंत्रता दी अभिव्यक्ति की, बुद्धजीवी होने की ,रचनाशील होने की , विचार करने की, प्रेम करने की अपने व्यक्तित्व... Quote Writer 4 1 474 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 11 May 2023 · 1 min read जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम् जो समाज की बनाई व्यस्था पे जितना खरा उतरता है वो उतना ही सम्मानीय व्यक्ति हो जाता है। Quote Writer 1 439 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 11 May 2023 · 1 min read यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है सच्ची आध्यात्मिकता तो नृत्य से शुरू हो मौनता पर शून्य हो जाती है Quote Writer 1 261 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 4 Apr 2023 · 1 min read इल्म जलती रही मशाले महजे इक्लाख होने को उठी कुछ आवाज़ों में मैंने बगावत नही देखी कहते हो कोकिल, बदला है हिंदुस्ता ठहरी कुछ आंखों में मैंने आजादी नही देखी कहते... Hindi · कविता 3 303 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 16 Mar 2023 · 1 min read आसाध्य वीना का सार ज्ञानी गुणी साध सके ना जो साधी जाती कैसे असाध्य वीणा नियति थी प्रियम्वद् की या स्वरसिद्ध की विद्या थी कैसे था विश्वास वीना पर हारे थे जिससे जाने माने... Hindi 2 1 433 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 18 Jan 2023 · 1 min read कुल के दीपक बस दूर तलक जाना है विस्मृत मंजिल की ओर जो बनी ही नहीं शायद कभी किसी एक लिए बस जाना है किस ओर किस दिग पता नही कहां ढेरों आशाओं... Hindi · कविता 3 273 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 30 Dec 2022 · 1 min read महाशून्य हो जो अग्नि मधुर चांदनी निस कपित मानुष थर्राता वृक्षों की शाखों पर बैठा मिथ्या पंछी रोता गाता देख सलिल के झरनों को बैठा भौरा कुमुदनी पर शलखंडों को तोड़... Hindi · कविता 4 2 251 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 2 Dec 2022 · 1 min read पिनाका शिव धनु मोह प्रिय बहु, जो तोड़े सो वध होए विनम्र भाव से देखे रामा, जब रामा ललकार रहोए मुझसा पापी कोई ना होए, जिसू कारण क्रोधित आप सो होए... Hindi · Poem · कविता 5 2 312 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 1 Dec 2022 · 1 min read बिहार छात्र संस्कृतियो के आरंभ से ही, मैने संस्कृतियों को पाला है पीड़ा कष्ट क्रंदन सब सहकर अशोक को हमने निखारा है मेघों की वाणी बन, जब विद्यापति का गान किया तब... Hindi · कविता 7 6 313 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 30 Nov 2022 · 1 min read रुद्रा तू तेज वेग की धारा है, तुझसे मिलकर मैं निर्झर हो जाऊं तू अनंत गगन की काया है, तुझसे मिलकर मैं फलक बन जाऊ तू पत्थर है पारस सा, छू... Hindi · कविता 5 3 252 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 29 Nov 2022 · 1 min read बाल विवाह हतप्रभ खड़ा देखता मैं इन बादलों के घेरे को, नाचते गाते आमोद से आते सलिल की बारात को जाने किसे ब्याहने को आश्रा की ज्योति बन अरुण्य की बूंदे लिए... Hindi · कविता · गीतिका · बाल कविता · सामाजिक 9 413 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 27 Nov 2022 · 1 min read समारंभ यदि व्याकुलता अपने अंतर्मन की तुमको मैं दिखला देता नीडो के खग्शावक का स्पंदन तुमको करवा देता, आमोद नील व्योम विचर का प्रमोद सलिल वारिधर का क्रंदन कर आर्द्र मुख... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 4 154 Share Utkarsh Dubey “Kokil” 26 Nov 2022 · 1 min read नया राष्ट्र सर्द की अलासाई भोर में उठती बालो को समेटते हुए चाय का प्याला लिए देखा अखबारों को खोलते हुए असमंजस्य हुआ अखबार है या इतिहास की पन्ने सुना था लूटा... Hindi · कविता · मुक्तक · लेख 5 155 Share