Jai krishan Uniyal 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Jai krishan Uniyal 31 Dec 2021 · 3 min read बातें हैं बातों का क्या! लो यह साल भी बीत गया, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और बीस, बीत गया था, इस बीते वर्ष में भी, खूब बातें हुई, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और... Hindi · कविता 1 2 338 Share Jai krishan Uniyal 27 Dec 2021 · 1 min read हे परमेश्वर -हे प्रभो! हे परमेश्वर-हे प्रभो! मन दिग्भ्रमित है, समाधान करो, मन मस्तिष्क में है मची ऊहापोह, हे ईश्वर इस पर ध्यान धरो, हे परमेश्वर-हे प्रभो, मेरी शंकाओं को दूर करो, मैं आया... Hindi · कविता 2 4 317 Share Jai krishan Uniyal 20 Dec 2021 · 2 min read नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! गल्ती कर दी,गल्ती कर गयी, नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! बना के ये आधार भूत ढांचा, पढ़ने को खुलवाई पाठशाला, हुनर सीखने को बनाई कार्यशाला, अन्न धन को उर्बरा खेत बनाए,... Hindi · कविता 1 2 417 Share Jai krishan Uniyal 15 Dec 2021 · 2 min read धुन के पक्के होते हैं किसान! घर-खेत हो या खलियान , या फिर हो वह कोई मैदान, ना कभी रुके-ना कभी थके, धुन के पक्के होते हैं किसान! खेत को बनाकर,बीज बो आते, गर्मी-शर्दी से ना... Hindi · कविता 1 2 334 Share Jai krishan Uniyal 9 Dec 2021 · 1 min read ऐ वीर तुम्हें करते नमन! उत्तराखंड का कह कर मैं, कद तुम्हारा कम कर दूं, सारा राष्ट्र,जिस पर बहा रहा है अश्रु उसका कद मैं कैसे कम कर दूं,! हां जब उत्तराखंडी कहलाते हो, तो... Hindi · कविता 1 2 412 Share Jai krishan Uniyal 5 Dec 2021 · 2 min read तपस्या!! अब तक,साधु संतों का, माना जाता रहा, तपस्या पर एकाधिकार! लेकिन, इस बार के प्रकाश पर्व पर, माननीय प्रधानमंत्री जी ने, अपनी तपस्या में, रह गई है कोई कमी, कह... Hindi · कविता 2 6 418 Share Jai krishan Uniyal 29 Nov 2021 · 2 min read जनता जनार्दन के अजब-गजब फैसले! जन प्रतिनिधि ने जो खर्च मांग लिया, तो ,वह जनप्रतिनिधि बेकार है, कर्मचारी व अधिकारी ने काम के बदले में, कुछ नजराना जता दिया तो वो ,उनका अधिकार है, जनता... Hindi · कविता 430 Share Jai krishan Uniyal 22 Nov 2021 · 3 min read मुल्यों का अवमूल्यन! मैं अक्टूबर इक्कीस से अड़सठ वें वर्ष में प्रवेश कर गया हूं, मैंने अपने बाल्य काल से लेकर युवा वस्था से होकर प्रौढ़ावस्था होते हुए अब बुजुर्वा वस्था तक का... Hindi · लेख 313 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read धारणा! ये तो दूध के धुले हैं, वे तो गंगा मैया से नहा कर निकले हैं, ये तो एक दम साफ़ सुथरे हैं, ये स्वच्छ, सुंदर और उजले हैं! वो गन्दे... Hindi · कविता 1 2 333 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! जिंदगी के अनसुलझे पहलुओं को, सुलझाते सुलझाते, उम्र ढल गई, वो इतने थे उलझे हुए कि, उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! ऐ जिन्दगी तुझे क्या थी ऐसी पड़ी, जो तु... Hindi · कविता 1 479 Share Previous Page 2