Jai krishan Uniyal Tag: कविता 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jai krishan Uniyal 19 May 2022 · 2 min read रोजमर्रा की वस्तुओं के बढ़ते दाम की रोचक पैरोडी! नींबू:- बढ़ती गर्मी में, लौट के जब आते घर, थकान को करने को दूर, पानी में एक नींबू निचोड़, गट गट कर पी जाते थे, हट जाती थी, वह थकान,... Hindi · कविता 1 3 452 Share Jai krishan Uniyal 4 May 2022 · 1 min read पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस!(गढ़वाली बोली भाषा में) पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, देंदा ये उपदेश औरुं तैं सटासट, बाकी त सब काला बेला छा निपट, ये ही छां सबसे सठ। पेट भर्यां छा जौंका ठसाठस, त्यौं मा... Hindi · कविता 223 Share Jai krishan Uniyal 19 Apr 2022 · 1 min read कब तक करेंगे हम हिंदू- मुस्लमान! कब तक करेंगे, हम हिंदू-मुस्लमान, अब तो बनके दिखाएं, हम सभ्य इंसान! कब तक बंटे रहेंगे, हम यों ही धर्म संप्रदाय में, कब तक विभक्त रहेंगे, हम जात-पांत में! कब... Hindi · कविता 1 2 209 Share Jai krishan Uniyal 1 Mar 2022 · 2 min read उन्मादी शासक! हर युग में, पैदा हो ही जाते हैं, उन्मादी शासक, उनके उन्माद का, दंस झेलती है, पूरी दुनिया, जनता, जनता में ही हैं, उनके पूजक, उपासक, भक्त-अंधभक्त, अनुयाई, उभर कर... Hindi · कविता 475 Share Jai krishan Uniyal 26 Feb 2022 · 1 min read दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी! मानवता के लिए यह संकट की घड़ी, दुनिया युद्ध के मुहाने पर खड़ी, अहम की यह लड़ाई हो रही है बड़ी, अपनी अपनी सबको है पड़ी, मानवता के लिए है... Hindi · कविता 2 6 418 Share Jai krishan Uniyal 17 Feb 2022 · 2 min read अटकलों का बाजार! जब से हुआ है मतदान, आने लगे हैं अनुमान, अपने अपनों को जिता रहे हैं, प्रतिद्वंद्वी को कम आंक रहे हैं! हैं कुछ लोग वो भी, जो सरकार बना रहे... Hindi · कविता 2 4 588 Share Jai krishan Uniyal 28 Jan 2022 · 2 min read देखो इनका रोना धोना! रोत हुए आते हैं जग में, रुला कर चले जाते हैं, ये ही है जीवन मरण का चक्र, कौन इससे बच पाते हैं! देकर ईश्वर ने हमको काया, मोह माया... Hindi · कविता 1 4 390 Share Jai krishan Uniyal 23 Jan 2022 · 3 min read सासू मां!! सासू मां, हां है तो मां, पर कोई समझे ना, स्वीकारने का संकट है, बस यही तो झंझट है! सास तो, पति-पत्नी दोनों की होती है, बस इनकी सोच, थोड़ी... Hindi · कविता 1 2 895 Share Jai krishan Uniyal 21 Jan 2022 · 2 min read वो भी क्या दिन थे! वो भी क्या दिन थे, जब पुरे परिवार को, एक ही दोपहिया वाहन में, ढोते थे, मोटर साइकिल हुआ करती थी, जिसकी टंकी पर छोटी बेटी बैठा करती, बेटे को... Hindi · कविता 475 Share Jai krishan Uniyal 18 Jan 2022 · 2 min read आंकड़े अमीरी-गरीबी के! एक बार फिर खबर यह आई, अमीरों की अमीरी बढ़ गई भाई, गरीबों के बारे में भी बताया, इनकी संख्या में हो गया इजाफा! अमीर और अमीर हो गये, गरीब-गरीब... Hindi · कविता 2 4 255 Share Jai krishan Uniyal 14 Jan 2022 · 1 min read आओ करें वोट की चोट! चुनावों का मौसम क्या आया, दल बदलूओं ने रंग दिखलाया! अवसर पाकर दल बदलते हैं, सिद्धांतों की बड़ी बातें करते हैं,! पर नहीं है सिद्धांतों से कोई वास्ता, ढूंढ रहे... Hindi · कविता 2 4 300 Share Jai krishan Uniyal 12 Jan 2022 · 2 min read तिल का ताड़! कैसे बन गया, तील का ताड़, जब पी एम अपने, गये पंजाब, वांछित स्थल पर, जब वह नहीं जा पाए, लौट कर वहां से वापस आए, आकर वहां से वह... Hindi · कविता 1 4 269 Share Jai krishan Uniyal 10 Jan 2022 · 1 min read सौर मंडल मेरे घर में! बचपन में मां ने, चांद मुझे दिखलाया था, दूर आसमान में, चंदा मामा कहलाया था, मैं भी उसको रोज देखने, खुले आसमान में जाया करता, चंदा मामा आ गया है,... Hindi · कविता 1 2 272 Share Jai krishan Uniyal 6 Jan 2022 · 1 min read लड़की हूं -लड सकती हूं! एक दिन अचानक, कही गई ये बात, लड़की हूं लड़ सकती हूं, यह बात है विशेष, इसमें छिपा है एक संदेश, ना समझो मुझे गुड़िया मोम की, रहूंगी ना अब... Hindi · कविता 2 1k Share Jai krishan Uniyal 1 Jan 2022 · 2 min read गांधी और गोडसे का फर्क! साबरमती के सन्त तुम, हमें क्या नहीं दे गये, फिर भी आज लोग, हैं तुझे कोस रहे! अहिंसा का पाठ पढ़ा कर, हम निहत्थों को सबल किया, हिंसा से परहेज़... Hindi · कविता 3 3 245 Share Jai krishan Uniyal 31 Dec 2021 · 3 min read बातें हैं बातों का क्या! लो यह साल भी बीत गया, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और बीस, बीत गया था, इस बीते वर्ष में भी, खूब बातें हुई, ठीक उसी तरह, जैसे उन्नीस और... Hindi · कविता 1 2 368 Share Jai krishan Uniyal 27 Dec 2021 · 1 min read हे परमेश्वर -हे प्रभो! हे परमेश्वर-हे प्रभो! मन दिग्भ्रमित है, समाधान करो, मन मस्तिष्क में है मची ऊहापोह, हे ईश्वर इस पर ध्यान धरो, हे परमेश्वर-हे प्रभो, मेरी शंकाओं को दूर करो, मैं आया... Hindi · कविता 2 4 339 Share Jai krishan Uniyal 20 Dec 2021 · 2 min read नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! गल्ती कर दी,गल्ती कर गयी, नेहरु-इंदिरा गल्ती कर गए! बना के ये आधार भूत ढांचा, पढ़ने को खुलवाई पाठशाला, हुनर सीखने को बनाई कार्यशाला, अन्न धन को उर्बरा खेत बनाए,... Hindi · कविता 1 2 449 Share Jai krishan Uniyal 15 Dec 2021 · 2 min read धुन के पक्के होते हैं किसान! घर-खेत हो या खलियान , या फिर हो वह कोई मैदान, ना कभी रुके-ना कभी थके, धुन के पक्के होते हैं किसान! खेत को बनाकर,बीज बो आते, गर्मी-शर्दी से ना... Hindi · कविता 1 2 354 Share Jai krishan Uniyal 9 Dec 2021 · 1 min read ऐ वीर तुम्हें करते नमन! उत्तराखंड का कह कर मैं, कद तुम्हारा कम कर दूं, सारा राष्ट्र,जिस पर बहा रहा है अश्रु उसका कद मैं कैसे कम कर दूं,! हां जब उत्तराखंडी कहलाते हो, तो... Hindi · कविता 1 2 438 Share Jai krishan Uniyal 5 Dec 2021 · 2 min read तपस्या!! अब तक,साधु संतों का, माना जाता रहा, तपस्या पर एकाधिकार! लेकिन, इस बार के प्रकाश पर्व पर, माननीय प्रधानमंत्री जी ने, अपनी तपस्या में, रह गई है कोई कमी, कह... Hindi · कविता 2 6 465 Share Jai krishan Uniyal 29 Nov 2021 · 2 min read जनता जनार्दन के अजब-गजब फैसले! जन प्रतिनिधि ने जो खर्च मांग लिया, तो ,वह जनप्रतिनिधि बेकार है, कर्मचारी व अधिकारी ने काम के बदले में, कुछ नजराना जता दिया तो वो ,उनका अधिकार है, जनता... Hindi · कविता 450 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read धारणा! ये तो दूध के धुले हैं, वे तो गंगा मैया से नहा कर निकले हैं, ये तो एक दम साफ़ सुथरे हैं, ये स्वच्छ, सुंदर और उजले हैं! वो गन्दे... Hindi · कविता 1 2 354 Share Jai krishan Uniyal 20 Nov 2021 · 1 min read उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! जिंदगी के अनसुलझे पहलुओं को, सुलझाते सुलझाते, उम्र ढल गई, वो इतने थे उलझे हुए कि, उम्र ढल गई सुलझाते सुलझाते! ऐ जिन्दगी तुझे क्या थी ऐसी पड़ी, जो तु... Hindi · कविता 1 584 Share