Umesh उमेश शुक्ल Shukla 225 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Dec 2021 · 1 min read संबल मिलता है अपार सांता क्लास की कथा हम सब बचपन से सुनते आए दया औ परोपकार की सीख हम उस चरित्र से सदा पाए ईसाइयों ने इस कथा को पूरी दुनिया में खूब... Hindi · गीत 504 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Jan 2022 · 1 min read स्वार्थ सिद्धि की काई चोला ओढ़ अब सज्जनता की कई पहुंच रहे चुनाव मैदान जिनकी करतूतों से कभी तंग रहे समाज के अनेक इंसान राजनीतिक दलों की दृष्टि पर जमी है स्वार्थ सिद्धि की... Hindi · कविता 540 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jan 2022 · 1 min read भविष्य का रोडमैप सबके सामने भविष्य का रोडमैप अब साफ अपना भविष्य खुद चुनना है आत्मा करेगी न माफ चुनना है बेहतर सरकार अब रखना पूरा ध्यान जन जन की चैतन्यता ही बढ़ाएगी... Hindi · कविता 399 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Dec 2021 · 1 min read सही राह पर रहें सदा मेरे जज्बात सनातनी परिवार में जन्म दे ईश्वर ने किया उपकार सारी दुनिया को मानते हैं मेरे पुरखे अपना परिवार सर्वे भवंतु सुखिन: मंत्र का हम करते हैं निरंतर जाप फिर भी... Hindi · गीत 396 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 10 Jan 2022 · 1 min read मेघों की... मेरी राहें रोक सकती नहीं मेघों की झंकार लक्ष्य नयनों में रचे बसे पैरों में ऊर्जा का संचार Hindi · दोहा 366 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Feb 2022 · 1 min read किसानों का दर्द किसानों का दर्द सुनने से जो करते रहे इंकार अबकी चुनाव में उनकी नैया डूबेगी बीच मझधार झूठे वायदों और दावों के साथ अब घूम रहे गांव गांव पर जनता... Hindi · कविता 402 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jan 2022 · 1 min read वर्चस्व की अजब होड़ लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों में वर्चस्व की अजब होड़ चुनाव जीतने के लिए सब कर रहे दूजे दलों से बेमेल जोड़ तोड़ सब दिल में पाले हुए चुनाव जीत... Hindi · कविता 375 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 19 Jan 2022 · 1 min read खुराफात परिवारवाद का विरोध जो शख्स करते हैं दिन औ रात वे दूजों के परिवार में सेंध को मान रहे अपनी बड़ी करामात खुराफात और खुरपेंच को मान रहे हैं जो... Hindi · कविता 341 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Jan 2022 · 1 min read यूपी क्यों रहा सदा फिसड्डी जन संसाधन में नंबर वन यूपी क्यों रहा सदा फिसड्डी राजनेताओं ने लूटपाट कर खोखली कर दी इसकी हड्डी आजादी के बाद से लोकतंत्र का यहाँ उड़ता रहा मखौल नेताओं... Hindi · कविता 374 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Feb 2022 · 1 min read जनता भी याद रखती है... नेता अब सभी परोस रहे हैं आंकड़ों के कुरकुरे बताशे मगर जनता भी याद रखती है अस्मिता से जुड़े तमाशे जनता ही जनार्दन है शायद इस सत्य को गए सब... Hindi · कविता 345 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 28 Dec 2021 · 1 min read भटक रहा हर शख्स बेजार भव सागर में प्रारब्ध लेकर भटक रहा हर शख्स बेजार अनजाना सा राही ज्यों भटके पाने को अच्छा सा कोई करार अच्छे बुरे का फर्क भी हरेक को समझाता उसका... Hindi · गीत 353 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Jan 2022 · 1 min read खास संदेश जाते जाते दे जाती है शाम इक खास संदेश अंधेरों से मत घबराना बढ़ते रहना बिना क्लेश Hindi · मुक्तक 326 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Apr 2022 · 1 min read पूंजीवाद में ही... पूंजीवाद में ही रम गए हैं सत्ता में बैठे सभी लोग महंगाई का तोहफा दे रहे उनके समस्त नए प्रयोग आम आदमी अब ठगा सा कर रहा है सोच विचार... Hindi · कविता 1 2 357 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Jul 2022 · 1 min read दुआओं की नौका... दुआओं की नौका पे होके सवार पा लेंगे हम सब बाधाओं से पार मंजिल फतह लक्ष्य जीवन का सार दुआओं की नौका... भले राह में अति सघन हो अंधेरा मगर... Hindi 309 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Dec 2021 · 1 min read नेह की डोर सदा प्रबल ही बनी रहे नेह की डोर इत ऊत चहुंओर संबंधों में गर्मी और ऊर्जा कायम रहे बिना किसी शोर सदा सर्वदा काम आ सकूं मैं अपनों के हित... Hindi · कविता 298 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 23 Apr 2022 · 1 min read किताब... दुनिया को समझने की देती सदा ताब ज्ञान वृद्धि कर हरेक का बढ़ा देती रुआब मित्र जैसे ही सदा वो दिखाए सबको सत्पथ सो किताब की महिमा गा गए रचनाकार... Hindi · कविता 315 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Mar 2022 · 1 min read हे कान्हा हे कान्हा करना कृपा तन. मन रहे खुशहाल प्रकृति को सदा निरख परख होता रहूं निहाल अपनी कृपा दृष्टि से देते रहना सन्मति मुझे मुरारी तेरी महिमा गाके निर्विघ्न गुजरे... Hindi · कविता 294 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 8 Apr 2023 · 1 min read ,...ठोस व्यवहारिक नीति बहुत जरूरी है अर्थव्यवस्था की खोई हुई चाबी की खोज वर्ना हर आदमी के जीवन में दुश्वारियां बढ़ती जाएंगी हर रोज कुटीर,लघु उद्योगों के लिए सरकार को बनानी होगी ठोस... Hindi 350 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Mar 2022 · 1 min read लेखनी से न्याय औरों को जो दे सके कुछ सार्थक संदेश गाने में भी आसान हो रस कुछ मिले विशेष मानव मन को कुरेद दें पीड़ा से कराएं साक्षात्कार अंतर्वेदना को शब्दों में... Hindi · कविता 1 2 282 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 12 Apr 2023 · 1 min read सधे कदम धरती पर दिखाई पड़ती बस सधे कदम की छाप सुधिजन खुद को संभालें ताकि फिर न हो पश्चाताप सफल वही जो समय की नजाकत को ले पहचान अन्यथा चूक पर... Hindi 345 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 11 May 2022 · 1 min read इंतजार का.... जब कोई तन. मन. धन लगा भी लक्ष्य से रह जाता है दूर तब वह शख्स इंतजार करने के लिए हो जाता है मजबूर बहुधा लोगों को इंतजार का मिलता... Hindi · कविता 1 288 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 8 Mar 2023 · 1 min read गाओ शुभ मंगल गीत रंग,अबीर,गुलाल उड़ाकर गाओ शुभ मंगल गीत मन के कलुष और बैर भाव मिटा गाढ़ी कर लो प्रीत शुभ मुहूर्त की चार घड़ी यूं ही व्यर्थ न जाए बीत गाओ शुभ... Hindi 365 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Jan 2022 · 1 min read सदाशयता के मूल्य राजनीति के खेल से गायब हुए क्यों अब सदाशयता के मूल्य अधिकांश नेता अब तल्ख बातों से बिखेर रहे केवल शूल ही शूल नेताओं की कारगुजारियों से नित चकित हो... Hindi · कविता 1 311 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Jul 2022 · 1 min read सार संभार मृदा. जल औ वायु की मदद से ही हर बीज में फूटे अंकुर शीत.ताप और प्रकाश से वो ग्रहण करता ऊर्जा भरपूर समय के साथ होता जाता है उसका क्रमिक... Hindi 279 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 4 Aug 2022 · 1 min read चेहरे पर कई चेहरे ... चेहरे पर कई चेहरे चढे़ हो कैसे सही पहचान संशय में उलझे व्यक्ति कैसे हो सकते महान अस्मिता अब सत्य की घिरी सवालों के बीच संक्रमण काल बदस्तूर बोलें सब... Hindi 285 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Apr 2022 · 1 min read खिले रहने का ही संदेश रंग बिखेरते फूल जग को सुख देते चहुंओर फिर भी उनके धर्म में विघ्न के कांटे पुरजोर खुशी के मौकों पर इंसां उनका साथ लेते भरपूर जश्न निपटते ही हर... Hindi · कविता 2 257 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 7 Jan 2022 · 1 min read सब्र की जांच विरह वेदना दिल को कर देती है कमजोर तन और मन को भी खूब देती है झकझोर ईश्वर कृपा ही दूर रखती आप से विरह की आंच विरह की बेला... Hindi · कविता 232 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 14 Sep 2022 · 1 min read राष्ट्रभाषा का सवाल खूब धूमधाम से मना चुके आजादी का अमृत काल फिर भी हम हल नहीं कर पाए राष्ट्रभाषा का सवाल राजनीतिकों के द्वंद्व फंद में उलझे हैं देश के लोग मातृभाषा... Hindi 2 1 322 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 20 Jul 2022 · 1 min read नहीं हंसी का खेल दुनिया की रीति औ नीति को समझना नहीं हंसी का खेल जो हो इसमें प्रवीण. सरपट चले उसके जीवन की रेल दुनियादारी के विशेष गुण हासिल कर ले जो इंसान... Hindi 268 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 19 Jul 2022 · 1 min read अजब रिकार्ड सत्तासीनों की उदासीनता का बन रहा है अजब रिकार्ड पर उन चेहरों पर फर्क नहीं जो समझते खुद को लार्ड महंगाई नित बढ़ रही है सुरसा के मुख की भांति... Hindi 2 1 259 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Apr 2022 · 1 min read नई लीक.... जो शख्स अपने अतीत से लेते हैं नहीं कोई सीख उनके हिस्से सदा आया करती पराजय की टीस पुरखों के अनुभवों की जो लोग करते हैं तिरस्कार इतिहास उनके हिस्से... Hindi · कविता 246 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 24 Jan 2022 · 1 min read किसानों को रहना होगा बहुत सावधान धरतीपुत्रों के वजूद को जो कल तक पहुंचा रहे थे चोट वे मजबूरीवश उनके सामने हाथ फैला मागेंगे अब वोट मत और समर्थन पाने के लिए करेंगे वो खूब मनुहार... Hindi · कविता 235 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Aug 2022 · 1 min read अगनित उरग.. पग पग पर मौजूद हैं अगनित उरग इच्छाधारी ऐसे में बस दंश झेलना जन जन की है लाचारी एक दो हो तो पूज लें याद कर विधि विधान असंख्य उरग... Hindi 243 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 11 Mar 2023 · 1 min read कान में रुई डाले मानवीय लोभ ने कर दिया अधिकांश जंगलों का नाश पश्चिम के विचारक मानते इसे ही औद्योगिक विकास जल,जंगल और जमीन पर बढ़ रहा मानव का अत्याचार दुनिया में सतत पनप... Hindi 288 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Apr 2023 · 1 min read हैंडपंपों पे : उमेश शुक्ल के हाइकु निर्लज्जता भी मांग जाती पानी नेता सुनाता जब धुआंधार विकास की कहानी जलहीन हैंडपंपों पे मची खींचातानी यात्री शेल्टर पर सजी दुकान पूछताछ खिड़की के बोर्ड करा देते पहचान कुछ... Hindi 275 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jul 2022 · 1 min read छलिया जैसा मेघों का व्यवहार न जाने क्यों छलिया जैसा हो गया मेघों का व्यवहार बार बार गहराते मगर कुछ पल में हो जाते तार तार हवा भी उनके रुख को कर देती है बार... Hindi 1 1 249 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 27 Dec 2021 · 1 min read हे बांकेबिहारी सुन लीजिए... हे बांकेबिहारी सुन लीजिए ! निज भक्त की कातर पुकार बच्चों के जीवन पथ से स्वत: दूर हो जाएं कंटक औ गुबार मन मानस उनका रहे सदैव उत्साह और ऊर्जा... Hindi · कविता 198 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 26 Dec 2021 · 1 min read नेताओं की... नेताओं की बात कब कहां रही विश्वसनीय राजनीति में सक्रिय वही जो कभी रहे बड़े दयनीय सबसे फिसड्डी छात्र यहाँ सदा करता रहा राजनीति झूठ फरेब की फितरतों ने बनाया... Hindi · गीत 208 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 10 May 2023 · 1 min read एकजुट हो प्रयास करें विशेष काश नदी की यात्रा पर निकले नेताओं का कुनबा तभी वे देख, समझ सकेंगे सब नदियों में बढ़ता मलबा व्यक्तिगत लोभवश कब्जा कर रहे नदियों पे तमाम लोग तंत्र मूकदर्शक... Hindi 273 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Jan 2023 · 1 min read कैसा समाज महात्मा गांधी की आत्मा सिसक रही होगी आज भारत के राजनीतिकों ने गढ़ दिया कैसा समाज जाति,पाति और धर्म की खाई लेती जा रही विस्तार संसद और विधानसभाओं में अब... Hindi 268 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 4 Jun 2022 · 1 min read व्यक्तिवाद की अजीब बीमारी... देश औ समाज को लग चुकी है व्यक्तिवाद की अजीब बीमारी ऐसे में भला कोई कैसे ग्रहण कर सकता है सचमुच में जिम्मेदारी लोकतंत्र से अरसे से गायब है जिम्मेदारी... Hindi · कविता 2 1 211 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Feb 2022 · 1 min read आज बहुत हलकान विप्र धेनु सुर संत सब आज बहुत हलकान झूठे दावे सुन सुनकर ही पक रहे इन सभी के कान सच सुनने के लिए अब राजनेता कहीं नहीं तैयार ऐसे में... Hindi · कविता 219 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 8 Apr 2023 · 1 min read तरस रहा हर काश्तकार धरतीपुत्रों से कर रहे जो सब आज फरेब कल वो कुर्सी खोएंगे ले डूबेंगे उनके ही ऐब झूठे दावों से हरे हुए कब खेत, खलिहान पीड़ाओं से व्यथित हैं समूचे... Hindi 265 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Feb 2022 · 1 min read जुमलों के सब सौदागर... जुमलों के सब सौदागर कब चाहें जन कल्याण सिर्फ ढिंढोरा पीटना ही इन सबका लक्ष्य प्रधान भलीभांति मालूम उन्हें है अपनी रणनीतिक खामी फिर भी जनता के बीच में बनें... Hindi · कविता 198 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 12 Apr 2023 · 1 min read मचले छूने को आकाश दोस्तों का साथ देता हरेक को अनूठा अहसास मन प्रफुल्लित होके मचले छूने को आकाश सुर्ख गुलाब को लेकर यूं रखते सब जुदा ख्याल पर दूजों के मन कुरेद वो... Hindi 248 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 3 Jul 2022 · 1 min read दे सहयोग पुरजोर हर घर घरौंदों के निर्माण में होता रेत का योगदान सीमेंट की संगति पाकर यह हो जाता है बलवान यद्यपि इसे जग के लोग सब मानते हैं कमजोर फिर भी... Hindi 1 195 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Jan 2022 · 1 min read छुट्टा पशुओं से किसान रहे हलकान पांच साल तक छुट्टा पशुओं से सब किसान रहे हलकान अब वो ब्याज सहित चुकाएंगे जन प्रतिनिधियों का अहसान पशुओं के नाम पर होती रहीं राज्य में सदा घोषणाएं तमाम... Hindi · मुक्तक 2 200 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 29 Jun 2022 · 1 min read विधि के दो वरदान विधि के दो वरदान हैं प्रेम और संगीत कई जन्मों के कर्म फल से होते प्रणीत ईश्वर सोच समझकर कुछ को देता वरदान प्रेम और संगीत के बल पर जो... Hindi 1 189 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 20 Apr 2023 · 1 min read केहरि बनकर दहाड़ें शब्दों में ही ब्रह्म बसे समझा गए हैं सयाने सुर,लय और तालबद्ध हो ये बन जाते तराने कभी किसी प्रेमी के लब पर थिरक थिरक इतराते कभी विरह से पीड़ित... Hindi 216 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 15 Apr 2023 · 1 min read सदा बेड़ा होता गर्क पागल दिल के मालिकों का सदा बेड़ा होता ग़र्क ये तथ्य इतिहास के पन्नों में बड़ी प्रमुखता से है दर्ज दिल जिनके संतुलन में रहे जग में उनको मिली प्रसिद्धि... Hindi 199 Share Page 1 Next