अवनीश त्रिपाठी 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अवनीश त्रिपाठी 11 Aug 2016 · 1 min read भूख चली पीहर सूनी आँखों में सपनों की अब सौगात नहीं चीख, तल्खियों वाले मौसम हैं,बरसात नहीं। आँख मिचौली करते करते जीवन बीत गया सुख-दुःख के कोरे पन्नों पर सावन रीत गया द्वार... Hindi · गीत 3 317 Share अवनीश त्रिपाठी 11 Aug 2016 · 1 min read महमहाई रातभर झूमती डाली लता की महमहाई रात भर । शाम ढलते ही मदिर सी गन्ध कोई छू गई नेह में डूबी हुई सिहरन जगी फिर से नई प्यास अधरों पर हमारे... Hindi · गीत 1 423 Share