गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read सरसी छंद पूरनमासी पावन दिन हs, राखी के त्योहार। बान्हि कलाई राखी भइया, रक्षा करिहs हमार।। सावन के ई पावन दिन सब, भाई बहिन के प्यार। बाबू बहिनी झगड़ा रगड़ा, माई करे... Bhojpuri · छंद 1 1 391 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read कुण्डलिया बेसी जहर त साँप से ,भरले बा इंसान मुँह पर बोलत मीठ बा,इहे हवे पहचान इहे हवे पहचान,बाँचि के रहीहs बबुआ करेला गुणगान उ,हऊवे बड़का लफुआ सब देखावे साँच, बनेला... Bhojpuri · छंद 1 1 325 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read निर्गुण लिहलs घर संसार से मुँहवा मोड़ि ए सुगना गइलs पिंजरवा के छोड़ि तोहरे से रहे घर संसार फुलाइल माई के छतिया में रहलs समाइल गइलs माया के बजरिया छोड़ि ए... Bhojpuri · गीत 1 1 438 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read उठs भइल अब भोर सुरुज के किरिनिया से भइले अँजोर कोयल कुके चिरई चिहके चहूँओर उठs भइल अब भोर सुरुज के किरिनिया से भइले अँजोर खटिया के छोड़ि सब उठले किसनवा फुटली किरिनिया के... Bhojpuri · गीत 443 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read चैती चहकेला घरवा दुआरवा हो रामा अइलें सजनवाँ रचि रचि धनिया भोज बनवली सोने के थाल में जेवना सजवली जेवेलें बारहों बिजनवाँ हो रामा अइलें सजनवाँ बाल गोपाल संघे फुलवो फुलाइल... Bhojpuri · लोकगीत 524 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read गजल देखि के बाग के फूल मउरा गइल। का भइल आदमी आज बउरा गइल।। ना रहल आस जब आँखि पर ओकरा। आँख अछइत कली आज कजरा गइल।। गाँठ बान्हल गइल गाँछि... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read गजल प्रीति के रीति सबके पता हो गइल आजु अइसन भइल का खता हो गइल साँस अचके फँसल नेह के डोर में लाज लागल त साँचो वफ़ा हो गइल डोर छूटल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read गजल हिफाजत गरीबी करावल गइल बा गरीबन क सपना देखावल गइल बा पियासल रहे जब उ पानी खतीरा शराबी सभेके बनावल गइल बा कबो ना गइल देस से सब गरीबी दिमागी... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read गजल दोसती के हाथ हरदम, बा बढावत लोगवा। नेहिया के डोर हरदम, बा थमावत लोगवा। जिंदगी में घुल गइलन,मीठ चीनी के तरे। काम सांचो बात हरदम,बा करावत लोगवा।। दोसती के दोष... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share गणेश नाथ तिवारी"विनायक" 3 Jul 2021 · 1 min read गजल सतावल करेला सुबह शाम हरदम। पढ़ावल करेला हरे राम हरदम।। थकल बा हमेशा कमासुत शहर के। लगावल करेला नरम जाम हरदम।। सुबह नींद टूटल तमाशा बनवलस। बतावल करेला जबर काम... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share