Dr Narendra Kumar Tiwary 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Narendra Kumar Tiwary 28 Oct 2022 · 1 min read चेहरा चेहरा चेहरे की आवाज़, गहरी है आग़ाज़ बुन रहें हैं छुप छुपा के, बजा देता है वह साज ! ऑखें और मुस्कान के, अलग अलग आलाप बयां कर देते हैं... Hindi 73 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 13 Oct 2022 · 1 min read अन्तर्द्वन्द्व अन्तर्द्वन्द्व क्या करे जब देख उनको- अंग अंग में नृत्य मचल जाता है ! आलिंगन की परिभाषा, चुंबन की अभिलाषा, रगों में रक्त-चाल बदल जाती है । सपने आते नही,... Hindi 111 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Oct 2022 · 1 min read वैराग्य वैराग्य मिलन की आश की वेदना, चिरंतन ,शाश्वत है । वेदना का सुख, निर्मोही, पर प्रेम रचता है । जुदाई तन की, मायावी ही, आश देता है । सुख ,मिलन... Hindi 166 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 10 Oct 2022 · 1 min read (३६८) (३६८) मंज़िल तो तुम ही हो- पर पता मालुम नही तेरा, अनजानी राहों मे खोते पा जाना है तुम्हें ! नरेन्द्र । Hindi 134 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 9 Oct 2022 · 1 min read खुदा की कारीगरी खुदा की कारीगरी बेमिसाल होती है, खता तो इन ऑंखो की है, गुलों का भी दर्जा बताती हैं ! नरेन्द्र ! Hindi 143 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 7 Oct 2022 · 1 min read आँखों में प्यार का दरिया, आँखों में प्यार का दरिया, होंठों पे इकरार की लाली, चुंबन में जवानी की रवानगी, दिल और साँसों की मनमानी, चीर- आगोस की बेचैनी, जीवित होने की शर्तिया हैं निशानी... Hindi 111 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 6 Oct 2022 · 1 min read ख़ुशबू तन-मन-पल की ख़ुशबू फैली हैं फ़िज़ाओं में, झोकों की तो आदत है, दूर-दूर उड़ा ले जाने की ! सोचता हूँ - मैं दीवाना तो नही! अभी भी - सँभल कर... Hindi 121 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 1 Oct 2022 · 1 min read दिल क्या खोला, दिल क्या खोला, आशिक समझ बैठे । रुतबा शान के उनके बस कातिल समझ बैठे ।। - नरेन्द्र Hindi 124 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 1 Oct 2022 · 1 min read सादगी की ख़ूबसूरती - सादगी की ख़ूबसूरती - क्या नाम दें तुम्हारा ! दिल की सुनें या - दिमाग को मसक्कत करने दें ! नरेन्द्र Hindi 199 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 30 Sep 2022 · 1 min read किसी की याद में इस क़द्र किसी की याद में इस क़द्र बेक़रारी वाजिब है ! उस दिल का हाल क्या होगा- जिसके ख़्याल ने बेखयाल किया है ! नरेन्द्र Hindi 185 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 27 Sep 2022 · 1 min read क्या ख़ता हमसे हुई कि यूँ क्या ख़ता हमसे हुई कि यूँ हुज़ूर परदानसीन हुए जाते हैं, ज़र्रे ने रिश्ता तोड़ दी ज़मीन से,और गुल का शिकवा,मैला कर दिया उनको ! मेरी बर्बादी पर हँसना उनका,... Hindi 112 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 27 Sep 2022 · 1 min read सपनों मे तुम्हारी तरह सपनों मे तुम्हारी तरह सकुन देना पलों का, फिर चाँद की तरह , आदतन बिछड़ना, गंवारा नही होता । नरेन्द्र । Hindi 48 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 27 Sep 2022 · 1 min read ग़ैर ही सही ग़ैर ही सही नफ़रत ही सही इश्क की धार नही रुकती कहीं । नरेन्द्र Hindi 76 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 27 Sep 2022 · 1 min read चाहतों का ज़माना चाहतों का ज़माना जो याद आता है, वक़्त ता वक़्त , पीछे खिसक जाता है ! नरेन्द्र । Hindi 121 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 26 Sep 2022 · 1 min read फिक्र रूह जब आँखों में झलकता है, खुबसूरती ख़ुशबू बन महकती है ! दिल की ख़ुशबू अनजानी होती है, गुलों ने शायद- बनाया नही इन्हें ! इश्क़ की धुन समझ जाएँ... Hindi 60 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 26 Sep 2022 · 1 min read नज़रों में समाया हुस्न, नज़रों में समाया हुस्न, वक्त से बेपरवाह, वैसा ही बना रहता है । मौसमों के तक़ाज़े हैं, ज़मीन की रंगतें, हर साल बदलती रहती हैं । पर बादलों की चिल्मन... Hindi 90 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 24 Sep 2022 · 1 min read समय समय है जनाब बदलता है बदलना भी चाहिए प्रगतिशील समाज है ! तेरी क़मीज़ मेरी क़मीज़ से क्यों ज़्यादा सफ़ेद , कल की बात है । तेरी क़मीज़ मेरी कमीज... Hindi 103 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 23 Sep 2022 · 1 min read इन्तजार ग़लती हो गई, ताउम्र निकल गई, नया ज़माना ,जो आने को था, बस इन्तज़ार करते रहे, अक़्ल , और, हौसला, हुआ ही नही, ललकारने का,अपने घर,और, बाहर को । बाबा... Hindi 73 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 23 Sep 2022 · 1 min read नकल कौवे ने ग़ज़ब ढाया, खुद पर सफ़ेदी पोती, ईत्र गुलाल छिड़के , हंसगिरी की नक़ल की, ये तो होता ही ! आज का जमाना उसकी नक़ल करता है, जिसका सरेआम... Hindi 180 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 23 Sep 2022 · 1 min read तालियाँ तालियाँ बजती है जनाब । सड़कों पर , तथाकथित दरबारों में, सभाओं में, क्रीड़ा -स्थलों में । पता नही, और कहाँ कहाँ । प्यारे ! भाइयों, बहनों ! परन्तु शायद... Hindi 100 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 29 Jan 2017 · 1 min read ज़िन्दगी एक झोंके ने कुछ बातें पुरानी, ताज़ा बना गई । मोतियों की चमक, साँसों की गुलाबी महक छा गई । कुछ परतें जमी थी जिल्दों पर, पन्ने फड़फड़ा उठे रंग-बिरंगी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 392 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 2 Dec 2016 · 1 min read सफ़रनामा अम्माँ के मुँह सुना ज़िन्दगी का सफ़रनामा याद नहीं आता । सतरंगी शिशु सपन में नींदिया में मुस्कुराना याद नहीं आता । ऊँघती हाँथों से मेरे माथे का थपकाना याद... Hindi · कविता 1 618 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 13 Nov 2016 · 1 min read यादें यादों की लौ से, ख़ुशियाँ मुस्कानों की, समय का समन्दर सूखा देती हैं ! डा॰ नरेन्द्र कुमार तिवारी Hindi · कविता 588 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Nov 2016 · 1 min read टक्कर टक्कर ना हो चलना सम्भल के, दीखता है जो होता नही है । खुले साँड़ों का क्या बात करना, घुमती यूँ गायें मनमानी हुई हैं । रास्ते कहानी यूँ बयां... Hindi · कविता 230 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Nov 2016 · 1 min read २) "डील" हिम्मत चाहिए , जनाब ! सच कहने की झूठ कहने की सच को झूठ झूठ को सच, और कहने कीं- मोहब्बत है हमें ! तुमसे मोहब्बत है- ये कहने में... Hindi · कविता 257 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Nov 2016 · 1 min read १) खुशबु अन्जाने रिश्तों की खुसबु- अन्जान मन भृमर मँडराता अकर्मी नादान। Hindi · मुक्तक 274 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Nov 2016 · 1 min read ४) प्रकृति शकुन्तला का शावक दीखता नही है कान्हा का धेनु रम्भाती नही वनराज बसेरे से उजड़े बंजारे बने गजराज पथिक शहर के बने हैं । चन्दा काजल में ओझल हुआ सा... Hindi · कविता 486 Share Dr Narendra Kumar Tiwary 11 Nov 2016 · 1 min read ५) यार यार, और रार, नहीं अब जमाने में, वक़्त का तक़ाज़ा हैं यार, और रार जमानें में । ऑंखें दिखती नहीं चश्मों के नीचे, शीशों के रंग बदलते हैं जमानें में... Hindi · कविता 361 Share