अंसार एटवी 57 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे जब प्यास मिट गई तो समुंदर मिले मुझे हाथों को जिनके चूमा हैं अपना जिसे कहा इक दिन उन्हीं के हाथों में... Poetry Writing Challenge-2 43 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे रोते हुए भी जब कोई हँसता मिला मुझे कुछ इसलिए भी मुझसे वो आगे निकल गया ऐसा हुआ कि देर से रस्ता... Poetry Writing Challenge-2 79 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया अच्छा हुआ कि कश्ती ने तेवर समझ लिया जिस दाम जिसने चाहा उसी दाम में रखा मुझको किसी ग़रीब का ज़ेवर समझ... Poetry Writing Challenge-2 81 Share अंसार एटवी 16 Jan 2024 · 1 min read भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना ज़रूरी भी है कश्ती के लिए पतवार का होना, वतन की नीव हैं हम तो अलग हो ही नहीं सकते कभी... Quote Writer 146 Share अंसार एटवी 16 Jan 2024 · 1 min read सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है ज़िन्दगी खाने कमाने में गुज़र जाती है घर तो उनका भी गिरा देती हैं ये सरकारें उम्र ही जिनकी बनाने में गुज़र... Quote Writer 78 Share अंसार एटवी 14 Jan 2024 · 1 min read मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है जितना कि मछली को पकड़ने वाला काँटा मछली के लिए ~अंसार एटवी Quote Writer 141 Share अंसार एटवी 14 Jan 2024 · 1 min read लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया अच्छा हुआ कि कश्ती ने तेवर समझ लिया जिस दाम जिसने चाहा उसी दाम में रखा मुझको किसी ग़रीब का ज़ेवर समझ... Quote Writer 124 Share Previous Page 2