Language: Hindi
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ग़ज़ल- तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है- डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
कहानी - "सच्चा भक्त"
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा - "कनेर के फूल"
Dr Tabassum Jahan
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan