Kumari Rashmi 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumari Rashmi 15 Jun 2023 · 1 min read बिछुड़न की बेला चाँदनी रात फिर भी चाँद उदास सा बिन बादल बरसात सा चहुं ओर फैली है उजियारी फिर भी दीपक तले अंधियारा है बिछुड़न की बेला एक राग -एक साज का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 145 Share Kumari Rashmi 14 Jun 2023 · 1 min read मुश्किल होता है मुश्किल होता है उन लम्हों से पार पाना जो लम्हें गुजर गये । मुश्किल होता है उन जज्बातों को मार पाना जो आत्मा से जुड़ गये । मुश्किल होता है... Poetry Writing Challenge · कविता 209 Share Kumari Rashmi 14 Jun 2023 · 1 min read तेरे हर अफसाने से निकल गई तेरे हर अफसाने से। तेरे शख्सियत के हर पैमाने से।। अपना भी एक वजूद होगा। अपना भी एक अक्स होगा।। तेरे ख्वाब अब मेरे नहीं रहे। मेरे ख्वाब... Poetry Writing Challenge 211 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read श्वेत और श्याम उस चेहरे की हर लकीरों के उतार-चढाव में पलकों के खुलने-बंद होने मेंं आंखों की तरलता और खामोशी मेंं तनिक भी कहीं वो अपनापन, थोड़ा भी कहीं प्रेम का एक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 216 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read आँखें मुंदे आंखें मुंदे नदी किनारे नाव चले पतवार हिले हवाओं की सनसनाहट पेड़ो की हलचल खामोशी से हौले-हौले गीत सुनाये प्रीत बताये डालों की पत्तियां पलकों को छुके जगाये शरीर जगे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 280 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read भागी हुई लड़की नन्ही सी परी थी ओस की बुंदो सी नाजुक थी बर्फ की छतरी तले भोर की मुस्कान मेंं होठों पे लाली लगाये आंखों मेंं काजल सजाये आशाओं का समंदर लिये... Poetry Writing Challenge · कविता 354 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read ईमानदार प्रेम ईमानदार प्रेम हर किसी के वश की बात नहीं होती । वफा की आग जलाये रखना हर शमा की अरदास नहीं होती । करना है आसान इश्के-मोहब्बत ये मोहब्बत कायम... Poetry Writing Challenge 234 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read बरस हो गये तेरे दिल को गये बरस हो गये मेरे दिल मेंं बरस भर की बात रह गई कहनी थी तब जब मेरे दिल से गुजरी अच्छी थी – बुरी थी सब... Poetry Writing Challenge · कविता 212 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read हम मजदूर हैं करते हैं हम मेहनतकश काम मिलती है हमें मेहताना अधुरी जो बच गया पुरी करते हैं बातों के प्रहार से लात – घुंसो का दौर भी चलता है अवकाश का... Poetry Writing Challenge · कविता 297 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read जीवन पहेली है इस दुनियां में जब से आदमी है तब से जीवन पहेली है जब से प्रेम है तब से जज्बात पहेली है जानते हैं हम कुछेक साये में ही हर-पल का... Poetry Writing Challenge · कविता 400 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read उड़ान उड़ते हुए पक्षियों के साथ मैं अपना आसमान ढुंढती हूँ। भेड़-चाल की भीड़ से अलग मैं अपना स्वप्न ढुंढती हूँ । लोग सवाल करे – संदेह करे या व्यंग्य से... Poetry Writing Challenge · कविता 88 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read भटकता इंसान एक नई दुनियांं की तलाश में भटकता इंसान । वर्तमान को नकारता भविष्य की खोज करता इंसान । सुकून की लालसा में जगत से निकल भागता इंसान। एक अनदेखे सुख... Poetry Writing Challenge · कविता 94 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read रोज खिड़की के पास रोज खिड़की के पास आँखें मुंद कर महसूस किया करती हुँ तुम्हें और भोर की सुनहली किरणों से वादा किया करती हूँँ मैं नहीं रोऊँँगी सावन की बौछारें हो या... Poetry Writing Challenge · कविता 108 Share Kumari Rashmi 13 Jun 2023 · 1 min read सोचा ना था जीवन की सुनहली सुबह मे बड़ी तमन्यता से तिनका – तिनका जोड़ा था उसने और बनाया सपनों का घोंसला अपनो के लिये तब सौचा ना था जीवन की संध्या बेला... Poetry Writing Challenge · Kavita 126 Share Kumari Rashmi 23 May 2023 · 1 min read कुछ ख्वाब कुछ ख्वाब ख्वाब ही रहते हैं जिन्दा रखो या दफ़न करो परवाज नहीं चढ़ते mylifepage7 Quote Writer 292 Share Kumari Rashmi 21 Feb 2023 · 1 min read अलंकार 1.संदेह अलंकार - रूप रंग आदि का अदृश्य होने के कारण उपमेय में उपमान कथन से होने में संदेह अलंकार होते हैं जैसे - "यह हृदय का बिंब है या... Hindi · लेख 121 Share Kumari Rashmi 14 Feb 2023 · 1 min read रात सुरमई ढूंढे तुझे रात सुरमई ढूंढे तुझे बात अनकही कहूँ किसे रात की चांदनी ढलने को आस मेरी बहने को थाम मेरी नयनों की धारा चाह मेरी तु ही सहारा। mylifepage7 Quote Writer 286 Share Kumari Rashmi 20 May 2021 · 1 min read पहली बारिश मौसम की पहली बारिश बहुत गुदगुदाती हैै मिट्टी की सोंधी महक शरीर में समा जाती है थिरक उठता है तन पलक मूदें नयन बचपन की ओर ले जाती है कागज... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 9 577 Share Kumari Rashmi 22 Feb 2021 · 1 min read चाहत जिन्दा रह जाती है चाहत जिन्दा रह जाती है क्यूँकि..... थोड़ी सी यादें रह जाती है थोड़ी सी कसक रह जाती है थोड़े से हम रह जाते हैं थोड़े से तुम रह जाते हो... Hindi · मुक्तक 2 1 379 Share Kumari Rashmi 28 Jan 2021 · 1 min read दोहा ❤ बात ही ऐसी हो गयी बात हमनें की इश्क की जीना हमारा दुश्वार हो गया क्या गिला खुदा से अपनों ने बेगाना कर दिया ❤ बेकार नहीं होता युं... Hindi · दोहा 2 699 Share Kumari Rashmi 26 Jan 2021 · 1 min read दोहा ❤ सारे रास्ते खो जाते हैं जब तेरे जाने की तस्दीक जमाना करता है 'अल्फाज' मेरे गिर जाते हैं जब तु मुझे गैर बना देता है... ❤ समय रुकता नहीं... Hindi · दोहा 4 420 Share Kumari Rashmi 25 Jan 2021 · 1 min read दोहे रात की राख बिखर गई दिल से मगर तुम ना आये दिन का उजियारा रह गया बाकी मगर तुम ना आये ~रश्मि mylifepage7 Hindi · दोहा 1 371 Share Kumari Rashmi 25 Jan 2021 · 1 min read किताब और कागज ❤मैं वो किताब हुँ जिसे पढ़ना सबकी किस्मत में नहीं पढ़ कर जो समझ सके वो सबके बस में नहीं ❤ कागज की कस्ती पर यादों का तराना है कुछ... Hindi · कविता 1 4 443 Share Kumari Rashmi 23 Jan 2021 · 1 min read तकदीर में तुम नहीं तकदीर में हमारे तुम नहीं फिर भी जिये जा रहे हैं गम नहीं तन्हाई का आलम इस कदर पर बेफिक्र जिन्दगी पिये जा रहें अब बात ना कर मोहब्बत की... Hindi · कविता 3 4 387 Share Kumari Rashmi 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना का कीड़ा कोरोना का हर तरफ ऐसा है खौफ बाकी रोगों की नहीं हो रही बात रिश्ते नाते सब हो रहे बेजार कौन अपना है कौन पराया इसकी हो रही है पहचान... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 20 101 988 Share Kumari Rashmi 20 Apr 2020 · 1 min read हम नरभक्षी हो गये जाने कौन लोग होते हैं वो भीड़ से मारे जाते हैं जाने कैसी भीड़ होती है जो लोगों को मार देती है मानवता खतम हो गयी या मानवता शब्द के... Hindi · कविता 6 8 661 Share Kumari Rashmi 14 Apr 2020 · 1 min read लॉकडाउन में वक्त हमारा है आज सुर्योदय भी हमारा है आज सुर्यास्त भी हमारा है आज चन्द्रमा भी हमारी खिड़की पे आता है आज सितारे भी हमारे छत पे जगमगाते हैं आज पक्षियों का संगीत... Hindi · कविता 5 8 346 Share Kumari Rashmi 13 Apr 2020 · 1 min read लॉकडाउन मजदूर दर्द इनके देखकर लफ्ज भी हमारे झुठे लगते हैं हम घरों में बैठे हैं वो सड़कों की खाक छान रहे हैं । अंतरियों और कंठ में भूख प्यास के छाले... Hindi · कविता 3 3 434 Share Kumari Rashmi 4 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1-जब रिश्ते खोखले हो जाये उसे तराजू पे तोला नहीं करते। समुंदर की लहरों को नापा नहीं करते ।। 2- जरूरी नहीं हर पीने वाला बहक जाये । जरुरी नहीं... Hindi · मुक्तक 3 6 471 Share Kumari Rashmi 2 Mar 2020 · 1 min read अक्स मेरी वफा मेरा ईश्वर जानता है। तेरी वफा तेरा ईश्वर।। मुझसे क्या पूछता है तु। पूछना है तो अपने ईश्वर से पूछ।। मुझसे क्या सवाल करना। पहले अपने अक्स से... Hindi · कविता 5 4 799 Share Kumari Rashmi 21 Feb 2020 · 2 min read चलो हम खेले किक्रेट चलो हम खेले किक्रेट - 2 लहू में भर ले नया जोश - 2 आगे-पीछे कुछ ना सोचो लोग क्या कहते हैं चलो हम खेले किक्रेट - 2 अंशिका की... Hindi · गीत 5 2 893 Share Kumari Rashmi 27 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक 1- हमने बुलंदी पे जाने की कसम खाई थी। अपनों ने फलक से नीचे खींचने की कसम खाई थी।। 2- खामोश रहो तो सब है। कह दो गर तो सब... Hindi · मुक्तक 3 2 466 Share Kumari Rashmi 14 Nov 2019 · 1 min read मंदिर - मस्जिद क्या मंदिर - मस्जिद करते हो इक दिन खाक में सबको मिल जाना है क्या मंदिर - मस्जिद करते हो सबके लहु का रंग एक सबके लहु का प्रवाह एक... Hindi · कविता 7 8 852 Share Kumari Rashmi 16 Sep 2019 · 1 min read उदास इश्क एक उदास इश्क मेरी खिड़की से रोज गुजरती है पुछती है - कैसी हो ? मेरी बेजुबान सांसे .... मूंक आंखों से कहती है - चल रहा है....... ~रश्मि Hindi · कविता 5 4 872 Share Kumari Rashmi 5 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक (1) कहीं कोई रास्ता मिलेगा जीने का बहाना मिलेगा जीवन बौनसाई का पेड़ नहीं मुश्किलों को छोटा कर दे । (2) अब क्या सवाल करना जो मेरा नहीं - उससे... Hindi · मुक्तक 2 4 465 Share Kumari Rashmi 4 Sep 2019 · 1 min read अकेलापन बढ़ती आबादी - बढ़ता अकेलापन जिधर देखो, उधर भीड़ ही भीड़ पर सब कितने तन्हा - तन्हा घर मे अकेले - सड़क पे अकेले अंदर अकेले - बाहर अकेले कहीं... Hindi · कविता 4 4 451 Share Kumari Rashmi 18 Aug 2019 · 1 min read भुल कहीं गीली -गीली सी धरती कहीं सूखा-सूखा सा आसमान कहीं जलप्रलय कहीं जलविहीन जीवन कहीं पक्षियों का रुद्रंन कहीं इंसानों की कराह प्रकृति का खेल या इंसानों की भुल। ~रश्मि Hindi · कविता 2 633 Share Kumari Rashmi 7 Aug 2019 · 1 min read तेरे अफसाने से निकल गई तेरे हर अफसाने से। तेरे शख्सियत के हर पैमाने से।। अपना भी एक वजूद होगा। अपना भी एक अक्स होगा।। तेरे ख्वाब अब मेरे नहीं रहे। मेरे ख्वाब... Hindi · कविता 4 4 404 Share Kumari Rashmi 1 Aug 2019 · 1 min read साथ साथ वो अच्छा है जिसमें आपका वजूद जिंदा रहे। साथ वो अच्छा है जिसमें आपके सपने जिंदा रहे। साथ वो अच्छा है जिसमें सच्चाई हो । साथ वो अच्छा है... Hindi · कविता 3 2 529 Share Kumari Rashmi 30 Jun 2019 · 1 min read श्वेत और श्याम उस चेहरे की हर लकीरों के उतार-चढाव में पलकों के खुलने-बंद होने मेंं आंखों की तरलता और खामोशी मेंं तनिक भी कहीं वो अपनापन, थोड़ा भी कहीं प्रेम का एक... Hindi · कविता 5 725 Share Kumari Rashmi 14 Jun 2019 · 1 min read आंखें मुंदे आंखें मुंदे नदी किनारे नाव चले पतवार हिले हवाओं की सनसनाहट पेड़ो की हलचल खामोशी से हौले-हौले गीत सुनाये प्रीत बताये डालों की पत्तियां पलकों को छुके जगाये शरीर जगे... Hindi · कविता 2 2 388 Share Kumari Rashmi 31 May 2019 · 1 min read भागी हुई लड़की नन्ही सी परी थी ओस की बुंदो सी नाजुक थी बर्फ की छतरी तले भोर की मुस्कान मेंं होठों पे लाली लगाये आंखों मेंं काजल सजाये आशाओं का समंदर लिये... Hindi · कविता 3 526 Share Kumari Rashmi 11 May 2019 · 1 min read ईमानदार प्रेम ईमानदार प्रेम हर किसी के वश की बात नहीं होती । वफा की आग जलाये रखना हर शमा की अरदास नहीं होती । करना है आसान इश्के-मोहब्बत ये मोहब्बत कायम... Hindi · मुक्तक 1 2 425 Share Kumari Rashmi 7 May 2019 · 1 min read बरस हो गये तेरे दिल को गये बरस हो गये मेरे दिल मेंं बरस भर की बात रह गई कहनी थी तब जब मेरे दिल से गुजरी अच्छी थी - बुरी थी सब... Hindi · कविता 2 521 Share Kumari Rashmi 7 May 2019 · 1 min read मुश्किल होता है मुश्किल होता है उन लम्हों से पार पाना जो लम्हें गुजर गये । मुश्किल होता है उन जज्बातों को मार पाना जो आत्मा से जुड़ गये । मुश्किल होता है... Hindi · कविता 1 294 Share Kumari Rashmi 5 May 2019 · 1 min read भ्रम की दुनियां जीवन के विस्तार में खुद को खोजना सपनों के अथाह सागर मेंं खुद को डुबाना एक अलग पहलू है पर सतत् जीवंतता का खो जाना भ्रम की दुनियां में अस्तित्व... Hindi · कविता 1 2 434 Share Kumari Rashmi 5 May 2019 · 1 min read कहने को हमसफर हैं कहने को हमसफर हैं मगर संग नहीं, संग होता गर और के संग की तुम्हें दरकार ना होती । संग होता गर, तो सच और झुठ छुपम और छुपाई का... Hindi · कविता 1 344 Share Kumari Rashmi 1 May 2019 · 1 min read हम मजदूर हैं करते हैं हम मेहनतकश काम मिलती है हमें मेहताना अधुरी जो बच गया पुरी करते हैं बातों के प्रहार से लात - घुंसो का दौर भी चलता है अवकाश का... Hindi · कविता 1 331 Share Kumari Rashmi 30 Apr 2019 · 1 min read बिछुड़न की बेला (1) चाँदनी रात फिर भी चाँद उदास सा बिन बादल बरसात सा चहुं ओर फैली है उजियारी फिर भी दीपक तले अंधियारा है बिछुड़न की बेला एक राग -एक साज... Hindi · कविता 1 592 Share Kumari Rashmi 28 Apr 2019 · 1 min read जीवन पहेली है इस दुनियां में जब से आदमी है तब से जीवन पहेली है जब से प्रेम है तब से जज्बात पहेली है जानते हैं हम कुछेक साये में ही हर-पल का... Hindi · कविता 1 2 332 Share Page 1 Next