श्रीहर्ष आचार्य Tag: कविता 144 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid श्रीहर्ष आचार्य 21 Nov 2024 · 1 min read प्रीतम प्रीत हमे,सुनल सजनीया, जिब भए रहल सँभालि। नेह के नयन भरमाएल, डहार पाग चाल-मानि॥ बोली बानी भल भासल, ताहि मनमा लागल पीर। तोहर सनेह रहलं सहेजि , अँगनइ चले बोल... Maithili · कविता 12 Share श्रीहर्ष आचार्य 21 Nov 2024 · 1 min read अबकि सावनमे , चले घरक ओर अबकि सावनमे चले घरक ओर, माटि जतह आंगन बिछाए, आ छप्परक छेन्हसँ चुएत बूंन्नी, कहैत सभ पुरखा पिहानी। तुलसी जत चउरी पर जलैत दीपक बाती, आ पाइनसँ भरल गलीक धूरि... Maithili · कविता 13 Share श्रीहर्ष आचार्य 8 Nov 2024 · 1 min read कतेए पावन कतेए दूरि,कतेए पावन! स्नेह सँ सजल, अविरल प्रवाह! अंग अंगनाक, माटि से महकल, जाहिमे समाए जगह जननी सीता !! गंगा सँ निर्मल, हिमालय सँ उच्च, प्राकृतिक तखन धरती सँ जुड़ल!... Maithili · कविता 24 Share श्रीहर्ष आचार्य 8 Nov 2024 · 1 min read नमन करू नमन करूँ तोहे ,भव्य अम्बर, जत वैदिक ध्वनि गुंजित होइछ, अंतर मोनहि ज्योतिर्मय मंत्रक आभा, अनंत सत्यक रेखांकित,देवीक धारा । यैह भू, यैह पवन, यैह दिव्या अग्नि जोति, सभ नमन... Maithili · कविता 24 Share श्रीहर्ष आचार्य 8 Nov 2024 · 1 min read चेतावनी सुनो विदेह!शस्त्र उठाय, काटिल वन को , बुद्धिक ज्ञानक दीप जराय, दानव धारा ताहि से बचाय ! चलू वैदिक ओहि ओर मगध को अंधकार सब छोरि जाय। राज भवन छोरय... Maithili · कविता 18 Share श्रीहर्ष आचार्य 8 Nov 2024 · 1 min read छठि अतहुँ अहि गाममे, सुरभित पुष्पक खान देखे, गगा केर किनारा बैसल , स्नेहिल ममता दुलार देखे। सराबोर गंगा धार देखे, तरेगन कऽ निहार देखे, टिकुली साजल नारी केर, साधिक सुखद... Maithili · कविता 21 Share श्रीहर्ष आचार्य 7 Nov 2024 · 1 min read यमुना के तीर पर यमुना के तीर पर छठ की छटा, अमृत-ज्योति की ऐसी प्रभा। भोर की बांसुरी गूँज उठी, कुसुम-से जोड़े में प्रीति सजी। जल में अग्नि का यह मिलन, धरती-आकाश का हुआ... Hindi · कविता 26 Share श्रीहर्ष आचार्य 1 Nov 2024 · 1 min read सुनो मैथिल! अब सलहेस कहाँ! सुनो मैथिल! अब सलहेस कहाँ, वीर कथा की वह हुंकार कहाँ? हरियाली में फूलों की गंध नहीं, माटी में अब वो रंग नहीं। जिस धरती पर गूंजते थे, सलहेस के... Hindi · कविता 19 Share श्रीहर्ष आचार्य 31 Oct 2024 · 1 min read पर्णकुटी केर दीपोत्सव पर्णकुटी केर दीपोत्सव पर्णकुटी मे एकसी बैसी, बैदेही केर दिव्यरूप। अन्हार वनक बीच भँवर, भक्ति केर अमिट प्रीत अधीर। ओ रूप निहार रहल नभ, नयन में शक्ति संजोने राजदुलारी। प्रेम-बैराग्यक... Maithili · कविता 35 Share श्रीहर्ष आचार्य 29 Oct 2024 · 1 min read श्मशान श्मशान के मौन में झिलमिलाती चिता की लपटें, धुएं की लहरों में विलीन होती एक कहानी, जिसे शायद किसी ने सुना ही नहीं। काली राख की चादर तले दबे हैं... Hindi · कविता 25 Share श्रीहर्ष आचार्य 29 Oct 2024 · 1 min read दीपउत्सव रात के तले तलित में सितारे, धरती पर जले दीपों के सहारे। हर आँगन में उजियारा आया, अंधेरे ने सिर अपना झुकाया। मिट्टी के दीप मुस्काते हैं, जगमगाते, उम्मीदें जगाते... Hindi · कविता 21 Share श्रीहर्ष आचार्य 28 Oct 2024 · 1 min read मेरा गाँव मेरा गाँव, जहाँ प्रेम पाथेय, शब्दों में सुख-सत्कार का श्रेय। दर्पण सा निर्मल मन दिखावे, सादगी का अभिनव धन सजावे। प्रभात में ओस की बूँदें टपकती, ममता की मूरत, मन... Hindi · कविता 34 Share श्रीहर्ष आचार्य 23 Oct 2024 · 1 min read सिमराँवगढ़ को तुम जाती हो, सिमराँवगढ़ को तुम जाती हो, सपनों का आंगन पाती हो, इतिहास की धूल में छिपा, एक राजमहल ढूँढने जाती हो। जहाँ कभी रत्न जड़े थे, अब मौन की चादर ओढ़े... Hindi · कविता 17 Share श्रीहर्ष आचार्य 22 Oct 2024 · 1 min read मगध की ओर कौटिल्य चला वन की ओर, मंत्र, सूत्र और नीति की खोज में, मन में जल रहा ज्ञान का दीपक, धरा पर था राज्य का सपना गहरा। वन के सन्नाटे में... Hindi · कविता 23 Share श्रीहर्ष आचार्य 21 Oct 2024 · 1 min read मिथिला के अमृत स्वर मुलतान से मिथिला के संदेस, मुधर सुगंधित गीत मे आह्वान, बंगालक मोनमे गूँज गुँजित, कविशेखर केर मधुर गान। मैथिली संस्कृतिक अमिट अहीं, पायलक टनटन मे जीनगिक राग, प्रेमक धरामे रागिनी... Maithili · कविता 32 Share श्रीहर्ष आचार्य 13 Oct 2024 · 1 min read मैं तो आत्मा हूँ मैं तो आत्मा हूँ, चिर ज्वाला, जो काया के बंधन में बाँध, तूफानों में भी सजग खड़ी, अचल,अडिग,अमर,अविरल। मैं नहीं माटी की प्रतिमा, जो जल जाए दीपक-सी क्षणिक, मैं हूँ... Hindi · कविता 25 Share श्रीहर्ष आचार्य 13 Oct 2024 · 1 min read लौटकर आओगे जब... लौटकर आओगे जब, ड्योढ़ी पर पाओगे मुझे, एकटक ताकते हुए — हवा की सांसे और दीवारों का मौन, सब कहेंगे कुछ न कुछ तुम्हारे बारे में। तुम्हारी प्रतीक्षा में ये... Hindi · कविता 21 Share श्रीहर्ष आचार्य 12 Oct 2024 · 1 min read रातों में अंधेरा है, रातों में अंधेरा है, पर उसमें एक सुकून है, जहां ख़ामोशियाँ कहानियाँ सुनाती हैं, और चाँद गवाह बनकर मुस्कुराते हैं। अंधेरा सिर्फ़ बाहरी नहीं, मन का भी होता है कभी-कभी,... Hindi · कविता 23 Share श्रीहर्ष आचार्य 12 Oct 2024 · 1 min read रावण अब भी जिंदा है रावण हर साल जलता है मगर वो मरता नहीं, कभी किसी सड़क पर कभी किसी चौक पर वो नज़र आता है। हर बार जब कोई मासूम चीख़ उठती है, या... Hindi · कविता 17 Share श्रीहर्ष आचार्य 11 Oct 2024 · 1 min read करुण शहर है मेरा करुण शहर है मेरा, यहाँ हर गली में अनकही कहानी है, चुप्पी की चादर ओढ़े,अम्मा बैढ़ी है हर चेहरे पर ग़म की एक निशानी है। सपनों की किताबें यहाँ बिखरी... Hindi · कविता 2 24 Share श्रीहर्ष आचार्य 10 Oct 2024 · 1 min read दिल है मेरा बिहार में दिल है मेरा बिहार में, जहाँ हवाओं में घुला मिठास, मखाने की अनमोल मिठास लिए, हर गली, हर मोड़ यहाँ खास। सरसों के खेतों में लहराए उम्मीद, गंगा की लहरों... Hindi · कविता 29 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read तोहर स्नेह तू जखने मोर अँगनवा रहलहुँ, सगरो घर उजियार भऽ गेलऽ। रूप-रस केर अन्हरिया राति में, जइसे चन्ना फगुनहटिया छहरलऽ। मधुर बोली तोहर, सनेस सुनल, प्राणक संग बान्हलऽ मोर मन। मुरली... Maithili · कविता 29 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read कोशी मे लहर कोसी के लहर जब उठल अपार, कछार बस्तीमे मचि गेल हाहाकार। धारामे बहल सभक सप्पन, ले माटि बान्ह गाम अपन। धारा कहैय— "हमर राह कठिन, जे जियैय हमर संग, से... Maithili · कविता 27 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read सरस्वती, की कहु हम सरस्वती, की कहु हम पवन सँ चुमैत जे धार, सपनक लहर मे बहि जाए, धरतीक छाती कठोर चोट, कखनो उमंगक मौन भाषा, आब सिसकैत एक पुकार। सरस्वती, की कहु हम?... Maithili · कविता 25 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read देवघर मरघट में क्या तुमने फिर मुझे बुलाया, मरघट के सन्नाटे में, प्यारे? मैं आई हूँ सब छोड़-छाड़, तुम्हारे पथ पर बन सहारे। यहीं इसलिए न विलीन हुई, मैं बूँद बनकर संग तुम्हारे,... Hindi · कविता 1 26 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read चाँद के पार जब रात का अंधेरा फैला हो, चाँद की धवल किरणें जगमगाती हों, मैं देखूं उस चाँद को, जिसकी चमक में सारा ब्रह्मांड समाता हो। उस चाँद के पार, एक अद्भुत... Hindi · कविता 21 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 Oct 2024 · 1 min read माँ और बाबूजी का दुलार सुबह की किरण संग माँ का दुलार था, मधुरिम स्वरों में जगाता पुकार था। नयन के हर आँसू को पोंछ देती, हृदय में सजा प्रेम का सत्कार था। बाबूजी की... Hindi · कविता 26 Share श्रीहर्ष आचार्य 1 Oct 2024 · 1 min read कोशी मे लहर कोसी के लहर जब उठल अपार, कछार बस्तीमे मचि गेल हाहाकार। धारामे बहल सभक सप्पन, ले माटि बान्ह गाम अपन। धारा कहैय— "हमर राह कठिन, जे जियैय हमर संग, से... Maithili · कविता 23 Share श्रीहर्ष आचार्य 15 Sep 2024 · 1 min read मृगतृष्णा प्रभुत्वक ताँकमे, रातिक ठिठुरैत बास, चाँनिक चदरी, खिसकऽ बैस। सोहारीक टुकड़ीसँ, पेट भरल मटोल, गाँवक पगडंडी पर, सपना बुनैत चल। बिसरै जाहु पथ, नेनपनक धारा, जइमे सपना आ हकीकत, फिसलैत... Maithili · कविता 64 Share श्रीहर्ष आचार्य 14 Sep 2024 · 1 min read दुलहिन गोरी बनि सखि सजल सिंगार, देखि बधु केँ देखि ससुराल। सिंदूरक रेखा माथ, मुकुट मुकुटावल कान। कपोल सोहावन लाल, नयन तोर काजर काढ। सुरंग रंग चुनरी ओढ़ल, सेज सोहावन पाट।... Maithili · कविता 38 Share श्रीहर्ष आचार्य 14 Sep 2024 · 1 min read दुलहिन दुलहिन धनि हे सखि, से दुलहिन साजल, कते कलेवर शोभे हे। सिंदूर रेख, माँग भरोहल, कुन करू हे बखान। कज्जर आँखि, कमल-दल लोचन, सोभा अति अभिराम। बिन्दी ठाढ कपोल-माथ, चुमकि... Maithili · कविता 29 Share श्रीहर्ष आचार्य 2 Sep 2024 · 1 min read बागक सुख हरियर बगिचामे फुलक रंग देख, सूरजक किरणसँ जीवनक पंख फलक देख। नदीक लहरक संग मनक गान सुन, ताराक जालमे चाँदक मुस्की देख। पक्षी सभक चहचहाहट सँ मन हर्षाए, धरतीक ममता... Maithili · कविता 1 64 Share श्रीहर्ष आचार्य 27 Aug 2024 · 1 min read सितामढी़ सीता जन्मी भूमि पर, मिथिला का है मान, पावन धरा की महिमा, कहे सबको ये स्थान। हिमालय की गोद में, खिली सीत की कली, धरती से निकली देवी, बनी राम... Hindi · कविता 58 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read वनक पुकार सुन वन के आह्वान, गाछक सरसराहट सुन, पातक छाहरि मे रहैत, धड़कन के आवाज सुन । माटि के छै अपन गंध , . पवन मे हमर गीत, धरतीक गोद मे... Maithili · कविता 1 42 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read * ------कृष्ण ---* कृष्ण तोहर,कल्पना के बसैए छि हृदय केर द्वार सभ धड़कनमे,बांसुरी गूँजै, सपनाक मीठ रुुणझुन धार। माया के चंचल छाहमे, मोन सदिखन भटकैत हमर, कखनो हँसीमे, कखनो नोरमे, सदा अद्भुत अदृश्य... Maithili · कविता 33 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read कृष्ण वेदान्तक वाणी, कृष्ण के वाचनमे, अर्जुनक जीनगीक सार सिखेहे । अद्वैतक दर्शन, कर्मक पाठ प्रेम, ज्ञान आ भक्तिक प्रसाद !! वेदान्तक प्रतिध्वनिमे माधव राग, ब्रह्माक प्रकाशमे आत्मा प्रकाश। निस्वार्थ कर्मक... Maithili · कविता 42 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read कान्हा जन्मोत्सव प्रकाशक व्याख्यामे, एक राग विलाप, कान्हा संस्कारक सुगन्ध अमर धारा । हमर भारतक भूमिसँ एहिक प्रेम अमर, प्राकृत्य उत्सवमे जनम संस्कृति अलाप बांसुरी के धुन गोकुल के गली में गूँजल,... Maithili · कविता 1 42 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read शिवहर शिवहरक धरती, पावन आ सुन्नर, जतह लोकमे, सजल प्रेम सुन्नर। खेत-खलिहान, हरियर माटि, गाम लोग, बनल रसिक गाथा। गोरियाक साड़ी, आँगन में, गीत गा देलहुँ , सुख रंगरा मे रातिक... Maithili · कविता 66 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read मिथिलाक बेटी मिथिला कहि प्रेमसँ, पाली बोल, बुट्टी संजीवनी, तोअ छै महिलाक नारि , सप्पन केर अधिकारी । चूड़ीक खनकमे ,बसल अहि , बिन्दीक लालीसे सुशोभित, गंगाजलक पवित्र धारा सन. सभ डेग... Maithili · कविता 45 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read दिनकर #दिनकरक कविता,जेना अग्निक ज्वाला, शब्दमे ओज, हर पाँति मे छै तेजस्वीता। वीर रसक अद्भुत सृजन, भारत मायके गर्वित वंदन। स्वतंत्रताक संघर्षमे उत्सव जखन, शब्दमे बसल देशभक्तिक गहिर नशा। रश्मीरथी'मे देखल... Maithili · कविता 45 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read वैशाली वैशालीक नगर वुधु आ मिथिले संस्कार, ई वैशाली जनम लियौ,भगवान धारा,वैशाली जतह गुरुहे महावीरक जन्म देला ,वैशाली | विदेहक छातीया, शांतिक दुआर, आध्यात्मिक जगत ताबहिसँ ओहिमे बसल जतेए । जैन... Maithili · कविता 48 Share श्रीहर्ष आचार्य 26 Aug 2024 · 1 min read मैथिल मिथिलाक सुगंध माटि मधुर सँ भरल अछि, मैथिली वाणि, हिअसँ जुड़ल,मिठ्ठास मे भीजल। सादा साड़ी,पान-गंजामे लपेटल, सादगी केर मूर्ति रूप, लालित्यमे सजल। संस्कारक धारा, पीढ़ी धरि बहैत, विद्याक देवी, वैशालीमे... Maithili · कविता 34 Share श्रीहर्ष आचार्य 19 Aug 2024 · 1 min read अभिनन्दन गंगाक दूनू ओर , दोसर नदी आ पोखर भरि गेल ,गर्जन स्वर चाहे ओ पहाड़,मैदान हो, घाटी हो वा खाई। वन मे बानरक चहक करूण विसंगत चहक सुनबा मे आबए... Maithili · कविता 47 Share श्रीहर्ष आचार्य 18 Aug 2024 · 1 min read पंचयति अयलीह काकी भरि दूअ झोरा समाद आ सनेस सनाते बाटे सोझे आऽ आगे पंचायत गामक राजनीतिज्ञ गली मे देखलहुँ मात्र एक दिन पहिने -पहिल बनर-बानर संग खेल ताँकू अखने बंद... Maithili · कविता 43 Share श्रीहर्ष आचार्य 20 May 2024 · 1 min read विदेह देस से । इतिहास मध्य स्वप्न कुंजमे तोर बोल मधुर रक्तरंजित सरस्वती की कलकल धारा करू हे,मिथिला सिंगार,करू! विदेही के विदेह देस से । कुलवन देवी ललित वस्त्रमे मात जगततारणी जगदबे मैथिली सिते,कैसे... Maithili · कविता 74 Share श्रीहर्ष आचार्य 12 May 2024 · 1 min read यदि किछ तोर बाजौ माए हमर अखनौ यदि किछ तोर बाजौ तब तोय सिनेह जानि दअ लिहे हमर मंदिर अँहे संस्कार मोरे ओ हामर देस गामक,दुलहिन हे यदि पिताश्री किछ तोर बाजौ तब मंजुसा... Maithili · कविता · गीत 81 Share श्रीहर्ष आचार्य 6 May 2024 · 1 min read अंगराज कर्ण अछि गरजन डोलैत सिंहासन— ‘हो भले ओ त्रिदेव,माधव—? हा!’ राधेय पधारो देस हमारे । दानवीर ! गौरवगाथा ! कोन ? वसुंधरा हुनिक सिंगार करैए दिव्यरत्न आ नेहक विपरीत सूतपुत्र कहितो... Hindi · कविता 64 Share श्रीहर्ष आचार्य 5 May 2024 · 1 min read प्रश्न चिन्ह ओऽ कालखंड अतिकाय विदेहि वेदान्त परिचय प्रश्नक चिन्ह बहुते रास इतिहास युद्धविराम की ! तोरी ओठ मधुर वाणी कीयै बलम परदेशी ओऽ मधु घटा घनघोर मंदिरमे भरि भरि अँजुरी !... Maithili · कविता 69 Share श्रीहर्ष आचार्य 28 Apr 2024 · 1 min read दुआर तोहर छी मनुष्य पाथर वृरहिद् विश्व भाने तोंहि धर्मअवतारण शक्ति रूपे जगदबा छी दुआर तोहर यथार्थ अभिलाषी धर्म तिलक राघव सनात तिलकधारी नित रंग माए अँजोर रंक्ततिलक,कुलदेवी भरत भारती अभिमान हमारि... Maithili · कविता 65 Share श्रीहर्ष आचार्य 2 Jan 2024 · 1 min read कहल झूठ हमर की ? अनुज,जय जानकी हे मातृधरा विहर वीरन देस बउक उदास प्राचीन अभिलाषी ओऽ पैघ स्नेहित विहार मंठ वेदान्त हमारे युग युग हे माँ भारत जे जरल इतिहास बबुऐ गामक माए दिअ... Maithili · कविता 103 Share Page 1 Next