sunny gupta 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sunny gupta 25 May 2017 · 2 min read सूर्य चालीसा जय जय जय हे दिनकर देवा। नित निःस्वार्थ हो करते सेवा।।1।। तुम ने ही जग उज्जवल कीन्हा। नित नूतन किसलय प्रभु दीन्हा।।2।। सकल जगत तुम पर आधारित। तुम पर यह... Hindi · कविता 1 497 Share sunny gupta 23 May 2017 · 2 min read योगी चालीसा .... ?योगी चालीसा? दो० योगी अपने कर्म से,सदा करो प्रकाश। जन जन में अब न्याय की,जगी है अनुपम आस।। ??चालीसा?? जय जय योगी धर्म प्रकाशा, यूपी में आप जगाये आशा।... Hindi · कविता 1 363 Share sunny gupta 23 May 2017 · 1 min read जियो चालीसा जय जय जियो डाटा के सागर। भारत भू पर हुए उजागर।। मुफ्त सभी को डाटा दीन्हे। बात फ्री में सब जन कीन्हें।। निशदिन रहत सदा ऑनलाइन। प्रीत बना ली सबने... Hindi · कविता 2 277 Share sunny gupta 23 May 2017 · 1 min read कह डालो मोहब्बत पार कर जाये अगर हद राज कह डालो। कसक गर रह गयी दिल में तो वो भी आज कह डालो।। सुना है घाव इस दिल का बड़ा नासूर होता... Hindi · मुक्तक 1 421 Share sunny gupta 21 May 2017 · 2 min read भारत माँ की चालीसा मित्रो हमने बहुत सी चालीसा पढ़ी है।लेकिन आज अपने भारत माँ के लिए मेरा एक प्रयास।। ??भारत माँ की चालीसा?? जय जय जय हे भारत माता। तुम त्रिभुवन की भाग्य... Hindi · कविता 2 1 1k Share sunny gupta 25 Apr 2017 · 1 min read गजल ???गजल??? कभी दिल करे पास आया करो। अपने नाचीज को आजमाया करो। झेल जाओगे है ये जमाना बुरा। देख कर के कोई चीज खायां करो। रास्ते है बुरे यू न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 310 Share sunny gupta 21 Apr 2017 · 1 min read भारत माता गंगा सी पावनता जिसमे,सरयू सी पहचान है। कंठ में जमुना जैसी कल कल,सरस्वती सी ज्ञान है। जिसके अंक में पड़ी नर्मदा,केश गंडकी बसती है। ऐसे अद्भुत रूप का संगम भारत... Hindi · मुक्तक 340 Share sunny gupta 21 Apr 2017 · 1 min read होठ की लाली सुबह के सूर्य के जैसे,तेरे होठो की लाली है। किसी सावन की बदली सी तेरी ये जुल्फ काली है।। सुखद मकरन्द के जैसे जहाँ से खुसबुये आती। वही राधा है... Hindi · मुक्तक 817 Share sunny gupta 21 Apr 2017 · 1 min read दोस्ती वो पैसे के है सौदागर,हम दिल से काम करते है। ज़माने में है कुछ जालिम,जो जग बदनाम करते है। हमारी खुसनसीबी है मिला जो आप सा दिलवर। हमारा शौक है... Hindi · मुक्तक 419 Share sunny gupta 20 Apr 2017 · 1 min read अनमोल माँ मेरी माँ है जग से न्यारी, हम को जाँ से प्यारी है। देव् तुल्य है देवी माँ जो , हम को धरा उतारी है।। रात रात भर जगकर के वह... Hindi · कविता 359 Share