MSW Sunil SainiCENA Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid MSW Sunil SainiCENA 7 May 2024 · 1 min read जिसनै खोया होगा ::जिसनै खोया होगा:: जिगर का टुकड़ा कालजे का लाल जिसनै खोया होगा। वो रहगया बस सिसक कै, के आंख भर सोया होगा। टीस जख़्मा तै बी गहरी, दर्द ज़ख्म के... Hindi · Best Poem · Best Poetry · कविता 1 28 Share MSW Sunil SainiCENA 20 Sep 2023 · 1 min read कल सबको पता चल जाएगा शीर्षक: "कल सबको पता चल जाएगा" (सोमवार, 11 सितम्बर 2023) ------------------------------------- अब जबकि - सब ठीक-सा है, ना मालूम कब तक ऐसा रह पाएगा। इक वक़्त भी ऐसा आएगा, खुद... Hindi · Best Poem · कविता 1 299 Share MSW Sunil SainiCENA 15 May 2023 · 1 min read शीर्षक: "ओ माँ" ओ माँ, मेरी माँ, प्यारी माँ, तुम मेरे लिए सब कुछ हो, मेरा वजूद, मेरा अक्श, मेरी दुनिया, मेरा संसार हो। मेरी पहली शिक्षक, मेरी कहानी के रचयिता मेरी ज़िन्दगी... Hindi · Best Poem · Hindi Poetry · कविता 1 357 Share MSW Sunil SainiCENA 3 May 2023 · 2 min read "ये दृश्य बदल जाएगा.." "ये दृश्य बदल जाएगा.." (मेरी परछाई, हिन्दी काव्य-संग्रह) आज का विषय, वीभस्त दृश्य। मृत आत्मा, जीवित इंसान। खामोश चीख, जलते श्मशान।। लाचार इंसान, बेबस इंसान, असहाय निर्बल इंसान, संसाधन के... Hindi · Hindi Poetry · कविता 1 389 Share MSW Sunil SainiCENA 7 Apr 2023 · 1 min read बिजली कड़कै शीर्षक ::बिजली कड़कै:: (वीरवार,06 अप्रैल 2023) आंख्या म्ह नींद रड़ कै, हाथ पाँ सर बी भड़कै। पकी फसल पै बिजली कडकै, कालजा हाल्ले दिल न्यू धड़कै ।। दो दिन देदे... Hindi · Best Poem · Hindi Poetry · Poetry · कविता 1 634 Share MSW Sunil SainiCENA 7 Apr 2023 · 1 min read अन्न पै दाता की मार ::अन्न पै दाता की मार:: (शनिवार, 01 अप्रैल 2023) बेमौसम बरसात ओल्यां की बौछार। हवा का कहर अन्न पै दाता की मार।। कौण रुखाला किसनै सरोकार ना हारी बीमारी ना... Hindi · Best Poem · Hindi Poetry · Poetry · कविता 1 392 Share MSW Sunil SainiCENA 7 Apr 2023 · 1 min read ::बेवफा:: ::बेवफा:: (वीरवार, 30 मार्च 2023) सबतै हसकै बतलाया ना कर दुनिया का ध्यान घणा होज्यागा। खूबसूरत चेहरा नहीं दिल हो सै, बेमतलब अभिमान घणा होज्यागा।। आहिस्ता सी लारे दे कै... Hindi · Best Poem · Poetry · कविता 1 473 Share MSW Sunil SainiCENA 7 Apr 2023 · 1 min read बस यूं ही *::बस यूं ही::* (बुधवार,11 जनवरी 2023) कभी कुछ तो बात करो, कभी यूं ही मुलाकात करो। कभी पल दो पल ठहर तो जाओ, कभी बस यूं ही कहकर दिलासा दे... Hindi · Best Poem · Hindi Poetry · कविता 1 208 Share MSW Sunil SainiCENA 7 Apr 2023 · 1 min read "महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै" शीर्षक: "महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै" (मंगलवार, 29 नवम्बर 2022) महंगा तजुर्बा, सस्ता ना मिलै, यू चक्रवर्धी ब्याज ज्यूँ चलै। खून पसीना गेल हाड़ फोड़े, या दाल कर्म की न्यूवे... Hindi · Best Poem · Hindi Poetry · कविता 1 296 Share MSW Sunil SainiCENA 28 Nov 2022 · 1 min read शीर्षक: "मैं तेरे शहर आ भी जाऊं तो" मैं तेरे शहर आ भी जाऊं, तो मन्नै के मिलैगा। देख कै तेरे हालात, मेरा जी जलैगा।। दम घोटु हवा, यो बेबख्त तवा, बेमतलब भड़क, बेहिसाब दवा। चक्कर घमचक्कर, धूमा... Hindi · Best Poem · Hindi · Hindi Poetry · कविता · कविता-हिन्दी 2 296 Share MSW Sunil SainiCENA 11 Nov 2022 · 1 min read "कुछ अधूरे सपने" शीर्षक: "कुछ अधूरे सपने" ---------------------------------- कुछ अधूरे सपने पूरे करणे सैं, मंजिल बेरंगी सी रंग भरणे सैं। सच्ची नीयत, इरादे नेक, आलसपन के पंख कुतरने सैं। कुछ अधूरे सपने पुरे... Hindi · Best Poem · Hindi Poem · कविता · कविता-हिन्दी 2 892 Share MSW Sunil SainiCENA 11 Nov 2022 · 2 min read "एंबुलेंस कर्मी" "एंबुलेंस कर्मी" हूटर की आवाज, कभी आपने भी तो सुनी होगी। बेवजह अनजान के लिए दिल से दुआ की होगी।। एंबुलेंस के हूटर की आवाज, भागते दौड़ते, बिना रुके, स्ट्रैचर,... Hindi · Hindi Kavita · Hindi Poem · कविता 3 151 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 247. "पहली पहली आहट" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 247. शीर्षक: "पहली पहली आहट" (सोमवार, 24 दिसम्बर 2007) ------------------------------------ दस्तक दी है सर्दी की पहली पहली आहट ने। फैला दी है अपनी चादर ठण्ड की कसावट... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 297 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 246. "हमराही मेरे" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 246 . शीर्षक: "हमराही मेरे" (सोमवार, 17 दिसम्बर 2007) ---------------------------- तुम संग चलो हमराही मेरे अब मंजिल एक हमारी है। जो डगर है तेरी वो डगर है... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 450 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 245. "आ मिलके चलें" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 245. शीर्षक: "आ मिलके चलें" (रविवार, 16 दिसम्बर 2007) ---------------------------- आ मिलके चलें खुशियों के देश में कि- गम ना कोई सताए अब। बरसे घटाएं सावन आए... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 204 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read 244. "प्यारी बातें" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 244. शीर्षक: "प्यारी बातें" (रविवार, 16 दिसंबर 2007) ---------------------------- कुछ अपनी सुनाओ प्यारी बातें । कैसे हैं दिन कैसी रातें।। क्या तुम्हें भी आती है नीदें या... Hindi · Hindi Poem · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 2 510 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read २४३. "आह! ये आहट" हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 243. "आह! ये आहट" (वीरवार, 13 दिसम्बर 2007) ----------------------------------- ईक आहट बेवक्त बेवजह होती है क्यूं बेमौसम। याद आए अनजाने यों ही एतबार कर खाई कसम।। ये... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 268 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read २४२. पर्व अनोखा हिन्दी काव्य-रचना संख्या: 242. शीर्षक: "पर्व अनोखा" (बुधवार, 28 नवम्बर 2007) --------------------------------- दीपावली का पूर्व अनोखा, खुशियों भरा लगे झरोखा | मंगल गाएं चौक पुराएं, आया वर्षों बाद ये मौका।।... Hindi · Hindi Poetry · कविता · हिन्दी कविता 1 234 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read ::: प्यासी निगाहें ::: 241. "प्यासी निगाहें" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) -------------------------------- मंद चिरागों का ये आलम झुलसे हैं परवाने क्यों। प्यासी है क्यूं फिर से निगाहें छलके नहीं पैमाने क्यों।। बादल बड़ा है... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 350 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read "आधुनिकता का परछावा" हरियाणवी काव्य-रचना संख्या:240. "आधुनिकता का परछावा" (वीरवार, 01 नवम्बर 2007) ------------------------------------- कित खोगी वा छटा निराली हरी-भरी गाँव की हरियाली। आधुनिकता का परछावा पड़गया ना दिक्खें ईब हल ठाए हाळी।।... Hindi · Hindi Poem · कविता · हिन्दी कविता 1 184 Share MSW Sunil SainiCENA 2 Oct 2022 · 1 min read शीर्षक: "ये रीत निभानी है" हिन्दी काव्य रचना संख्या: 238. शीर्षक: "ये रीत निभानी है" अप्रकाशित पुस्तक: "मेरी परछाई" (रविवार, 28 अक्तूबर 2007) ----------------------------------- जगमग दीप जिलाओ पर्व की रस्म निभानी है। रीत है ये... Hindi · Hindi Poetry · कविता 1 302 Share MSW Sunil SainiCENA 8 Sep 2022 · 1 min read "धोखा और धोखेबाज" मायूस चेहरा, मासूम इरादा कहाँ परख पाता है धोखा और धोखेबाज को, बेखबर अनजान, करे भी क्या, संघर्ष भी सिमट जाता है, एक रोज, हार जाते हैं या हरा दिया... Hindi · कविता 1 113 Share MSW Sunil SainiCENA 8 Sep 2022 · 1 min read "उलझी हुई जिन्दगानी" उन गलियों में कैसे जाऊं जो मेरे लिए अनजानी हैं। मैं तो खुद हूँ भटका-भटका उलझी हुई जिन्दगानी है।। शाम का भूला मगर मैं, लौटकर कभी घर ना आया। ना... Hindi · कविता 1 385 Share