सुनील कुमार Tag: दोहा 86 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सुनील कुमार 22 Oct 2021 · 1 min read कटु वचन बहु बोल कर--- कटु वचन बहु बोल कर, मान गिरावै सोई। शिशु जने जस वृश्चिका, रोवै पांव पसारि।। Hindi · दोहा 1 211 Share सुनील कुमार 13 Oct 2021 · 1 min read जात-पात में क्या रखा---- जात-पात में क्या रखा, काया सबकी एक। यथा त्रिवेणी धारा बहै, आगे गंगा एक।। Hindi · दोहा 1 198 Share सुनील कुमार 22 Oct 2021 · 1 min read नारि होवें जगदायिनी---- नारि होवें जगदायिनी ,मातृत्व जिसकी महान। माता-बहन सा देखिए, मिलै समृद्धि-सम्मान।। Hindi · दोहा 1 209 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा----- वृक्ष घटा व प्राणि सम्पदा, प्रभु ने दिया बनाय। एक पताका प्रेम का, रहा सज्जन फहराय।। Hindi · दोहा 1 195 Share सुनील कुमार 20 Feb 2022 · 1 min read गुरु ज्ञान शहद--- गुरु ज्ञान शहद समाना, खा मूर्ख खोल पिटारा। गुरु महिमा शिष्य बखाना, होवै जग उजियारा।। Hindi · दोहा 1 206 Share सुनील कुमार 11 Oct 2021 · 1 min read प्रभु !प्रिया तुम्हे पुकारि रहै---- प्रभु !प्रिया तुम्हे पुकारि रहै, आ जाओ मेरे पास। ब्याह रचाऊँ साथ तुम्हारे, जाऊँ तुम्हारे साथ।। Hindi · दोहा 2 2 223 Share सुनील कुमार 2 Nov 2021 · 1 min read पुष्प चढ़ाए ज्यौं हरि मिलै---- पुष्प चढ़ाए ज्यौं हरि मिलै, ताहि चढ़ाऊं हार। तोसो श्रेष्ठ अन्न भली भली, काटि खाये संसार।। Hindi · दोहा 1 202 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read एक प्रभु की है यह सम्पदा------- एक प्रभु की है यह सम्पदा, जीव-जगत एवं नीर। प्राणि में प्राण संचार करै, चार तत्व संग समीर।। Hindi · दोहा 1 190 Share सुनील कुमार 13 Oct 2021 · 1 min read हरि जग में अब ना रहा------ हरि जग में अब ना रहा, असि मानुष की भूल। चारु फल सँवारि रहा, जस गूलर का फूल।। Hindi · दोहा 1 194 Share सुनील कुमार 2 Nov 2021 · 1 min read सुख-दुख दोनों एक सा--- सुख-दुख दोनों एक सा, दुख काहे बिसराई। दुख में सुख को खोजिये, सुख होवेगा तोई।। Hindi · दोहा 1 194 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read भूखा दर-दर भटकि रहा----- भूखा दर-दर भटकि रहा, क्षुधा रही सताय। एक रामफल देखि लिया, खावहिं भूख मिटाय।। Hindi · दोहा 2 186 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read प्रिय बुलावा भेजा मोहि---- प्रिय बुलावा भेजा मोहि , जाऊं मैं पिय के गांव। कल मायका छूट जायो, जस नदी-घट से नाव।। Hindi · दोहा 2 194 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read जामैं मानुष प्रेम भरा----- जामैं मानुष प्रेम भरा, साँच धरम कहिऐ ताहि। ईंट-ईंट को जोड़ि कै, दियो सुन्दर गेह बनाई।। Hindi · दोहा 2 180 Share सुनील कुमार 13 Oct 2021 · 1 min read तिनका-तिनका जोड़ि कै---- तिनका-तिनका जोड़ि कै, खोता लिया बनाय। जैसे शिशु जनमिया, सारिका दूर हो जाय।। Hindi · दोहा 1 196 Share सुनील कुमार 22 Oct 2021 · 1 min read लज्जा काया नारि की--- लज्जा काया नारि की, शीलप्रिय ज्यौं नारि। सृष्टि की करती है सर्जना, प्रकृति की उपकार।। Hindi · दोहा 1 184 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read कलियां पुष्प ज्यौं बन गईं----- कलियां पुष्प ज्यौं बन गईं, भ्रमर देख मुस्कुराय। वृक्ष मीठे फलों से लद गए, शुग्गा नोच के खाय।। Hindi · दोहा 2 183 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मानुष-मानुष में द्वेष भरैं---- मानुष-मानुष में द्वेष भरैं, साँच धरम वह नांहि। ज्यौं पतझड़ पत्ती डाल से, निर्दय रहै बिछाड़ि।। Hindi · दोहा 2 175 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read गुजरे पल फिर ना मिलैं------ गुजरे पल फिर ना मिलैं, देवहिं ताहि बिसारि।। करम आज ही कर लेवहिं, नाहि करौ विचारि।। Hindi · दोहा 2 188 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read साधु प्रीति है बाँट रहा----------- साधु प्रीति है बाँट रहा, नित घूमि दिशि चहुँओर। जाके रही भावना जैसी, खोलि कै भरे पिटार।। Hindi · दोहा 1 182 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read नई पत्तियां खिल गईं---- नई पत्तियां खिल गईं, मनवा देख-देख हर्षाय। बोले पपीहा बागन में, मधुरिम गीत सुनाय।। Hindi · दोहा 3 2 182 Share सुनील कुमार 9 Oct 2021 · 1 min read काया मलि-मलि धुलि रहा----- काया मलि-मलि धुलि रहा, साबुन लेप लगाई। मीन जल में ही वास करै, गन्ध कबहुँ न जाई।। Hindi · दोहा 1 180 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मात कहै बैनी कहै------ मात कहै बैनी कहै, दोनों नारि कै रूप। राम कहै रहीम कहै, नीर-वारि एकरूप।। Hindi · दोहा 1 178 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read पिय मोरा है राम सखि----- पिय मोरा है राम सखि, सो तो माहि चितचोर। साथ चली मैं जाऊंगी, होके डोली सवार।। Hindi · दोहा 1 185 Share सुनील कुमार 21 Nov 2021 · 1 min read ईंट जोड़ि जैसे घर बना----- ईंट जोड़ि जैसे घर बना, वैसे पंचतत्व का शरीर। जिसमें बैठा हरि बिराजे, करत जगत उजियार।। Hindi · दोहा 1 186 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read दुख में हरि को जपि रहा----- दुख में हरि को जपि रहा, सुख में दिया बिसारि। शीतलहर सिर चढ़ि गयो, चादर लियो चढ़ाई।। Hindi · दोहा 1 181 Share सुनील कुमार 8 Oct 2021 · 1 min read शीतल सुगन्ध बिखेर रहा----- शीतल सुगन्ध बिखेर रहा, चंदन सर्प लिपटाई। कस्तूरी हृदय मध्य बसे,मृग खोजे अकुलाई।। Hindi · दोहा 2 182 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं------- मंदिर-मस्जिद में टटोल रहैं, मिला न अल्लाह-राम। हृदय में जाके खोजि ल्यौ, तामे प्रभु करै विश्राम।। Hindi · दोहा 1 162 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read सीप में पानी ज्यौं पड़ा सीप में पानी ज्यौं पड़ा, पानी-पानी होय। स्वाति नखत में देखि ल्यौ, पानी मोती होय।। Hindi · दोहा 1 165 Share सुनील कुमार 2 Nov 2021 · 1 min read राम-रहीम को बाँटि कै--- राम-रहीम को बाँटि कै, लीन्हा जाति बनाई। नहर-कुलाबा खोदि कै, खेत को रहा सिचाई।। Hindi · दोहा 1 165 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read मानुष हैं सब एक सा साधु गृह-गृह घूमि कै, रहै प्रेम बरसाय। मानुष हैं सब एक सा, अपना लियो बनाय।। Hindi · दोहा 1 152 Share सुनील कुमार 2 Oct 2021 · 1 min read दुर्जन-निर्दय सब मिले---- दुर्जन-निर्दय सब मिले, सज्जन मिला ना कोय। जो प्राणी को प्रेम बाँटै, सो लाख पुण्य कमाय।। Hindi · दोहा 1 173 Share सुनील कुमार 22 Oct 2021 · 1 min read दीन की सेवा कर प्यारे---- दीन की सेवा कर प्यारे, ले लो पुण्य कमाय। तन धोवै कुछ ना मिलै, लाख त्रिवेणी नहाय।। Hindi · दोहा 1 158 Share सुनील कुमार 5 Nov 2021 · 1 min read सब जन में है हरि बसा----- सब जन में है हरि बसा, अपना हृदय टलोल। त्रिवेणी धारा प्रवाहित, आगे मिली गंगा एक।। Hindi · दोहा 1 156 Share सुनील कुमार 16 Nov 2021 · 1 min read अल्लाह-राम दोनों एक हैं---- अल्लाह-राम दोनों एक हैं, काहें रहा अलगाय। एक तरफ है मंदिर बना, दूजे मस्जिद बनाय।। Hindi · दोहा 1 145 Share सुनील कुमार 5 Oct 2021 · 1 min read हिय में सुमिरन जो करै----- हिय में सुमिरन जो करै, सो तो साधु होय। पाहन सुमिरन जो करै, साधु ना कहिए सोय।। Hindi · दोहा 1 136 Share सुनील कुमार 29 Nov 2021 · 1 min read नारी माता राम की---- नारी माता राम की, सबकी जननी नारि।। दोनों को तुम पूजिये, दुख भटकेगा नाहि।। Hindi · दोहा 1 140 Share Previous Page 2