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*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******" दो घड़ी बैठ मेरे पास ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*"सरहदें पार रहता यार है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कोई भी ना सुखी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मै भारत देश आजाद हां*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आ गये हम दर तुम्हारे दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खो दिया सुख चैन तेरी चाह मे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**बात बनते बनते बिगड़ गई**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खड़ी हूँ अभी उसी की गली*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* आजादी की कीमत **********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*परियों से भी प्यारी बेटी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*चिंता चिता समान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*बहुत कठिन डगर जीवन की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हथेली पर बन जान ना आए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******* प्रेम और दोस्ती *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आँखों से ना दूर होती*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हिंदी मेरे देश की जुबान है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत