Artist Sudhir Singh (सुधीरा) Language: Hindi 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 5 Jul 2023 · 1 min read आरक्षण आरक्षण के मुद्दे पर ये साफ़ हमारा कहना है जो जितना है लायक जिसके, उसको उतना देना है। कुछ का अब तक पेट भरा ना, अत्यंत ये दुखदायक है अब... Hindi · Poem On Resarvation · Sudhiraa · आरक्षण पर कविता · सुधीरा 164 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 29 Jun 2023 · 1 min read बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो। अल्लाह, ईश्वर, God सब एक है मुझे किसी भी धर्म से कोई आपत्ति नहीं है, मैं दुनिया के हर एक धर्म का सम्मान करता हूँ। लेकिन मुझे आपत्ति इस बात... Hindi · Sudhiraa · सुधीरा 648 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 27 Jun 2023 · 2 min read नेताजी (कविता) मंच पर कोई नेता... फिर उसके भाषण... भाषण में कुछ ज़ायकेदार, लच्छेदार बातें कुछ चुटकुले, कुछ गम्भीर बातें... अपने बलिदानों के किस्से फिर, अचानक...अचानक से उसकी आंखें भर आना... फिर... Hindi · Artistsudhirsingh · Sudhiraa · सुधीरा 384 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read कुछ बहुएँ ससुराल में कुछ बहुएं ससुराल में... यदा-कदा मायके की याद में बहा लेती हैं आंखों से नीर बचपन, सखी-सहेली, बाबुल को याद करके हो जाती हैं भाव-विभोर माँ-बाप के स्नेह का आँचल... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 476 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read गर्मी दिल में गर्मी कम ना थी, मौसम की गर्मी आ गई एक पसीना कम कहाँ था? उफ़्फ़ ये गर्मी आ गई। तन पे तो पंखा लगा लूँ, मन का क्या... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 437 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read वो ज़माने चले गए इसके घर की रोटी थी, उसके घर का अचार था इसके घर का तकिया था, उसके घर का खाट था। दिनभर पहले मेहनत, फिर रात सजा दरबार था हर दिन... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 506 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मैं मैं के अंदर आशिक़ है मैं के अंदर क़ातिल है। मैं में दास का वास है मैं में बैठा मालिक है। मैं ही करता चोरी है। मैं ही डाले डाके,... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 345 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ग़रीब एक आह गुज़र रही है उसके क़रीब से तुम पंगे मत लो किसी ग़रीब से। अटरिया की खिड़की से ज़िन्दगी नहीं दिखती तुम जाओ जी लो ज़िन्दगी उसकी दहलीज़ पे।... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 439 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read क्या फ़र्क अब आदमी और लाश में? फ़र्क अब आदमी और लाश में? बेदम सुधीरा फिर रहा है नूर की तलाश में। तन पे केवल अब बचे हैं माँस ही के लोथड़े ढूंढे होटल का पता फिर... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 123 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read नीर की बदली जवां मदहोश आंखों में, छुपी है नीर की बदली, छुपी है नीर की बदली। ये अंदर से भरी हुई, ये दिखती है जो इक पगली, ये दिखती है जो इक... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 126 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read या तो गले लगा लोगे, या फिर मुझको ठुकरा दोगे या तो शरमा दोगे तुम या फिर मुझको निपटा दोगे या तो गले लगा लोगे, या फिर मुझको ठुकरा दोगे। हो ना हो इंसाफ़ भले, इक तरफ़ फ़ैसला होएगा या... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 139 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read आँसू कोई आंख से आज छलक आया है आँसू कोई आंख से आज छलक आया है। आज "सुधीरा" लिखते-लिखते भर आया है। ग़ैरों की तो ख़बर नहीं, दिल तोड़ के जाता अपना ही जिस से है उम्मीद बड़ी,... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 302 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read आजकल मैं भी पैसे बचाने लगा आजकल मैं भी पैसे बचाने लगा... रीत जीवन की मैं भी निभाने लगा आजकल मैं भी पैसे बचाने लगा... जबसे देखा भिखारी को रोते हुए, कागज़ों को ठिकाने लगाने लगा... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 255 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read वो लोग कोई और हैं जो कर गुज़र गए। वो लोग कोई और हैं जो कर गुज़र गए। हम तो कर गुज़रने में ख़ुद ही गुज़र गए। वो लोग कोई और हैं जो कर गुज़र गए। ख़ुशबू, बहार, तितली,... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 249 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read माली निकला बेपरवाह, ये बगिया धोखा खा बैठी शाख-शाख पे उल्लू बैठा, जड़ को दीमक खा बैठी। माली निकला बेपरवाह, ये बगिया धोखा खा बैठी। खिला हुआ गुलशन था देखो अब ये उल्लिस्तान बना कोयल सारी, चुप बैठीं,... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 466 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है दर्द छुपाके सीने में वो छुप-छुप के रोता है मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है रोये... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 174 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read हम उनकी तलाश में हैं जो हमारी तलाश में हों मटके में पानी कम हो, और कुआं भी उफ़ान पे हो हम उनकी तलाश में हैं जो हमारी तलाश में हों। इक अरसे से गला और ज़ुबान दोनों सूखे हैं... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 153 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ए बेवफ़ा मुझको फिर से दवाई चाहिए सुना सुना हो गया हूँ आबाद जबसे हो गया हूँ फिर से मुझको वो तबाही चाहिए ए बेवफ़ा मुझको फिर से दवाई चाहिए। दिल मेरा ख़ामोशियों से, लब तक लबालब... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 127 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read हम पागल क्यूँ हो रहे हैं? है उसको खो रहे हैं जो नहीँ है उसके लिए रो रहे हैं हम पागल क्यूँ हो रहे हैं? नाव में छेद है मगर उस पर जाने की चाहत ।... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 155 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ग़रीब की बहू, सबकी भाभी कोई देखे उसका चेहरा, कोई देखे उसकी नाभी ग़रीब की बहू सबकी भाभी । सड़क पे दो चार आवारा दो ब्याहे एक कुँवारा ग़रीब की बहु उधर से निकले 1... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 202 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ये अजब अनोखी दुनिया ये अजब अनोखी दुनिया, ये अजब अनोखी दुनिया। बाप है कर्ज़े में डूबा... Scooty मांगें मुनिया। ये अजब अनोखी दुनिया, ये अजब अनोखी दुनिया। दारू पी कर मौज मनाते... घर... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 110 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read वो अपना काम करते हैँ, मैं अपना काम करता हूँ । कोई अपशब्द कहता है कोई गाली सुनाता है कोई फ़र्ज़ी बताता है कोई जाली बताता है वो बिछु हैं तो मैं साधु हूँ मैं सबको प्यार करता हूँ । वो... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 278 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read हम चुप क्या हुए हैँ, तुम सर ही चढ़ गये हो हम चुप क्या हुए हैँ, तुम सर ही चढ़ गये हो । हम तो हैं हदों में, तुम हद से बढ़ गए हो । हम चुप क्या हुए हैँ, तुम... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 120 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ग़ैरों में दम कहाँ है, अपने ही हैं डुबोते ग़ैरों में दम कहाँ है, अपने ही हैं डुबोते । हमको वही रुलाते हम चैन जिनपे खोते ! ग़ैरों में दम कहाँ है अपने ही हैँ डुबोते । किस से... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 116 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मैंनें उसको खोया, जो कभी मेरा था ही नहीं। उसको खोया है जो मेरा कभी था ही नहीँ । मुझे उसपे कोई इल्ज़ाम नहीँ लगाना, लेकिन मैं बेवफ़ा था नहीँ मैनेँ उसपे दाँव लगाया था जो मेरे साथ चलना... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 143 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मेरी हस्ती मेरे बस्ती वालों को पसंद नहीं मेरी हस्ती मेरे बस्ती वालों को पसंद नहीं उन्हें दिए की रोशनी पसन्द है सूरज की रोशनी पसन्द नहीं एक ढर्रे पर जीने की आदत है मेरी बस्ती वालों को... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 114 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मेरी ख़ुद की कचहरी में, मैं ख़ुद को माफ़ करता हूँ गुनाह कर के जो बैठे हैं, वो ख़ुद को साफ़ कहते हैं हमारी एक गलती पे, नहीँ चल माफ़ कहते हैं नहीँ चाहिए तेरी माफ़ी, मैं ख़ुद इंसाफ करता हूँ... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 116 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read ग़लत को भाव मिलता है, सही को लात मिलती है। सही से पेश आऊँ तो ग़लत मुझको समझते हैँ। मुखौटा मैं लगाऊँ तो मुझे पलकों पे रखते हैं। ग़लत की बात बनती है सही पे गाज गिरती है ग़लत को... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 99 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 2 min read तजुर्बा आता है ठोकरें खाने से बात कहाँ बनती है सफ़ेद बाल जाने आने से तजुर्बा आता है ठोकरें खाने से... किसी को यार ने छोड़ा, किसी को प्यार ने छोड़ा कोई गधा ही बना रहा... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 124 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read सुनो मैं मरा नहीं, अभी ज़िंदा हूँ रुको अभी ना मनाना मेरी बर्बादी का जश्न... घायल हूँ, लेकिन अभी नहीँ हुआ हूँ ज़मीन में दफ़्न... थका हूँ लेकिन हौसले वाला परिंदा हूँ... सुनो मैं मरा नहीं अभी... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 102 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read तेरे टूटे हुए दिल पे तू खुद मरहम लगाएगा जिसने घाव ना झेला, वो उसका दर्द क्या जाने? किसी की प्रीत क्या जाने, किसी का भाव क्या जाने? की जिसने दर्द झेला है वही आँसू बहायेगा। तेरे टूटे हुए... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 105 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मैं सब कुछ बोल जाता हूँ कभी मैं गीत गाता हूँ, कभी कविता सुनाता हूँ। कभी तुमको हंसाता हूँ कभी तुमको रुलाता हूँ। कभी कड़वा कभी मीठा कि रस मैं घोल जाता हूँ । यहाँ दिल... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 113 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 2 min read मैं हर महीने भीग जाती हूँ कुदरत के नियम को मैं अपनाती हूँ हर बार दर्द में और ज़्यादा जीना सीख जाती हूँ मैं हर महीने भीग जाती हूँ। लाल रंग का मेरी ज़िंदगी से गहरा... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 178 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 2 min read सब क़िस्मत का खेल है एक फ़ूल कीचड़ में गिर गया एक फ़ूल भगवान पे चढ़ गया। कहीं हेड है तो कहीं टेल है सब क़िस्मत का खेल है। किसी को पेट की चिंता किसी... Poetry Writing Challenge · Sudhiraa · सुधीरा 111 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read बताओ कैसे करोगे किसी का जजमेंट? कपड़ों से मत करो किसी की औक़ात का जजमेंट। बहुत से कोट-पेंट वालों की body में भी होता है डेंट। बताओ कैसे करोगे किसी का जजमेंट? वो निकला किसी बस्ती... Poetry Writing Challenge · कविता 96 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 2 min read आज एक माँ सब पे भारी हो रही है। घर घर में ये बीमारी हो रही है आज एक माँ सब पे भारी हो रही है। दर्जनों का पेट पाला जिसने, रोते हँसतों को संभाला जिसने ख़ुद बाद में... Poetry Writing Challenge · कविता 100 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read अब बस बदन कुछ इंचों के ये माँस के लोथड़े, भोग हुआ और शिथिल पड़े । यौवन के साम्राज्य में फँसी देह-कंचन, अब बस बदन, बस बदन, बस बदन । ये जो चमड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 533 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read हरि लापता है, ख़ुदा लापता है हरि लापता है ख़ुदा लापता है कोई तो बता दे, क्या उसका पता है। हरि लापता है ख़ुदा लापता है हवस की बलि क्यूँ चढ़े कोई बेटी मासूम को क्यूँ... Hindi · गीत 1 163 Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 1 min read मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है दर्द छुपाके सीने में वो छुप-छुप के रोता है मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है रोये... Hindi · ग़ज़ल 2k Share Artist Sudhir Singh (सुधीरा) 14 Jun 2023 · 2 min read मैं हर महीने भीग जाती हूँ। कुदरत के नियम को मैं अपनाती हूँ हर बार दर्द में और ज़्यादा जीना सीख जाती हूँ मैं हर महीने भीग जाती हूँ। लाल रंग का मेरी ज़िंदगी से गहरा... Hindi · कविता 1 254 Share