sudha bhardwaj Tag: कविता 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sudha bhardwaj 4 Feb 2018 · 1 min read हम बेटियाँ हम नन्ही-नन्ही सी कलिकाएं। हर बगिया को हम ही महकाएं। जहाँ रख दें कदम भये उजियारा। हर आँगन को हम ही चहकाएं। आज स्थिति कुछ संवरी है अपनी। कुछ घरों... Hindi · कविता 386 Share sudha bhardwaj 22 Jan 2018 · 1 min read ऐहसास ऐहसास ऐहसास मत पूछिए... उस वल्लरी का... उस बेल के बारे में ही... सुना है मैने किसी न किसी... को सहारा बना बढती है... वृक्ष से लिपटी... उस में समाहित... Hindi · कविता 569 Share sudha bhardwaj 22 Jan 2018 · 1 min read हम हम बहती मैं भी... लिए उमंगे... नित संग लाती... नव अभिलाषा.... नव सृजन... नव तरंग संग... नित भरती जीवन मे रंग... होते फलित स्वप्न... सब अपने... न मैं-मैं होती... न... Hindi · कविता 490 Share sudha bhardwaj 24 Dec 2017 · 1 min read तेरे प्रथम चरण तेरे प्रथम चरण की आहटे याद है मुझें। हृदय हरषाया बहुत जब मैने पाया तुझे। कृष्ण से घुंघरालें वो केश बिसरे नही मुझें। अंतस प्रसन्न हुआ तुझे पाकर। सुलाया कभी... Hindi · कविता 347 Share sudha bhardwaj 23 Dec 2017 · 1 min read ये सतरंग सलौने ये रंग बिरंगें रंग सलौने बहुत से पाठ पढ़ा जाते। जीवन की कठिनाइयों से लड़ना कैसे सिखला जाते। जीवन सतरंगी बहु-मनरंगी ये मधुर ऐहसास करा जाते इन रंगो के संग... Hindi · कविता 265 Share sudha bhardwaj 1 Sep 2017 · 1 min read रक्तदान रक्तदान ****** बात बहुत सरल सी जानो। रक्त बिना ना जीवन मानो। रग-रग बहे जब रक्त धारा जीवन तब ही चले हमारा। यूं तो दान बहुत से है भाई। सर्वोत्तम... Hindi · कविता 560 Share sudha bhardwaj 24 Jul 2017 · 1 min read प्रतीक्षा प्रतीक्षा ******* दीर्घ अतिदीर्घ हो चला वक्त तेरी राह तकते -तकते। उम्मीद थी लौटेगा का तू मेरे बाल पकते -पकते। ये उदित किरण। अस्ताँचल रवि निहांरू हफ्ते-हफ्ते। न सन्देश न... Hindi · कविता 687 Share sudha bhardwaj 20 Jul 2017 · 1 min read इन्द्रधनुष इन्द्रधनुष सप्त-रंगो के ओज ने प्रभावित तो किया। जीत नही पाये उसका नन्हा सा जिया। चाह थी मन को जिस रंग की ज्यो की त्यों रही। स्वर्णिम चमक भी देखो... Hindi · कविता 1 253 Share sudha bhardwaj 20 Jul 2017 · 1 min read हादसा हादसा ****** एक खबर से जिन्दगी पलटवार खाती है। जो हादसा बन दिल के टुकड़े कर ही जाती है। सीधी सी जीवन धारा को पलटा के जाती है। सुगम सी... Hindi · कविता 457 Share sudha bhardwaj 20 Jul 2017 · 1 min read परछाई परछाईं ******* परछाई बन मेरे हमसफर संग साथ ही में रहा करो। कभी जो भटकूँ राह कही मुझे राह पे तुम किया करो। परछाई बन मेरे.... कभी बूँद बन तुम... Hindi · कविता 460 Share sudha bhardwaj 5 Jun 2017 · 1 min read मुझे बचाओ मुझे बचाओं *********** क्यों भूल गया तू हें मानव ? मैं प्रिय धरती माता हूँ तेरी। आज है मेंरी कोख उजडती। कहाँ सो गयी वो प्रीत तेरी ?? मेरा स्वरूप... Hindi · कविता 420 Share sudha bhardwaj 20 Mar 2017 · 1 min read महारथी धनुर्धरा महारथी धनुर्धरा ************* नन्ही कली जब-जब चली। रख पॉव हस्त कर तर्जनी। तेरा हर इशारा पढ़ सकूं। पग-पग सहारा बन सकूं। न आने दूँ तुझे ऑच मैं। दुनियां दिखा दूँ... Hindi · कविता 579 Share sudha bhardwaj 20 Mar 2017 · 1 min read हमराही हमराही मैं तेरी तू मेरा जीवन भर का संग है। तू मेरी मैं तेरी पत राखूं ली सौं हमने संग है। दुर्लभ -कठिन बहुत जीवन पथ पर तुम संग सुगम... Hindi · कविता 652 Share sudha bhardwaj 12 Mar 2017 · 1 min read होली होली रास रंग का पर्व है आया। आओ मिल-जुल खेले होली। स्वागत करती आप सभी का। अपनी रंग-बिरंगी टोली। छोड़ेंगे हम एक दूजे पर। हास विलास रंगो की गोली। सराबोर... Hindi · कविता 495 Share sudha bhardwaj 10 Mar 2017 · 1 min read सबला सबला कौन कहता है नारी अबला। पल-भर में टाले यें हर बला। कैसी भी हो पथ में बाधा। त्यागे न यें अपनी मर्यादा। नारी से ही घर है बसेरा। बिन... Hindi · कविता 334 Share sudha bhardwaj 9 Mar 2017 · 1 min read फागुन विषय-फागुन तिथि-९-३-२०१७ सखी ! फागुन मास है आयो री। संग मधुर सरस बरसायो री। समा भयो बड़ा मनभावन री। चहु ओर है सरसों छाय रही। हर ड़ारी कोयरिया कूक रही।... Hindi · कविता 776 Share sudha bhardwaj 25 Feb 2017 · 2 min read अभिलाषा यह उस बेटी की अभिलाषा है जो अभी अजन्मा है माँ की कोख़ मे ही है परन्तु उसे भय है कि कही माँ उसे जन्म ही न दें।वह अपनी माँ... Hindi · कविता 463 Share sudha bhardwaj 24 Feb 2017 · 1 min read जय भोलेनाथ जय भोलेनाथ --------------------- निशदिन मन लागे तुझ शरणम्। तुझ दर्शन बिन रहे व्याकुल मेरा मन। मै भटक ना जाऊं कही किसी कदम। बन परछाई रहो मेरे संग हरदम। हे शिवशंकर... Hindi · कविता 441 Share sudha bhardwaj 23 Feb 2017 · 1 min read पथ/राह पथ/राह पवन बुहारे पथ तेरा तू चल चला चल। मान ले सुरभित बगिया जीवन तू चल चला चल। वृक्ष घनेरे बांह पसारे है तेरा ऑचल। जीवन की इस कश्मकश में... Hindi · कविता 706 Share sudha bhardwaj 18 Feb 2017 · 1 min read सरिता सरिता हिम शिखर से निकल राह मेरी बड़ी कठिन विकल चलूं मै इठलाती इतराती सी परवाह नही मुझे कभी राह की हो मैंदान या गहरी खाई चलूं रेंगती कभी गाती... Hindi · कविता 459 Share sudha bhardwaj 10 Feb 2017 · 1 min read सीख सीख: झुकी फलो की डाली ने सिखाया। तुझमे इतना गुरूर कहाँ से आया। बना खुद को शालीन- प्रवीण।। जिससे होगा तू विकसित सर्वांगीण। गुणों से इसां स्वतः झुक जाता है।।... Hindi · कविता 307 Share sudha bhardwaj 10 Feb 2017 · 1 min read अहंकार अहंकार ------------- अहम का विकार जब जब किसी में आ गया। न चाहते हुए भी उसको अहंकारी कहा गया। अहम के सीमित मात्र को स्वाभिमानी गुना गया। हुआ जो हद... Hindi · कविता 251 Share sudha bhardwaj 10 Feb 2017 · 1 min read अहंकार अहंकार ------------- अहम का विकार जब जब किसी में आ गया। न चाहते हुए भी उसको अहंकारी कहा गया। अहम के सीमित मात्र को स्वाभिमानी गुना गया। हुआ जो हद... Hindi · कविता 303 Share sudha bhardwaj 28 Jan 2017 · 1 min read शक्ति शक्ति: धुंधली-2 सी परछाई। विहिव्ल मन पर छाई। दया दृष्टि पाने को तेरी। यों आँख मेरी भरआई। शक्ति का स्वरूप है तू ! हर ओर तिमिर माँ धूप है तू... Hindi · कविता 327 Share sudha bhardwaj 24 Jan 2017 · 1 min read कलियां बेंटियां(कलियां) हर आँगन में खिली कली है। कुछ मुरझायी कुछ अधखिली है। हृदय में अभिलाषा के मोती। प्रतिकली जीवन भर संजोती। बिखरतें सपने टूटते दर्पण। करती तन-मन-धन-अर्पण। स्वभाव है इसका... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 350 Share sudha bhardwaj 24 Jan 2017 · 1 min read हसरतें हसरतें ----- हसरतें तो बहुत पल कम पड़ गयें बताते है। हसरत है।उसको हरने की जिसको मजबूरी बताते है। हसरत है। उनके ग़म हरने की जिनको लोग सतातें है। हसरत... Hindi · कविता 341 Share sudha bhardwaj 20 Jan 2017 · 1 min read शब्दो का खेल शब्दो का खेंल -------------------- रच-रच कर कुछ शब्द नयें। अहसास को उनमें शामिल कर भावो को फिर उनमें भरकर किया अपना मन हल्का सा रचित हुआ एक कवित रूप उसे... Hindi · कविता 301 Share sudha bhardwaj 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियां ***** हर आंगन में खिले कलियॉ हॅसती रहे मुस्काती रहे । हर आंगन गूंजे स्वर इनका। यों राग खुशी के गाती रहे। हर आंगन मे चिड़ियों की तरह। दिन... Hindi · कविता 504 Share