sudha bhardwaj Language: Hindi 70 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 sudha bhardwaj 5 Feb 2017 · 1 min read खतरा खतरा (लघुकथा) उफ्फ आज तो मैं बाल -बाल बचा हूँ। यदि मैं प्लेटफार्म पर न गिरकर सीधा.. पटरियों पर गिर जाता तोआज मेरा पता भी नही पाता। आजकल इन लोकल... Hindi · लघु कथा 1 1 429 Share sudha bhardwaj 1 Feb 2017 · 1 min read खामोशी मुक्तक इन्हे हम गा न पायेंगें अधूरे से तराने है। जिन्हे रच भी न पाये हम ये वही अफसाने है। कर सकते नही बयां हम इनको लफ़्ज़ो में। यें खामोशी... Hindi · मुक्तक 278 Share sudha bhardwaj 30 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल यें भी इस वक्त का इशारा है। बदल रहा वक्त अब हमारा है। रख विश्वास उस पर -ए-बंदें ! उसने हर एक को संवारा है। न होना निराश जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share sudha bhardwaj 29 Jan 2017 · 2 min read हम (लघुकथा) हम (लघुकथा) पता नही कब से यें गलतफहमी तुम्हारे दिल में अपना अपना घर बना बैठी । चूंकि इस दिल पर तो केवल मैने अपना ही अधिकार समझा था। तुम्हे... Hindi · लघु कथा 237 Share sudha bhardwaj 28 Jan 2017 · 1 min read शक्ति शक्ति: धुंधली-2 सी परछाई। विहिव्ल मन पर छाई। दया दृष्टि पाने को तेरी। यों आँख मेरी भरआई। शक्ति का स्वरूप है तू ! हर ओर तिमिर माँ धूप है तू... Hindi · कविता 330 Share sudha bhardwaj 27 Jan 2017 · 1 min read बारिश बारिश ----------- बारिश से यही गुज़ारिश है। तुम वक्त-वक्त पर आया करो। आने से तेरे ख़ुशहाल ज़िन्दगी। तुम खुशहाली बरसाया करो। मेरे खेत देखते-तक़ते राह तेरी। तुम उनको ना यूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 460 Share sudha bhardwaj 26 Jan 2017 · 1 min read हमारा वतन है.....(ग़ज़ल) गणतन्त्र दिवस की बहुत-२ शुभकामनाएं -------------------------- हमारा वतन हमें जां से प्यारा हमारा वतन है। दुनिया की आँखो का तारा वतन है। जहाँ में होंगी सभ्यताएं कितनी। हर सभ्यता का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share sudha bhardwaj 25 Jan 2017 · 1 min read बेरुखी (ग़ज़ल) बेरुखी (ग़ज़ल) नही रखों गिला मन में बेरुखी और बढ़ती है। तुम्हारी बेरुखी ऐसी दिल पर चोट करती है। खफा रहना अच्छा नही तेरा इस कदर। तुम्हारी इस अदा से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share sudha bhardwaj 25 Jan 2017 · 1 min read इनायत (ग़ज़ल) ग़ज़ल ----- मुझपे इनायत जो तेरी बनी रहे। मेरे जीने की हसरत बनी रहे। तेरी इबादत ही है करम अपना। ये हमेशा मेरी आदत बनी रहे। पाएं रूतबा-ए-शौहरत हम भी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 254 Share sudha bhardwaj 25 Jan 2017 · 1 min read शोर यूं ही...ग़ज़ल ग़ज़ल ----- शोर यूंही परिन्दो ने मचाया होगा। मैं जिसे ढ़ूढ़ रही मेंरा ही साया होगा। ग़ौर से सुनती मै अफसाना सनम। ग़र होता इल्म आप ने फरमाया होगा। पकड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share sudha bhardwaj 24 Jan 2017 · 1 min read कलियां बेंटियां(कलियां) हर आँगन में खिली कली है। कुछ मुरझायी कुछ अधखिली है। हृदय में अभिलाषा के मोती। प्रतिकली जीवन भर संजोती। बिखरतें सपने टूटते दर्पण। करती तन-मन-धन-अर्पण। स्वभाव है इसका... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 353 Share sudha bhardwaj 24 Jan 2017 · 1 min read हसरतें हसरतें ----- हसरतें तो बहुत पल कम पड़ गयें बताते है। हसरत है।उसको हरने की जिसको मजबूरी बताते है। हसरत है। उनके ग़म हरने की जिनको लोग सतातें है। हसरत... Hindi · कविता 345 Share sudha bhardwaj 23 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल महक उठा मेरा मन आज इस खबर सें। तुम गुज़रोगे आज इस रहगुज़र से। धड़कने लगा है अभी से दिल इस कदर। क्या होगा जब मिलेंगी नज़र तेरी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share sudha bhardwaj 22 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल जिस्म क्या है रूह तक सब खुलासा देखियें। आज के बालक बालिकाओं की भाषा देंखियें। बदलतें मूल्यो संस्कारो से बिगड़ते बालक। बदल गयें सब परिवेश;परिभाषा देंखियें। माहौल नामाकूल उड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 561 Share sudha bhardwaj 22 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल किसी को बातो से बहलाना नही मुश्किल। रूठें किसी अपने को मनाना नही मश्किल। अपनी खूबियों व अंदाज-ए-फ़न से। किसी के दिल में उतर जाना नही मश्किल। मेहनत कर पसीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share sudha bhardwaj 21 Jan 2017 · 1 min read मतलबी दुनिया लघुकथा ------------------ मतलबी दुनिया -------------------- क्या जरूरत थी तुझे इस बाग़ीचे में आने की ?अम्बियों का बहुत शौक है ना तुझे पर तझे ये नही मालूम कि यहँा इंसान के... Hindi · लघु कथा 676 Share sudha bhardwaj 20 Jan 2017 · 1 min read शब्दो का खेल शब्दो का खेंल -------------------- रच-रच कर कुछ शब्द नयें। अहसास को उनमें शामिल कर भावो को फिर उनमें भरकर किया अपना मन हल्का सा रचित हुआ एक कवित रूप उसे... Hindi · कविता 302 Share sudha bhardwaj 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियां ***** हर आंगन में खिले कलियॉ हॅसती रहे मुस्काती रहे । हर आंगन गूंजे स्वर इनका। यों राग खुशी के गाती रहे। हर आंगन मे चिड़ियों की तरह। दिन... Hindi · कविता 508 Share sudha bhardwaj 19 Jan 2017 · 2 min read सुमिरन सुमिरन ------------- सागर किनारे खड़ा मैं इससे पहले की कुछ संभल पाता.. अचानक से लगभग बीस ....पच्चीस फुट ऊंची एक लहर ने मुझे अपने आगोश में ले लिया और मैं... Hindi · लघु कथा 362 Share sudha bhardwaj 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक दुनिया में मेरा ना तुझसा कोई मीत है। मेरी तो लागी तुझ संग ही प्रीत है। तुमसा सर्वशक्तिमान नही कोई मेरे प्रभु! मेरी कलम भी रचती दिन-रात तेरे गीत है।... Hindi · मुक्तक 1 405 Share Previous Page 2