Srishty Bansal Tag: कविता 49 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Srishty Bansal 1 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य की खोज में, कुछ झूठे राहगीर निकलें। बिना किसी मुसीबत के, जब वे वहां पहुंचें। जब देखा तो हुए हैरान, क्योंकि सत्य पर लगा था पर्दा। पर्दा हटाने के... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 402 Share Srishty Bansal 23 Feb 2024 · 1 min read बहुत हैं! अच्छी शक्ल के.. चर्चे बहुत हैं! अच्छी आवाज़ के.. चर्चे बहुत हैं! एक पल को तो लगा, कि "इस महंगी दुनिया में कौन पूछेगा, हम सस्ते लोगों को?" ये गलतफहमी... Hindi · कविता 3 288 Share Srishty Bansal 22 Feb 2024 · 1 min read ये 'लोग' हैं! जितना दूर रहने की कोशिश करोगे इनसे, उतना ही ये तुम्हारे पीछे पड़ जाएंगे। ये 'लोग' हैं! तुम कुछ न कर सको, इसीलिए ये बहुत-कुछ कर जाएंगे। तुम्हें ज़िन्दा न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन 288 Share Srishty Bansal 20 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी... "उदास रहें, तो पूरी ज़िंदगी याद आएगी। खुश रहें, तो जैसे एक नई ज़िंदगी मिल जाएगी। मत रुको ऐ मुसाफिरों, उदास रहने के लिए। चलते रहो यारों, खुशियों से मुलाक़ात... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन 3 394 Share Srishty Bansal 20 Feb 2024 · 1 min read कृपया मेरी सहायता करो... "प्रिय समय, मैं स्वयं को बदलना चाहती हूं। कृपया मेरी सहायता करो। प्रिय परिस्थितियों, मैं एक कविता लिखना चाहती हूं। कृपया मेरी सहायता करो। प्रिय नियति, मैं किसी को सुनना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन 1 461 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read कैसे देखनी है...?! घड़ी कैसे देखनी है, ये क़िताब सिखाती है। क़िताब कैसे देखनी है, ये वक्त सिखाता है। वक्त कैसे देखना है, ये हालात सिखाते हैं। हालात कैसे देखने हैं, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 382 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...! Haan, Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko! Uss Chhote Purane Bakse(बक्से) Mein, Unn Purane Fate(फटे) Kapdo Mein... Uss Album Mein, Aangan Ke Uss Jhule Mein...! Maine Dekha Hai Apne Bachpan... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 385 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read न बदले...! वो गिरगिट ही क्या, जो रंग न बदले। वो मौसम ही क्या, जो ढंग न बदले। आजकल की इस बदलती दुनिया में... वो इंसान ही क्या, जो संग न बदले।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 310 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read बाक़ी है..! "मंज़िल तो चुन ली है, बस रास्ते पर चलना बाकी है। आफताब तो बन गई हूं, बस आसमान में चमकना बाकी है। कदम बढ़ाना तो सीख गई हूं, बस चलते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 309 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read कौन नहीं है...? "कौन क़िस्मत का मारा नहीं है? कौन अपनों से हारा नहीं है? ये बात-बात पर मरने की बातें करने वालों, ये गलतफहमी पालने वालों कि सिर्फ़ एक आप ही मौत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 248 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read चलो♥️ "चलो, इस भागदौड़ भरी माहौल का, थोड़ा-सा लुत्फ़ उठाया जाए। इस भीड़ में खोकर, अपने ग़म को भुलाया जाए।" - सृष्टि बंसल Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 241 Share Srishty Bansal 17 Feb 2024 · 1 min read जो हैं आज अपनें.. "जो हैं आज अपनें.. कल पराए हो जाएंगे। जो हैं आज पराए.. कल अपने हो जाएंगे। ये हक़ीक़त भी न.. ऐसे सपने दिखा देती है कि, 'जो हैं आज हक़ीक़त..... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 244 Share Srishty Bansal 4 Feb 2024 · 1 min read कोई...💔 _"ये दिल जो टूटा है, इसे जोड़ जाए कोई.._ _ये दिल जो ज़ख्मी हुआ है, इसपर मरहम लगाए कोई...!_ _ये वक्त जो छूट गया है, उसे वापिस बुलाए कोई.._ _ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 255 Share Srishty Bansal 28 Jan 2024 · 2 min read सोच गिरी हुई सोच को पर कैसे लगें? सुना है, ज़ख्मी परिंदों को आसमान नहीं मिलता। उड़ती हुई सोच को कैसे रोकें? एयरपोर्ट आने से पहले प्लेन लैंड नहीं करता। राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 312 Share Srishty Bansal 26 Jan 2024 · 1 min read बाकी है...!! "मंज़िल तो चुन ली है, बस रास्ते पर चलना बाकी है। आफताब तो बन गई हूं, बस आसमान में चमकना बाकी है। कदम बढ़ाना तो सीख गई हूं, बस चलते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन 1 299 Share Srishty Bansal 26 Jan 2024 · 2 min read जय संविधान...✊🇮🇳 आज का दिन महान बना था, जब देश को संविधान मिला था। देश चलाने के लिए चुनिंदा लोगों ने, कुछ कानूनों का निर्माण किया था। जब अंग्रेज़ों का चलता था... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 387 Share Srishty Bansal 23 Jan 2024 · 1 min read चलो... *चलो कुछ ऐसा करते हैं,* *जैसा दिल कहे, वैसा करते हैं।* *चलो एक नया आशियाना बनाते हैं।* *भटकते हुए को सही राह दिखाते हैं।* *रोते हुए को हँसाते हैं, टूटे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन · शेर 1 311 Share Srishty Bansal 23 Jan 2024 · 1 min read चल बन्दे..... आहिस्ता चल बन्दे, वरना फ़िर डगमगाएगा। सामने देख बन्दे, वरना फ़िर टकराएगा। संभलकर चल बन्दे, वरना फ़िर लड़खड़ाएगा। कुछ मत सोच बन्दे, वरना रास्ता भूल जाएगा। डर मत बन्दे, वरना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन · शेर 1 377 Share Srishty Bansal 23 Jan 2024 · 1 min read कहां से कहां आ गए हम.... ये कहां से कहां आ गए हम? कि फ़िर वो गुज़रा हुआ ज़माना चाहिए। ज़िंदगी ने इस क़दर कर दिया परेशान, कि फ़िर कुछ पल हँसने का बहाना चाहिए। आईनों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शेर 1 303 Share Srishty Bansal 19 Jan 2024 · 1 min read कहां से कहां आ गए हम..! ये कहां से कहां आ गए हम? कि फ़िर वो गुज़रा हुआ ज़माना चाहिए। ज़िंदगी ने इस क़दर कर दिया परेशान, कि फ़िर कुछ पल हँसने का बहाना चाहिए। आईनों... Hindi · कविता 1 293 Share Srishty Bansal 3 Dec 2023 · 1 min read Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko! Haan, Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko! Uss Chhote Purane Bakse(बक्से) Mein, Unn Purane Fate(फटे) Kapdo Mein... Uss Album Mein, Aangan Ke Uss Jhule Mein...! Maine Dekha Hai Apne Bachpan... Hindi · कविता 572 Share Srishty Bansal 10 Jul 2023 · 1 min read फितरत हमारी फितरत पर जो फ़िदा हो जाए, ऐसा कोई बना नहीं, न हमने देखा है। ये ज़ालिम दुनिया है किस चीज़ की लालची, हमने ये हर पल सीखा है। मसालों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल 2 2 496 Share Srishty Bansal 3 Jul 2023 · 1 min read फितरत उन्हें हर मुस्कुराहट दी मैंने, अब मेरी क़िस्मत रोने लगी। उनको दुनियाभर की दुआएँ दी मैंने, अब बद्दुआओं में मेरी क़ीमत लगने लगी। उन्हें महफ़िल सौंपी मैंने, अब तन्हाई मेरी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 344 Share Srishty Bansal 27 Jun 2023 · 1 min read ऐ ज़ालिम....! देकर धक्का अंधेरे में, उन्होंने रौशनी से हाथ मिला लिया। दिल तोड़कर हमारा, उन्होंने हमें ये कैसा सिला दिया? हम तो दुआओं का मीठा अमृत मांगते थे उनके लिए रब... Hindi · कविता 309 Share Srishty Bansal 16 Jun 2023 · 1 min read पूछ रही हूं पूछ रही हूं लकीरों से, "मेरे हाथ ख़ाली क्यों हैं?" बता ऐ मेरे खुदा, "ये भीड़ देखने वाली क्यों है?" ✍️सृष्टि बंसल Hindi · कविता 1 2 548 Share Srishty Bansal 13 Jun 2023 · 1 min read जाते हो.....❤️ ❤️अपने हर इक अंदाज़ से मुझे अपना दीवाना बना जाते हो !🌹 🌹चाहे कितना भी जीने की ख्वाहिश करूं , अपनी मुस्कान से बार-बार मेरा यूं कत्ल कर जाते हो... Poetry Writing Challenge · कविता 3 365 Share Srishty Bansal 13 Jun 2023 · 1 min read कुछ तो बात है मेरे यार में...! 💕हिम्मत चाहिए होती है इज़हार में ! सब्र चाहिए होता है इंतज़ार में ! चैन नहीं है इकरार में ! कुछ तो बात है मेरे यार में !💕 🌸खो गई... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल 4 3 446 Share Srishty Bansal 13 Jun 2023 · 1 min read बहाना मिल जाए ❣️मेरी सूनी रातों को सहारा मिल जाए , मेरे काले आसमान को रौशन सितारा मिल जाए । यूं तो हम ही तलाशते रहते हैं आपसे मिलने के मौक़े , काश... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 543 Share Srishty Bansal 13 Jun 2023 · 1 min read ज़िंदगी एक पहेली... कभी है ये उलझी , कभी है ये सुलझी ! कभी बनती शत्रु , तो कभी बनती ये सहेली है ! ज़िंदगी एक पहेली है । ग़म से निकलने के... Poetry Writing Challenge · कविता 441 Share Srishty Bansal 13 Jun 2023 · 1 min read दोस्ती... चाहे बीत जाएं पंद्रह-पच्चीस साल, हमारी दोस्ती कभी कम न हो। तुम्हारी ज़िंदगी में हमेशा रहे खुशी, कभी ग़म न हो। ✍️सृष्टि बंसल Poetry Writing Challenge · कविता 413 Share Page 1 Next