डॉ. श्री रमण 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. श्री रमण 19 Jul 2025 · 1 min read तेरी झील-सी आँखें तेरी झील-सी आँखों में डूब जाऊँ; इस कदर, फ़िज़ाओं में समा जाती है खुशबू; बनकर सुरूर करूँ निकलने की कोशिशें; करता ही रहूँ, उतना ही डूबता जाऊँ इस समंदर की... Hindi · शेर 1 225 Share डॉ. श्री रमण 16 Jul 2025 · 2 min read संस्कार एक गाँव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे। बूढ़े किसान और उसकी पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद चारों भाइयों ने खेती सम्भाल ली। तीन भाइयों... Hindi · कहानी 3 1k Share डॉ. श्री रमण 30 Nov 2023 · 1 min read एक टऽ खरहा एक टऽ मूस एक टऽ खरहा एक टऽ मूस, दोनों करै छथि कानाफूस, भिन्सर उइठ कऽ जाय छथि चौक पर, कौन हवा बहय चहुँओर, पूरबा-पछिया-उत्तरा-दखिना, सभकऽ वहीं करथि महसूस, एक टऽ खरहा एक... Maithili · हास्य-व्यंग्य 6 6 1k Share डॉ. श्री रमण 26 Nov 2023 · 1 min read विद्यापति धाम हे आदिकवि विद्यापति धाम, स्वीकार करो शत्-शत् प्रणाम, कविवर की निर्वाण भूमि यह, रज-रज में यहाँ शान्ति व्याप्त है, कण-कण में यहाँ साक्षात् शिव हैं, यह योगभूमि विद्यापति धाम, स्वीकार... Hindi · कविता 6 1 1k Share डॉ. श्री रमण 20 Jul 2023 · 1 min read एक थी गंगा एक थी गंगा, मादा तोता, माँ ने उसको पाल रखा था, रहती टंगी द्वार के सम्मुख, रंग-रूप मनभावन उसका, ब्रह्म-मुहूर्त्त में वह उठ जाती, 'सीता-राम' का जाप लगाती, घर का... Hindi · कविता 5 6 426 Share डॉ. श्री रमण 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत मेरी फितरत मेरी बदल दी वक्त ने क्या बचपन के दिन थे मेरे, बेफिक्र, अल्हड़-मिजाज मैं, धमा-चौकड़ी शाम-सवेरे, न चिंता आगे जीवन की, कर लूंँ वक्त को कब्जे में, गई न... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 4 297 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read भूख ‘भू’ से धरती, ‘ख’ से आकाश, इसका विस्तार सम्पूर्ण संसार, जब भूख जगे जठराग्नि रूप, बुभुक्षा, पिपासा औ लिप्सा स्वरूप, तब श्रम-साधन का उपयोग बढ़े, कृषि यंत्र लगे, उत्पाद बढ़े,... Poetry Writing Challenge 4 3 457 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read गं गणपत्ये ! माँ कमले ! गं गणपत्ये! विघ्न हर ले, डिगूँ न कर्म से, बुद्धि – वर दे, मांँ कमले! तम हर ले, अज्ञान दूर कर ज्ञान भर दे, ज्ञान मनुज का है आभूषण, बुद्धि;... Poetry Writing Challenge 3 375 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read पहले प्यार में तब आई नव तरुणाई थी, दिल जवांँ ने ली अंगड़ाई थी, चांँदनी रात दिल को भाती थी, प्रियतमा की छवि दिखलाती थी। दसवें वर्ग में पढ़ता था तब, पहले प्यार... Poetry Writing Challenge 2 533 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read आरंभ सफलता, निर्भर है, अच्छे आरंभ पर, यानी शुभारंभ पर, यह नींव है, एक मजबूत लक्ष्य का, भविष्य के स्वप्न का, विद्यार्थियों की सफलता का, कारीगरों की कुशलता का, खिलाड़ियों की... Poetry Writing Challenge 3 488 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read त्याग निकलो न बेपरवाह, हवा बहुत सर्द है, हो गुलाब की तरह! नाजुक, मासूम, खूबसूरत, महंँक बिखेरने के लिए, सुंदर दिखने के लिए, संस्कृति की प्रतीक! पर समझता कौन? अनपढ़; निरक्षर;... Poetry Writing Challenge 2 375 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read हवा बहुत सर्द है निकलो न बेपरवाह, हवा बहुत सर्द है, हो गुलाब की तरह! नाजुक, मासूम, खूबसूरत, महंँक बिखेरने के लिए, सुंदर दिखने के लिए, संस्कृति की प्रतीक! पर समझता कौन? अनपढ़; निरक्षर;... Poetry Writing Challenge 2 323 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read उसे देख खिल गयीं थीं कलियाँ तन्हाई में जीता हूंँ, जब से छोड़ गई वो साथ, जीवन में कितनी रौनक थी, जब वो थी मेरे पास; उसे देख बागों में खिल गयीं थीं कलियांँ, फूलों पर... Poetry Writing Challenge 4 229 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read रंग हरा सावन का रंग हरा सावन का, सर्वत्र हरीतिमा छाई है, नव-पत्र से छादित हैं तरुवर, तृण-हरित धरा की तरुणाई है; तरुणी हरे रंग में रमी हुई, नव वस्त्रों में सजी हुई, लगा... Poetry Writing Challenge 3 211 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read पिता का सपना अपने बच्चों में मैं अपना भविष्य सजाता हूंँ, अपने अधूरे सपने पूरे करने की आस संजोता हूंँ, एक चमकदार पत्थर को कोहिनूर की तरह तराशता हूंँ, उनका बढ़ना, पढ़ना, खेलना,... Poetry Writing Challenge · कविता 3 438 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read बाबूजी! आती याद बाबूजी! आपके जाने के बाद आती याद, वो बचपन की बातें सुबह जब जगाते, पहले देह दबाते, बालों में उँगलियाँ फिराते फिर धीरे से जगाते। आती याद, होता साथ-साथ; खाना-पीना-सोना,... Poetry Writing Challenge 3 192 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read छठ महापर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष में, उपरान्त दिवाली तिथि चतुर्थी, होती शुरुआत छठ व्रत की, लोक-आस्था के महापर्व की। प्रथम दिवस को नहाय-खाय, बनती लौकी औ चने की दाल, अरवा चावल... Poetry Writing Challenge 3 237 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read पिता का पता पिता का पता कौन बताए, कब सोते कब जग जाते हैं, अथक; काम में लग जाते हैं, कब पीते कब खाते खाना कौन बताए, बच्चों का बढ़ना, पढ़ना-लिखना, लिए आंखों... Poetry Writing Challenge 3 305 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read रेलगाड़ी लौह-पथ पर चलने वाली, सबके मन को भाने वाली, एक इंजन, कई डब्बों वाली, कई गंतव्यों तक जाने वाली, रेलगाड़ी; पूरे भारत को एक सूत्र में, बाँध रखी है प्रेम-सूत्र... Poetry Writing Challenge · कविता 2 289 Share डॉ. श्री रमण 25 May 2023 · 1 min read गाऊँ तेरी महिमा का गान हे जगपालक! हे प्रतिपालक! हे हरि! चले शयन को आज, तेरी कृपा से हो जगपालन, हे विष्णु भगवान! गाऊँ तेरी महिमा का गान, गाऊँ…… जब-जब धरा पे संकट आया, लिए... Poetry Writing Challenge 2 355 Share डॉ. श्री रमण 24 May 2023 · 1 min read त्याग क्षमा, दया, तप औ त्याग, ये जीवन के परम आचार, काम, क्रोध, मद औ लोभ, ये सब हैं, नरक के द्वार, जिसने किया त्याग-बलिदान, उनका जीवन बना महान्, त्याग दिया... Poetry Writing Challenge 3 326 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read तब से भागा कोलेस्ट्रल बढ़ा शरीर में काॅलेस्ट्रल, कुछ न सूझा इसका हल, आसन करूंँ या प्राणायाम, दौड़ लगाऊंँ या व्यायाम, सब कुछ नीरस जैसा लगता, आलस मन के पीछे पड़ता। बढ़ा शरीर में... Poetry Writing Challenge · कविता 2 154 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read गुमनाम मुहब्बत का आशिक आया सुध-बुध खोकर दिल्ली, सफर ट्रेन का एक दिवस, बगल सीट पर बैठी कमसिन, उम्र थी उसकी बीस बरस, घुंघराली काली जुल्फें उसकी, नैन नशीली मतवाली, ओठ अमावट का टुकड़ा-सा,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 333 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read श्रीमती का उलाहना मेरी कविताओं को देख, श्रीमती का उलाहना है, सारे भाव ख्वाबों में आते, मुझे देख न कुछ आता है; मैं कहता हूंँ दिल में भाव, तुम्हें देख उमड़ता है, “हेतु-हेतु... Poetry Writing Challenge · कविता 2 285 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read चाय की चुस्की चाय की चुस्की लेकर देखो, भर लो चुस्ती और स्फूर्ति, सुबह-सुबह श्रीमतीजी बोली, लेकर हाथ, चाय की प्याली, सुबह के अपने काम निबटाओ, किचन में फिर हाथ बँटाओ, बाद में... Poetry Writing Challenge · कविता 2 212 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read छोटा-सा परिवार हुई हमारी शादी, पत्नी बोली डियर डार्लिंग, कब तक रहना है इस घर में, कब तक पिसना है शत् जन में, रोटी बेलूँ दिन औ रात, ताने सुनूंँ बातों-बात, अब... Poetry Writing Challenge · कविता 4 394 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read जब से आया शीतल पेय शरबत की हो गई विदाई, जब से आया शीतल पेय, घर-घर की शोभा निराली, सबसे सस्ता शीतल पेय। चालीस रुपए की चीनी औ, पांँच रुपए का नींबू लाओ, फिर घोलने... Poetry Writing Challenge · कविता 2 207 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read गोरे मुखड़े पर काला चश्मा गोरे मुखड़े पर काला चश्मा क्या खूब फबता है, जैसे तीन चांँद जैसा सुंदर मुखड़ा, पहले से हो, ऊपर से काला चश्मा, चार चांँद लगाता है। हम भोले-भाले-काले, कभी खुद... Poetry Writing Challenge · कविता 2 326 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read सच और झूठ सच होता है नीम-करेला, झूठ कहो मुर्गे की टांँग, नोंच-नोंच कर खाओ ऐसे, पाओ जीवन का आनंद, झूठ में होता स्वाद का तड़का, नमक-मिर्च औ चटनी-प्याज, सच होता बीमार का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 386 Share डॉ. श्री रमण 16 May 2023 · 1 min read पीकर जी-भर मधु-प्याला रिमझिम-रिमझिम वर्षा रानी, बरसे बूंदों की फुहार, चारों तरफ़ हरियाली छाई, आई सावन की बहार, हरा दुपट्टा, हरी चुनरिया, गोरी करके चली शृंगार, मन करता है, पीछे चल दूंँ, साथ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 242 Share Page 1 Next