Smriti Singh 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Smriti Singh 28 Jul 2020 · 1 min read # हैशटैग मेरे कर्म में औकात कहाँ, जो मुझे बयां कर सके मेरा वो चोंगा लाओ, जो मुझे दिखा सके आखिर हूं, कौन? वो बता सके हैशटैग की स्पर्धा में, मैं भी... Hindi · कविता 3 4 315 Share Smriti Singh 17 Jul 2020 · 1 min read अहम का वहम मैं ही मैं हूँ शून्य भी मै, अनन्त भी मैं मेरे लिए ही सब कुछ है बस मै ही सजीव -सा बाकी सब निर्जीव-सा मैं ही भूमण्डल का अधिकारी सब... Hindi · कविता 7 6 527 Share Smriti Singh 12 Jul 2020 · 1 min read झुनझुना झुनझुना सा लोकतंत्र जितनी मर्जी, जैसी मर्जी वैसे ठोक कर बजाओ यह सामूहिक हास्य है, हंसता भी मै , हंसा भी मुझ पर जा रहा है, मूक दर्शक सा निहारता... Hindi · कविता 7 9 359 Share Smriti Singh 10 Jul 2020 · 1 min read अचेतना से चेतना तक हृदय के निलय- आलिंद को मंद पड़ने न दो चिंघाड़ती, दहाड़ती आवाज न सही पर बोलती हुई जिह्वा को रुकने न दो मार्मिक दृश्य हैं, दशा दुर्दशा है, इक टांग... Hindi · कविता 9 6 725 Share Smriti Singh 8 Jul 2020 · 1 min read शरीफों का मुहल्ला ये शरीफों का मुहल्ला है, सिसकियां तेज हो तो कानों में रूई भर लो दखल न दो, वो पति-पत्नी का मामला है ये शरीफों का मुहल्ला है, गलियां भट रही... Hindi · कविता 6 5 315 Share Smriti Singh 5 Jul 2020 · 1 min read पड़ा हुआ हूँ छित्त -विछित्त मैं पड़ा हुआ हूँ अपने घर से लाओ चाकू थाली चीर -चीर ले जाओ, चमड़ी मांस नहीं है, इसमें लात मारकर जाओ न महक रहा रक्त मेरा, और... Hindi · कविता 5 4 492 Share Smriti Singh 5 Jul 2020 · 1 min read सर्वस मैं ही जन्म से मरण तक आरम्भ से अन्त तक मैं निमित्त मात्र हूँ कलंक हूं गर्व हूं सरल हूं प्रचण्ड हूं अणु हूं विकराल हूं तुम्हारे अधीन हूं जैसे सहज हो... Hindi · कविता 5 2 337 Share Smriti Singh 3 Jul 2020 · 1 min read दंगाई कपड़ा हुकूमत फरमान सुनाती, दंगाई कपड़े से पहचाने जायेगें | कपड़ा परेशान है बैठा यार, न मेरा कोई धर्म, न मेरी कोई जाति, बस, कुछ है मेरा रंग, कुछ है मेरा... Hindi · कविता 3 2 378 Share Previous Page 2