सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 64 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read सजन ना आए विधा- गीतिका आधार छन्द-राधिका (22 मात्रा ,मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल अनिवार्य। समान्त-आए,अपदान्त। ******************************************** अब सावन बीता जाय, सजन ना आये। भेजत नाहीं संदेश, हृदय घबड़ाये। कछु भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read नशा हो गइल मापनी-212 212 212 212 *********************** नैन उनकर शराबी नशा हो गइल। जुल्फ लहरल त करिया घटा हो गइल। नींद नैना लुटल चैन हमरो गइल। आज अँखिया मिलावल सजा हो गइल।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 397 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read प्रेम का उपहार हो तुम ============================ आधार छन्द- "माधवमालती" (28 मात्रा, मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगागा समान्त- "आर, पदान्त- "हो तुम"। =============== राम ने मुझको दिया जो, प्रेम का उपहार हो तुम। थी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 211 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Jul 2021 · 1 min read आँसुओ का नल खुला यूँ छोड़कर विधा-गजल बेखबर होने लगे हो आजकल। चैन से सोने लगे हो आजकल।१ जख्म कुछ गहरा मिला क्या आपको, हर घड़ी रोने लगे हो आजकल।२ हो गई है पुष्प से क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Jul 2021 · 1 min read तिरंगा मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ २१२ क़ाफिया-आन, रदीफ-बा बा कहीं अल्ल्लाह ईश्वर, राम रब भगवान बा। एक ही बाटे तिरंगा, एक हिंदुस्तान बा। भेष-भूषा जाति मजहब, बा अलग बोली मगर। दिल बसल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read आँख मेरी हमेशा छलकने लगी गीतिका साँझ बनकर जवानी ये' ढलने लगी। जिंदगी रेत जैसे फिसलने लगी। उम्र के साथ अनुभव बढ़ा हर समय, जिंदगी ठोकरों से सँभलने लगी। लाख दौलत कमा कर बनाया महल,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 166 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read नून रोटी दाल मँहगा हो गइल #वज़्न - 2122. 2122 2122 212 #अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन #बह्र - बह्र: बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़ #काफ़िया - ई स्वर #रदीफ़ - गैर मुरद्दफ़ (#क़ाफ़िया_ही_रदीफ़ है) ■■■■■■■■■■■■... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरूरी १२२२ १२२२ १२२ बुढ़ापा से मुहब्बत बा जरुरी। बचा लऽ ई विरासत बा जरूरी। शजर जड़ से जुदा हो के रही ना, समझ लऽ आज निस्बत बा जरूरी। (निसबत-लगाव) पिता... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 315 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सूना मन के द्वार। धन दौलत रुपया वसन, ना पूरी पकवान, ना मांँगू मैं आपसे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 523 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read हाय क्या जालिम जमाना आ गया गीतिका आधार छन्द- "आनंदवर्धक" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगा (19 मात्रा) समान्त- "आना', पदान्त- "आ गया". =============== ॐ "गीतिका" हाय क्या जालिम जमाना आ गया। जख्म में नश्तर चुभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 277 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read मुहब्बत बा जरूरी वज़्न - 1222 1222 122 अर्कान - मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन बह्र - हज़ज मुसद्दस महजूफ़ काफ़िया - अत रदीफ़ - बा जरूरी ग़ज़लकार- सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य ________________________ ग़ज़ल- मुहब्बत... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read कामना गीतिका -- आधार छंद - सार्धमनोरम मापनी - 2122 2122 2122 समांत - अना, पदांत - है । *********************** प्रेम डोरी से तुझे अब बाँधना है। आज नैनों को तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 382 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read गजल दोस सिस्टम के दिहल बेकार बा। कर्म से भागल समझ लीं हार बा।१ सब क आपन पूत प्यारा हो गइल, आदमी देखीं बड़ा लाचार बा।२ के करत बा का इ... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा गजल विधा --दोहागजल ??????????????? आओ हम फिर से करें, नवयुग का निर्माण। सबका सम अधिकार हो, सबका हो कल्याण। औषधि शिक्षा मुफ्त हो, हाथ सभी के काम, देखो अन्न अभाव में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share Previous Page 2