शिवदत्त श्रोत्रिय Tag: कविता 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवदत्त श्रोत्रिय 20 May 2018 · 1 min read जब भी तुम्हारे पास आता हूँ मैं जब भी तुम्हारे पास आता हूँ मैं कितना कुछ बदल जाता है सारी दुनिया एक बंद कमरे में सिमिट जाता है सारी संसार कितना छोटा हो जाता है मैं देख... Hindi · कविता 292 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 15 Feb 2018 · 1 min read जब से तुम गयी हो जबसे तुम गये हो लगता है की जैसे हर कोई मुझसे रूठ गया है हर रात जो बिस्तर मेरा इंतेजार करता था, जो दिन भर की थकान को ऐसे पी... Hindi · कविता 476 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 14 Sep 2017 · 1 min read जिस रात उस गली में कवि: शिवदत्त श्रोत्रिय रौशनी में खो गयी कुछ बात जिस गली में वो चाँद ढूढ़ने गया जिस रात उस गली में || आज झगड़ रहे है आपस में कुछ लुटेरे... Hindi · कविता 513 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 27 Mar 2017 · 1 min read आया था चाँद पानी पर कवि: शिवदत्त श्रोत्रिय किसी ने उपमा दी इसे महबूबा के चेहरे की, किसी ने कहा ये रात का साथी है कभी बादल मे छिपकर लुका छिपी करता तो , मासूम... Hindi · कविता 283 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 10 Jan 2017 · 1 min read बेटी है नभ में जब तक बेटी तुम्हारे आँचल में जहां की खुशियां भर देती है तुम्हारी चार दीवारों को मुकम्मल घर कर देती है ॥ बेटी धरा पर खुदा की कुदरत का नायाब नमूना है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 482 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 9 Jan 2017 · 1 min read अब बाग़बान नही आता हम उस गुलशन के गुल बन गये जहाँ अब बाग़बान नही आता कुछ पत्ते हर रोज टूट कर, बिखर जाते है पर कोई अब समेटने नही आता ॥ क्योकि अब... Hindi · कविता 281 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 2 Jan 2017 · 1 min read तब होगा नव-वर्ष का अभिनंदन कुछ बीत गया, कोई छूट गया कुछ नया मिला, कोई रूठ गया डोर समझ कर जिसे सम्हाला एक धागा था जो टूट गया|| मान जाए रूठे, जुड़ जाए टूटे छूटने... Hindi · कविता 437 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 26 Dec 2016 · 1 min read मैं मुस्कराने गया था, पर मुस्करा नही पाया हर दिन की तरह कल सुबह, आकर उन चन्द परिंदो ने घेरा हलवाई की दुकान के बाहर सुबह से ही जैसे डाला था डेरा || कढ़ाई लगी, समोसे कचोड़ी छानी... Hindi · कविता 1 531 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 16 Dec 2016 · 2 min read मुझे गर्भ मे ही मार दो || देख मैं तेरे गर्भ मे आ गयी माँ, कितना सुंदर सा घर है ना सर्दी है ना गर्मी है ना ही दुनिया का डर है || माँ, एक कंपन सा... Hindi · कविता 580 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 9 Dec 2016 · 1 min read आवारा कुत्ते .. दफ़्तर से देर रात जब घर को जाता हूँ चन्द कदमो के फ़ासले मे खो जाता हूँ सुनसान सी राहे, ना कोई कदमो के निशा ट्यूब लाइट की रोशनी, ना... Hindi · कविता 312 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 4 Dec 2016 · 1 min read जब से बदल गया है नोट एक रात समाचार है आया पाँच सौ हज़ार की बदली माया ५६ इंच का सीना बतलाकर जाने कितनो की मिटा दी छाया वो भी अंदर से सहमा सहमा पर बाहर... Hindi · कविता 1 494 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 2 Dec 2016 · 1 min read ब्रह्म प्रकाश सूर्य नही था, चंद्र नही था दुनिया मे कोई बंद नही था ना थी रोशनी ना था अंधेरा ना थी रात और ना ही सवेरा ना धरती थी ना था... Hindi · कविता 579 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 2 Dec 2016 · 1 min read रेल से अजब निराली है रेल से अजब निराली है इस काया की रेल - रेल से अजब निराली है| ज्ञान, धरम के पहिए लागे, कर्म का इंजन लगा है आंगे, पाप-पुण्य की दिशा मे... Hindi · कविता 642 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 24 Oct 2016 · 1 min read सरहद सरहद, जो खुदा ने बनाई|| मछली की सरहद पानी का किनारा शेर की सरहद उस जंगल का छोर पतंग जी सरहद, उसकी डोर || हर किसी ने अपनी सरहद जानी... Hindi · कविता 360 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 19 Oct 2016 · 1 min read देने वाला देकर कुछ कहता कहाँ है|| हर पहर, हर घड़ी रहता है जागता बिना रुके बिना थके रहता है भागता कुछ नही रखना है इसे अपने पास सागर से, नदी से, तालाबो से माँगता दिन रात... Hindi · कविता 386 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 13 Oct 2016 · 1 min read कहीं कुछ भी नही है सब कुछ है धोखा कुछ कहीं नही है है हर कोई खोया ये मुझको यकीं है ना है आसमां ना ही कोई ज़मीं है दिखता है झूठ है हक़ीकत नही... Hindi · कविता 1 1 299 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 12 Oct 2016 · 1 min read अदालत मे खुदा होगा जलाल उल्लाह जब रोजे कयामत पर खड़ा होगा ना जाने हम गुनहगारो का उस दम हाल क्या होगा|| करेंगे नॅफ्सी-नॅफ्सी और जितने भी है पेगेम्बर मोहम्मद लेकर जब झंडा सिफायत... Hindi · कविता 379 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 12 Oct 2016 · 1 min read एक तुच्छ बूँद सा जीवन दे दो फसल खड़ी है खेतो मे उष्णता उन्हे जलाती है धधक रही है धरती भी पर बूँद नज़र नही आती है|| किनारे बैठ मै देख रहा बच्चे जो मेरे झुलस रहे... Hindi · कविता 385 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 6 Oct 2016 · 1 min read एक दीप जलाया था मैने तम के उस गहरे साये से अस्तित्व विहीन समाए से निशा के उद्वेलित आवेशो से अंतः मन मे घबराए से तेरी शरण मे आकर कुछ ऐसे बचाया था मैने एक... Hindi · कविता 334 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 4 Oct 2016 · 1 min read मुझे चलना है बस चलने दो मै राह चला हूँ प्रीत मिलन की मुझे चलना है बस चलने दो || प्रीत लगी जब दिव्य ओज से उस ओज मे जाकर मिलना है मोह पतंगे को ज्वाला... Hindi · कविता 394 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 13 Sep 2016 · 1 min read रातभर तुम्हारे बारे मे लिखा मैने उस रात नीद नही आ रही थी, कोशिश थी भुला के तेरी यादे बिस्तर को गले लगा सो जाऊ पर कम्बख़्त तू थी जो कहीं नही जा रही थी|| नीद... Hindi · कविता 394 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 16 Aug 2016 · 1 min read क्या सचमुच शहर छोड़ दिया अपने शहर से दूर हूँ, पर कभी-२ जब घर वापस जाता हूँ तो बहाना बनाकर तेरी गली से गुज़रता हूँ मै रुक जाता हूँ उसी पुराने जर्जर खंबे के पास... Hindi · कविता 507 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 12 Aug 2016 · 1 min read तब तक समझो मे जिंदा हूँ जब तक आँखो मे आँसू है तब तक समझो मे जिंदा हूँ|| धरती का सीना चीर यहाँ निकाल रहे है सामानो को मंदिर को ढाल बना अपनी छिपा रहे है... Hindi · कविता 348 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 4 Aug 2016 · 1 min read प्यार नाम है कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय प्यार नाम है बरसात मे एक साथ भीग जाने का प्यार नाम है धूप मे एक साथ सुखाने का || प्यार नाम है समुन्दर को साथ पार... Hindi · कविता 798 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 2 Aug 2016 · 1 min read फ़ौज़ी का खत प्रेमिका के नाम कितनी शांत सफेद पड़ी चहु ओर बर्फ की है चादर जैसे कि स्वभाव तुम्हारा करता है अपनो का आदर|| जिस हिम-शृंखला पर बैठा कितनी सुंदर ये जननी है| बहुत दिन... Hindi · कविता 2 539 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 31 Jul 2016 · 1 min read मैने तुम पर गीत लिखा है एक नही सौ-२ है रिस्ते है रिस्तो की दुनियादारी, कौन है अपना कौन पराया जंजीरे लगती है सारी तोड़के दुनिया के सब बंधन तुमको अपना मीत लिखा है|| मैने तुम... Hindi · कविता 2 392 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 29 Jul 2016 · 2 min read मकान की यादे मकान का बाहरी कमरा जहाँ दादा जी रहते थे| ना जाने सोते थे कब, बस जागते रहते थे पिताजी डाँटते थे जब भी मुझे दादा जी बचाते थे तुझसे कम... Hindi · कविता 732 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 25 Jul 2016 · 1 min read हम बनाएँगे अपना घर हम बनाएँगे अपना घर होगा नया कोई रास्ता होगी नयी कोई डगर छोड़ अपनी राह तुम चली आना सीधी इधर|| मार्ग को ना खोजना ना सोचना गंतव्य किधर मंज़िल वही... Hindi · कविता 757 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 25 Jul 2016 · 1 min read क्यो कहते हो मुझे दूसरी औरत कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय मै गुमनाम रही, कभी बदनाम रही मुझसे हमेशा रूठी रही शोहरत, तुम्हारी पहली पसंद थी मै फिर क्यो कहते हो मुझे दूसरी औरत || ज़ुबान से स्वीकारा... Hindi · कविता 750 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 1 Jul 2016 · 1 min read ऐसी मेरी एक बहना है ऐसी मेरी एक बहना है नन्ही छोटी सी चुलबुल सी घर आँगन मे वो बुलबुल सी फूलो सी जिसकी मुस्कान है जिसके अस्तित्व से घर मे जान है उसके बारे... Hindi · कविता 490 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 28 Jun 2016 · 1 min read मुझे मेरी सोच ने मारा नही जख़्मो से हूँ घायल, मुझे मेरी सोच ने मारा || शिकायत है मुझे दिन से जो की हर रोज आता है अंधेरे मे जो था खोया उसको भी उठाता... Hindi · कविता 557 Share शिवदत्त श्रोत्रिय 5 Jun 2016 · 1 min read जिंदगी के उस मोड़ पर कवि:- शिवदत्त श्रोत्रिय जिंदगी के उस मोड़ पर(यह कविता एक प्रेमी और प्रेमिका के विचारो की अभिव्यक्ति करती है जो आज एक दूसरे से बुढ़ापे मे मिलते है ३० साल... Hindi · कविता 2 1k Share