Shilpi Singh Language: Hindi 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shilpi Singh 4 Jan 2023 · 1 min read ग़ज़ल #ग़ज़ल तुम्हें देखूँ मैं यूँ जब भी तराना याद आता हैं। मुझे गुजरा हुआ फिर से जमाना याद आता हैं। हुनर का तो यहाँ पर लोग कदर नहीं किया करते,,... Hindi 2 462 Share Shilpi Singh 1 Jan 2023 · 1 min read **--नए वर्ष की नयी उमंग --** अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं🙏 **--नए वर्ष की नयी उमंग --** दुआ हैं मेरी नए वर्ष में, नयी उमंगे आए । नए ख्वाबों का सिलसिला, सबके मन मे... Hindi 4 246 Share Shilpi Singh 20 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक उठाती लेखनी जब भी, सतत मै छंद लिखती हूँ। तुम्हारे ही लिए प्रियवर, सुखद मकरन्द लिखती हूँ। प्रियंवदा हूँ तुम्हारी मैं......हो तुम प्राणदा प्रियतम,, प्रिय प्रीत की परिभाषा को,मै मंद... Hindi · मुक्तक 3 242 Share Shilpi Singh 18 Sep 2021 · 1 min read मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो। #प्रकाशित मेरे करुण हृदय की पुकार सुनो। ख़फ़ा हो तुम, मेरे वजूद से बावरी मै नहीं , ज्ञात हैं मुझे। जो लिखे हैं तुक मैने , तुम्हारी गुणगान सुनो। मेरे... Hindi · कविता 4 2 620 Share Shilpi Singh 18 Sep 2021 · 1 min read क्राँति की ज्योति तुम अग़र रणभूमि का सहारा बनो, मै क्राँति की ज्योति ... जलाती रहूँ।। तुम यूँही अखंडता को बनाये रखो, मै वीरों की गाथा .......सुनाती रहूँ।। कितनी माता की ......गोद हैं... Hindi · कविता 1 506 Share Shilpi Singh 11 Apr 2019 · 1 min read जब देश में हमारे चुनाव आता है। सियासी लोगों को अक़्सर तनाव आता हैं। जब देश में हमारे...... चुनाव आता हैं।। कितने वादे किये और मुकर भी गए,, अब पूरा करेंगे फ़िर सुझाव आता हैं जब देश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 307 Share Shilpi Singh 27 Jan 2019 · 2 min read #यादें #बचपन #की #वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी । बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी।।❤❤ इस चित्र को देखते ही मन बचपन की यादों के तरफ़ प्रफुलित हो उठा।याद आता है... Hindi · कहानी 3 1 574 Share Shilpi Singh 21 Jan 2019 · 1 min read यूँ झूटी कहावत का क्या फ़ायदा यूँ झूठी कहावत .....का क्या फ़ायदा। हर किसी से बग़ावत का क्या फ़ायदा। जहाँ जाकर के हम......यूँ ग़ुलामी करें,, हमे ऐसी ज़न्नत का .......क्या फ़ायदा। कभी भूखों को दो टूक..... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 542 Share Shilpi Singh 21 Jan 2019 · 2 min read यादें #बचपन #की #यादें #बचपन #की?? #वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी । बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी।।❤❤ इस चित्र को देखते ही मन बचपन की यादों के तरफ़ प्रफुलित हो... Hindi · कहानी 3 443 Share Shilpi Singh 2 Jan 2019 · 3 min read नया साल (संस्मरण) वो साल दूसरा था ये साल दूसरा हैं****?जी हाँ आज से बारह साल पहले की बात है लगभग 2006 -07 की जब मै ग्यारह या बारह साल की थी। पुराने... Hindi · कहानी 2 444 Share Shilpi Singh 15 Jul 2018 · 1 min read ज़ख्म हँसते ज़ख्मो पर लेकिन लोग सीने नहीं देते। ये ज़िन्दगी अपनी हैं फ़िर भी जीने नहीं देते। बदलतें दौर के क़िस्से क्या क्या बयाँ करूँ,, अमृत पिलूँ कैसे ये ज़हर... Hindi · मुक्तक 3 1 548 Share Shilpi Singh 1 Jul 2018 · 1 min read पहला प्यार पहला प्यार का इज़हार,वो मुलाक़ात की बातें। याद आती है मुझको,वो जज़्बात की बातें। शुरू तुझसे ही हुई ख़तम तुझपर ही होगी,, वो महकती सी सुबह, हँसीरात की बातें।। @शिल्पी... Hindi · मुक्तक 2 276 Share Shilpi Singh 29 Jun 2018 · 5 min read "इक्कीसवीं सदी का प्यार" इक्कीसवीं सदी का प्यार सन् 2016 की बात जब पापा ने मुझे नया फोन लाकर दिया मन मे तो ख़ुशी के लड्डू फूट रहे थे पर पापा ने फोन ही... Hindi · कहानी 3 2 780 Share Shilpi Singh 28 Jun 2018 · 1 min read मेघ उमड़ आये.... ***मेघ उमड़ आये**** रूपसी सुन तेरा मधुर स्वर , सहसा मेघ उमड़ आये। जलते कण की पुकार सुन, आज मेघ उभर आये। पुलकित होकर धरा, निहारती नभ दर्पण है। ओढ़... Hindi · कविता 3 358 Share Shilpi Singh 23 Jun 2018 · 1 min read अल्फ़ाज-ए-ज़िन्दगी छोटी अल्फ़ाजों का बड़ा हिसाब कर जाते लोग। यहाँ सजी महफ़िल भी ख़राब कर जाते लोग। ढूँढने को ख़ता मुझमें यहाँ आए हैं कई,, ग़र ढूंढूं ख़ता जो मै बेनक़ाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 481 Share Shilpi Singh 22 Jun 2018 · 1 min read *ख़ता* ख़ता एक बार होती है तुम सौ बार करते हो। यूँ झूठी तस्सली को मेरा दीदार करते हो। तुम्हारे ही लिए दिन रात मै ख़्वाब बुनती हूँ,, छोड़ मझदार में... Hindi · मुक्तक 2 396 Share Shilpi Singh 18 Jun 2018 · 1 min read *रिश्तों को मरते देखा* *रिश्तों को मरते देखा* आयी आँधी एक बार बस, चमन को उजड़ते देखा। मैने रिश्तों को मरते देखा।। मर गया प्रेम जगत में , सब व्यर्थं बातें बोल रहें। अमृत... Hindi · कविता 2 491 Share Shilpi Singh 17 Jun 2018 · 1 min read मेरे पापा मेरी सोयी उम्मीदों को बस वो जगाते है। ग़र भूलूँ पथ मै वही राह दिखाते है। उनकी नेकियों को मै कैसे शब्दों में बयाँ का दूँ ,, मेरी ख़्वाहिशों के... Hindi · मुक्तक 1 535 Share Shilpi Singh 13 Jun 2018 · 1 min read सौ बार नमन हैं* सौ बार नमन हैं उनको, जिसने विश्व में पहचान बनाया हैं। तमगा लेकर वीरता का, देश का सम्मान बढ़ाया हैं।। कट जाए सर चाहे वतन पर , वो कभी नहीं... Hindi · कविता 1 459 Share Shilpi Singh 12 Jun 2018 · 1 min read राधाकृष्ण मुक्तक इस ज़िन्दगी की आशा तुम्हे माना है। हृदय की अभिलाषा तुम्हे माना है। मेरी चाहतों से तुम हो ख़फ़ा क्यों कहो,, प्रेम की परिभाषा तुम्हे माना है।। ख़ुद को राधा... Hindi · मुक्तक 1 624 Share Shilpi Singh 11 Jun 2018 · 1 min read एक मुक्तक इंसानियत को बांटने वालों के लिए बन ना सको इंसान तो हैवान मत होना। लाखों कारवां में भी अपनी पहचान मत खोना। क्यों लड़ते हो तुम आख़िर मंदिर ,मस्जिद के ख़ातिर, मज़हब कोई भी हो पर... Hindi · मुक्तक 1 296 Share Shilpi Singh 11 Jun 2018 · 1 min read एक मुक्तक माँ के नाम मेरी हर ख़्वाहिशों को माँ स्वीकार करती है।। कभी जो देर से लौटूँ खड़ी इंतेज़ार करती है।। तेरे इस प्यार का माँ क़र्ज़ मैं कैसे अदा करूँगी, मेरी ग़लतियों पर... Hindi · मुक्तक 1 460 Share Shilpi Singh 10 Jun 2018 · 4 min read ** ग़दर ** """...#ग़दर..""" जी हाँ यह 2001 कि बात है जब.. "ग़दर"..फ़िल्म रिलीज़ हुई और लोग बेशब्री से इंतेज़ार कर रहे थे कि जल्दी से इसकी कैसेट बाज़ार में आजाये क्योंकि सिनेमाघरों... Hindi · कहानी 3 427 Share Shilpi Singh 7 Jun 2018 · 1 min read **साँवरा है किधर** जिसे ढूंढती है मेरी नज़र, वो साँवरा है किधर।। जिसने भटकाई मेरी डगर, वो साँवरा है किधर।। जिसके लिए घर मीरा ने छोड़ा, लगी लगन ऐसी, बंधन सब तोड़ा, जिसके... Hindi · गीत 1 287 Share Shilpi Singh 5 Jun 2018 · 1 min read **कहाँ गया वो युग** कहाँ गया वो युग, जब हर तरफ़ हरियाली थी। बागों का श्रृंगार कोयल से, और बच्चों की किलकारी थी। अपने जीवन को मानव, अपने हाथों से काटते हो। वृक्ष लगाने... Hindi · कविता 2 1 487 Share Shilpi Singh 4 Jun 2018 · 1 min read **ख़्वाब** **ख़्वाब** आँखों में पाल। रही मैं सुकुमार। तुम्हारे ख़्वाब।। सुदंर मन । ये लघुतम जीवन अधूरे ख़्वाब। आजाओ तुम। प्रेम उपवन में। हो पूरे ख़्वाब।। हृदय कुसुम। अब खिलने को... Hindi · हाइकु 4 1 518 Share Shilpi Singh 3 Jun 2018 · 1 min read फ़रेबी दुनिया इस फ़रेबी दुनियां में न जाने, कितने समझदार बैठे हैं। खता माफ़ी के क़ाबिल नहीं, कई ऐसे गुनेहगार बैठे हैं। छूना हैं तुम्हे बुलंदियों को, तो क्या हम यूँ बेकार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 372 Share Shilpi Singh 2 Jun 2018 · 1 min read राघव देखत छवि । सरस मन डोला। राघव मेरे।। दर्शन पाने । पग पथ तुम्हारे। नैन निहारे।। 02-06-2018 @शिल्पी सिंह Hindi · हाइकु 3 2 315 Share Shilpi Singh 1 Jun 2018 · 1 min read ***मै प्रेम दीवानी घनश्याम की*** ***मै प्रेम दीवानी घनश्याम की*** प्राणों के दीप जलाऊँ प्रतिपल, मै प्रेम दीवानी घनश्याम की।। सकल जगत बोले मुझपे व्यंग्य हैं, हुआ जब से शुरू मेरे प्रेम का प्रसंग है।... Hindi · कविता 2 593 Share