Shikha Mishra 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shikha Mishra 18 Dec 2018 · 1 min read अब आ भी जाओ इन ऊंची ऊंची वादियों में इन ठंडी ठंडी तन्हाईयों में जिस्म बर्फ़ सा जमा जा रहा फिर भी ये रूह मेरा अंगीठी सा है जल रहा। ये शाॅल, स्वेटर और... Hindi · मुक्तक 1 1 315 Share Shikha Mishra 15 Nov 2018 · 1 min read वो 'मां' कहलाती है इक छोटे से संबोधन में पूरी दुनिया सिमट जाती है, अपने खून से नव जीवन सृजन कर, वो औरत से "मां" बन जाती है। अमृत से सींचकर वो अपने बच्चे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 17 47 1k Share