Tag: ग़ज़ल/गीतिका
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भाड़ में जाओ तुम
Mugdha shiddharth
दिल की दिलजोई न करेंगे
Mugdha shiddharth
जानाॅं
Mugdha shiddharth
मुक्तक
Mugdha shiddharth
चश्म ए नमनाक की ये तो बाजीगरी हैं
Mugdha shiddharth
गुल पत्थरों से मिल कर संगसारी करती है
Mugdha shiddharth
इक जाॅं है जो बेकरार है तेरी इंतजारी में
Mugdha shiddharth
जागी पलकों पे भी हम उसके राधे थे
Mugdha shiddharth