Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mugdha shiddharth 15 Dec 2020 · 1 min read मन की सीमा न लांघूंगी मन के जिसको सारे रक्त दिए उसने ही मुझ को त्यक्त किए अब किसी को मैं क्या बांधूगी अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ? ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 528 Share Mugdha shiddharth 4 Dec 2020 · 1 min read मेरी 'जाॅं' मेरी 'जाॅं' होना ना तुम उदास कभी उदासी छीन लेती है आस सभी मेरा छोड़ो, मैं दौर ए सुकूँ का राही नहीं शायद मैं भी लौटूं इस राह कभी ~... Hindi · मुक्तक 4 515 Share Mugdha shiddharth 29 Nov 2020 · 1 min read बेटी तेरे ज़ीस्त के गुलिस्ताँ में मेरी जाॅं कभी पतझड़ न आए बसंत ही बसंत हो तितलियों सा उड़ना तू भूल न पाए बदन के नाव में कभी कोई छेद न... Hindi · मुक्तक 3 566 Share Mugdha shiddharth 21 Oct 2020 · 1 min read प्रेम सापित है ... कुछ लोग वहीं खड़े रह जाते हैैं आजन्म जिस जगह से फूटती है किसी विशेष के मन के छुअन से प्रेम की गंगोत्री ... प्रेम सापित है ... प्रेम में... Hindi · मुक्तक 2 509 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2020 · 1 min read मुक्तक जुबां लड़खड़ाए तो कोई नई ... लखड़ाने दो जो बात कहनी हो कह दो उसे फ़साने में ~ सिद्धार्थ शब्द सीधे और सरल थे अर्थ मगर कुछ खास था इक... Hindi · मुक्तक 2 333 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक देर तक न देख सका वो यार मेरा, मेरे जनाजे को मैं उसके आंखों से गया लम्हा बन बह निकली ~ सिद्धार्थ गर होती कहीं दुआ कबूल तो, सच... दुआ... Hindi · मुक्तक 2 215 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read मुहब्बत का गुल खिला कैसे दिल ए बाम में मुहब्बत का गुल खिला कैसे मुझ को सारी रात ये सोच कर रोना आया उस मकां में जो रहता था एक शख्स उसके धुआं हो जाने... Hindi · मुक्तक 2 238 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read सुखनवर आप इश्क में दर्द ए सुखनवर होते रहीए जनाब ये इश्क जो है न आप के बस का रोग नहीं ~ सिद्धार्थ गमों की फेहरिस्त लंबी तो न थी बांटने... Hindi · मुक्तक 2 285 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read ग़ुंचा दिल के वीरान सहरा में ग़ुंचा ए इश्क का खिलना सदीद दर्द देता है अपने भॅंवरे से नहीं मिलना ~ सिद्धार्थ कदमों से मुहब्बत कभी नापा नहीं जाता ये वो... Hindi · मुक्तक 1 392 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read अज़ल मैं आज कल अजल में अज़ल के बाॅंहों में इश्क की बस एक कहानी है हिज़्र के बाॅंहों में टपकता अश्के यार निशानी है ~ सिद्धार्थ दिन भागते निकल जाता... Hindi · मुक्तक 2 238 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक हम अभी ठहरे हुए हैं झील के पानी जैसे साहिल से लड़ कर एक दिन नदी होंगे हम देखना ~ उसके दिए चोट को कच्ची माटी पे कुम्हार के हाथों... Hindi · मुक्तक 4 1 345 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक वो ... क्या करते पांव मेरे उन्हें ठिठक ही जाना था यार की गली में वर्ना रूह को मेरे छूट जाना था ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 463 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read दुख दुख में हो ... तो वहीं बने रहो खुशियों की उम्र लंबी नहीं होती ~ सिद्धार्थ बांझ दरखतों पर फूल नहीं खिलते रेगिस्तानों में मोती झील नहीं मिलते उफ़ुक़ पे... Hindi · मुक्तक 4 1 247 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मीर ग़ालिब हमने मीर भी पढ़े और गालिब भी ये यार मगर ... तेरे अल्फ़ाज़ का गौहर सबसे अलग है ... ~ सिद्धार्थ पानी को थोड़ न पता होता की कंठ से... Hindi · मुक्तक 5 1 231 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक ऊपर तक भरा था अब धुआं हो रहा हूं मैं हर तरफ़ से फना हो रहा हूं ~ पुर्दिल मैं हर्फ हर्फ जुदा लिखूं , तू खुदा का उस में... Hindi · मुक्तक 3 1 274 Share Mugdha shiddharth 29 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक कभी मुझे भी रुह में तुम्हारे याद बन इतराने दो तुम तो मुझ में यादों का काफ़िला बने फिरते हो ! ...पुर्दिल 2. मन के कमरे की दीवार सीलन वाली... Hindi · मुक्तक 6 1 428 Share Mugdha shiddharth 29 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक खुशियों को चूम कर उठाओ, खुशी से फिर झूम जाओ दुखों को झटक कर बिठाओ, दुखी मन को ठेंगा दिखाओ ~ सिद्धार्थ 2. हिचकी हिचकती हुई आई तो थी लगा... Hindi · मुक्तक 2 2 397 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read डायरी के पन्नों पे बुला कर देखते हैं बादशाह होगे तुम अपने घर में हम गलियों के शहजादे हैं रूखी सूखी खाकर भी खुशियां लूट लाते बहुत ज्यादे हैं । ~ सिद्धार्थ चाह कर किसी को हृदय से... Hindi · मुक्तक 3 2 546 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में मिलना पाना कुछ होता ही नहीं है "जान" प्रेम अपने अंदर की ऊर्जा है इसे ... किस से मांगोगी और किस से कहोगी प्रेम का करो दान ...... Hindi · मुक्तक 5 3 486 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक बात में गर दम हुई तो बात फलक़ तक जाएगी इक गूंज के साथ बिजलियां उसे मेरे किस्से सुनाएगी *** हम दोनों अलग सही पर एक दूजे का हम हिस्सा... Hindi · मुक्तक 3 1 258 Share Mugdha shiddharth 20 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक क्या गजब की कोई किसी का नहीं सुनता सुना है कहीं, फांके में लोग बहरे हो जाते हैं ~ सिद्धार्थ 2. हिटलर पैदा नहीं होता पागलों को पूज कर अकर्मण्य... Hindi · मुक्तक 2 463 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक मैं शख्त तो नहीं था मुझे तख्त से गरज भी नहीं था औरों के लिए बड़ा अपने लिए छोटी चीजों में हर्ज नहीं था ! ~ सिद्धार्थ 2. भूखे मानुष... Hindi · मुक्तक 2 1 282 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुहब्बत 1. मुहब्बत में महबूब पे मर जाना ही इश्क है जिस को ये रोग हो मौत को कबूल करे! ~ सिद्धार्थ 2. उसकी याद और तनहाई का घर है दिल... Hindi · मुक्तक 2 452 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read दर्द 1. बात तो तब बने जब दर्द पे अपने रोएं दूसरे खुदी का खुद पे रोना भी भला कोई रोना है ! ~ सिद्धार्थ 2. उसकी याद और तनहाई का... Hindi · मुक्तक 2 1 485 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक मैं क्या ही लिखूंगी शेर कोई, मैं शायर थोड़ न हूं तुमको सोचती हूं... जो छलकता है शब्द बन के छुपाऊं उसे, मैं कायर थोड़ न हूं । ~ सिद्धार्थ... Hindi · मुक्तक 2 1 351 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कहने वालों में हम बैठें हैं कौन अपनी सुनपाएगा लफ्ज़ों के बीच फसा जज़्बात अल्फ़ाज़ ही रह जाएगा ~ सिद्धार्थ 2. हम तेरे दिल में एक दिन एहसास बन... Hindi · मुक्तक 1 350 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कहने वालों में हम बैठें हैं कौन अपनी सुनपाएगा लफ्ज़ों के बीच फसा जज़्बात अल्फ़ाज़ ही रह जाएगा ~ सिद्धार्थ 2. हम तेरे दिल में एक दिन एहसास बन... Hindi · मुक्तक 2 506 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read मैंने ईश्वर को नहीं देखा... 1. मैंने ईश्वर को नहीं देखा... हां... जहां से प्रेम गुज़रा हर उस जगह पे मैंने उसे महसूस किया ... प्रेम और परमात्मा पृथक नहीं हो सकता... ... सिद्धार्थ 2.... Hindi · मुक्तक 5 2 267 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read कल रात तुम मिले थे 1. मेरे सुकून को तेरी तस्वीर काफ़ी है शब-ए-हिज्र में ये तदबीर काफ़ी है ~ सिद्धार्थ 2. दिल में रहने वाले लोग दिल को बड़ा दुखाते हैं कहते हैं हम... Hindi · मुक्तक 2 224 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read कोरोना हमने ताली, थाली, टॉर्च, दिया, मोमबत्ती सब जलाया साहेब के कहे हर लब्ज़ को अपने दिल में दोहराया हाय फिर भी कोरोना मेरे नजदीक आया मुझे हॉस्पिटल के बिस्तर तक... Hindi · मुक्तक 3 235 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read बेटी बेटियां खिलौनों से खेलने के उम्र में ही बच्चा खेलाती हैं मां शब्द का अर्थ समझने से पहले ही वो भी मां हो जाती हैं ! ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 4 1 238 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक 1. क्या किजे जब इंसान में इंसान मर गया अंदर बहते नदी में विष जैसा कुछ घुल गया ! ~ सिद्धार्थ 2. कोई बिक रहा है कोई खरीद रहा है,... Hindi · मुक्तक 2 301 Share Mugdha shiddharth 24 May 2020 · 1 min read मुक्तक रात के सिरहाने में तेरा नाम रख के मैं सो जाती हूं चांद छत से झांकता है तो तेरे एहसास का चाय पिलाती हूं ! ~ सिद्धार्थ गुलाबों ने भी... Hindi · मुक्तक 2 475 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read अनमोल तेरे आस पास होने से ही जी उठती हूं मैं सोच मेरे कितने अंदर जाकर बैठा है तू और किसको मैंने इतना टूट के चाहा है मेरे सांसों के रेशमी... Hindi · मुक्तक 3 1 388 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read मुक्तक लब सज़ायाफ़्ता है आंखें अक्सर बोल पड़ती हैं तेरी मर्जी हो के न हो दर्द पे आंखे रो पड़ती हैं ~ सिद्धार्थ मैं उदासी से खुला भला क्यूं लूं... तुम... Hindi · मुक्तक 2 241 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read लब लब सज़ायाफ़्ता है आंखें अक्सर बोल पड़ती हैं तेरी मर्जी हो के न हो दर्द पे आंखे रो पड़ती हैं ~ सिद्धार्थ उदासी से खुला भला क्यूं लूं... तुम मुस्कान... Hindi · मुक्तक 2 395 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read पागल तुम नहीं आओगे मुझे यकीन है ये इंतजार मगर कितना बेहतरीन है ~ सिद्धार्थ दिल की मिट्टी बडी नर्म थी तुम उग आए थे फूल बन कर ~ सिद्धार्थ सोच... Hindi · मुक्तक 3 277 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read इश्क बस पूछना मत कभी भी उस के बारे में हम मिले ही नही उस से नयनों के चौबारे में ~ सिद्धार्थ प्रेम... बस इस एक छन में ही गिरा एक... Hindi · मुक्तक 3 267 Share Mugdha shiddharth 14 May 2020 · 1 min read मौत जिंदगी ही लाईलाज रही है अब तक मौत तो नींद में भी चुपके से साथ निभाती है। ~ सिद्धार्थ मौत तो बड़ी आसान रही है सब के लिए जिंदगी ही... Hindi · मुक्तक 4 273 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read मुक्तक ये कौन है जो कहता है जिस्म की दहलीज पे सजदे में झुक रहा हूं मैं मांगने को हाथ न उठे बस इस लिए शब ए जिस्त में मजदूरी कर... Hindi · मुक्तक 4 310 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read डर क्या कहा सड़कें लंबी चौड़ी और बड़ी हैं क्या बोलते हो साहब हमने हौसलों से ही नंगे पांव इन्हें नाप दिया है ~ सिद्धार्थ डराओ मुझे कि डरने को ही... Hindi · मुक्तक 1 575 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read जननी जननी जहां भी रही वहीं पे लुटाया है प्यार एहसासों के बरसने का दूजा नाम है प्यार जननी कभी करती नहीं कभी भेद भाव जहां भी रही सब पे लुटाती... Hindi · मुक्तक 3 2 445 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read याद तुम्हारी याद से जुदा हम कब हो पाते हैं जहां रहते हैं हर उस जगह साथ तुम्हें पाते हैं रहने दो कुछ पहर और यादों में पोशीदा होकर शब ए... Hindi · मुक्तक 2 2 260 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक तुझ पे जाना आंसू मेरे अभी तक उधार है जब मिलना असल नहीं सूद जरा चुकाते हुए जाना तेरा नाम याद रखना था दिमाग को मैंने दिल को पहरे पे... Hindi · मुक्तक 2 568 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक फ़क़त उसके बांटने से नहीं बटें हम हम में बाटने वाले जिन्न का साया है मैं तो तुझ में तुझ जैसा ही हूं... तूने ही कभी राम कभी रहमान कह... Hindi · मुक्तक 2 249 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक कौन मांगें दो जहां का ऎसो आराम हम तो अपनी ख़ब्ती के कायल हैं ! तुम को दरकार हो तो रख लो खुदा मेरा जी अभी भूखे जिस्म में घायल... Hindi · मुक्तक 1 243 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चांद चांद चुपके से एक रात तेरे छजजे पे उतर आया होगा तेरी शोख हंसी ने ही उसे मुस्कान का मतलब सिखाया होगा ~ पुर्दिल सिद्धार्थ रात निगलता रहा सूरज को... Hindi · मुक्तक 1 447 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read अना 1. तेरे इश्क के खातिर जाना कोरोना से लिपट जाऊं तू आए बीमार का हाल पूछने, और तुझ से लिपट कर तुझे जाने जाना कर जाऊं.? 2. ऊटपटांग लिखना और... Hindi · मुक्तक 1 392 Share Mugdha shiddharth 19 Apr 2020 · 1 min read आग पतंगा आग पतंगें की तुम ही जानो मै तो बस जलना बुझना जानूं प्रीत पले है दिल में मेरे प्रीतम छलिया है ये मैं क्या जानूं.? 2. इस दहर में कोई... Hindi · मुक्तक 1 344 Share Mugdha shiddharth 18 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक दिमाग नहीं दिल को लिए फिरती हूं तभी तो दिमाग वालों को ख़राब लगती हूं ~ सिद्धार्थ 2. न तेरे आने में हम हैं, न तेरे जाने में हम तो... Hindi · मुक्तक 2 487 Share Page 1 Next