Shekhar Chandra Mitra 4272 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 8 Nov 2022 · 1 min read मुझे पूजो मत, पढ़ो! अंधभक्ति को छोड़कर आगे बढ़ने की ज़रूरत है! मुझे पूजने की नहीं, केवल पढ़ने की ज़रूरत है!! कुदरत ने जिसके लिए तुम्हें इस दुनिया में भेजा है! ख़ुद को उसी... Hindi · कविता 5 124 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jun 2022 · 1 min read मेरे सपनों का भारत ऐसा एक देश हो! ऐसा एक समाज हो!! जिसमें न ऊंच-नीच हो! जिसमें न जात-पात हो!! ऐसा एक देश हो! ऐसा एक समाज हो!! जहां हर कोई बराबर हो! जहां... Hindi · कविता 4 1 89 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read यादों की परछाइयां उस सोलहवें साल में अजीबो-गरीब-से हाल में पल भर के मिलन के बाद उम्र भर की जुदाई को कैसे कोई याद करे-२ (१) उस मौत-से सन्नाटे में कब्रिस्तान-से वीराने में... Hindi · कविता · गीत · नज़्म 3 1 710 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Jul 2021 · 1 min read मांसाहार क्यों? ना तो होली से दिक्कत है ना ही परेशानी ईद से है! तकलीफ़ हमें तो जानवरों के काटे जाने की ज़िद्द से है! Shekhar Chandra Mitra #बलिप्रथा #Kurbani Hindi · मुक्तक 3 3 393 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read आज के कृष्ण जब-जब द्रोपदी का चीर-हरण होगा! तब-तब महाभारत का एक रण होगा!! आज हम सत्य का साथ दें या सत्ता का यह कृष्ण के लिए निर्णायक क्षण होगा!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 3 210 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Sep 2022 · 1 min read क्या करें हम? अगर एक तरफ नाकाम मोहब्बत! तो दूसरी तरफ दुनिया की हालत!! अपने लिए तो यहां दोहरी मुसीबत! जीने का मौक़ा न मरने की फूर्सत!! #बहुजन_क्रांति #हक़ #मजदूर #गरीब #अपराध #इंसाफ... Hindi · कविता 3 131 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Sep 2022 · 1 min read किस्तों में खुदकुशी आम जनता की ज़िंदगी हाय,किस्तों में खुदकुशी बनता जा रहा देश यह अब तो मूर्दों की बस्ती... (१) दिल में तो आता है कि फूंक डालूं व्यवस्था को देखी नहीं... Hindi · ग़ज़ल 3 4 191 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read हौलनाक चीखें दहलाने वाली चीखें आ रहीं दुनिया के कोने कोने से! क्या फ़ायदा है ऐसे में यहां हमारे ज़िंदा होने से!! बेहतर है कि अनलहक़ कहकर हम चढ़ जाएं अब सूली... Hindi · कविता 3 2 136 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Oct 2022 · 1 min read पितृसत्ता का षड्यंत्र तुम्हारे अस्तित्व को भुलाए रखने के लिए! तुम्हें अंधे कुएं में फंसाए रखने के लिए! क्या मालूम है तुम्हें क्यों देवी कहा हमने! तुम्हारी चेतना को सुलाए रखने के लिए!... Hindi · कविता 3 1 131 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Oct 2022 · 1 min read ओशो को सुन लीजिए भारत में पोंगा-पंथ का बोलबाला क्यों हुआ? शूद्रों और स्त्रियों के साथ ये घोटाला क्यों हुआ? है हिम्मत तो एक बार ओशो को सुन लीजिए! अपने ही घर से बुद्ध... Hindi · कविता 3 2 121 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Nov 2022 · 1 min read अंधेरे के सौदागर ज़हर से लबालब ज़ाम भेजा है! लिखकर अमृत का नाम भेजा है!! अंधेरे के सौदागरों ने हमें! उजाले का पैग़ाम भेजा है!! #SupremeCourt #बुद्धिजीवी #इंसाफ #media #अपराध #पुल #भ्रष्टाचार #चुनाव... Hindi · कविता 3 163 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Nov 2022 · 1 min read औरत, आज़ादी और ज़िंदगी औरत मर्द सब एक समान! क्या भारत और क्या ईरान!! मर्द आज़ाद हो नहीं सकते! जब तक हैं औरतें ग़ुलाम!! #Revolution #women #girls #feminist #freedom #Equality #IranProtests #life #modern #HumanRights... Hindi · कविता 3 1 111 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Nov 2022 · 1 min read जय भीम का मतलब आपके जय भीम का मतलब क्या आज़ादी, बराबरी और भाईचारा... ये ऊंच-नीच का फ़र्क मिटे ये छुआछूत का नर्क मिटे जात-पात और भेद-भाव से परे मानवता ही हो-एक धर्म हमारा...... Hindi · गीत 3 1 346 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Jan 2023 · 1 min read जाति है कि जाती नहीं चाहे जान चली जाए लेकिन हर पहचान चली जाए लेकिन हाय, जाति है कि जाती नहीं क्यों जाति है कि जाती नहीं... (१) कोई बड़ा कोई छोटा कैसे कोई खरा... Hindi · गीत 3 989 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Feb 2023 · 1 min read क्या डरना? वे तो खुद ही तुमसे डरे हुए अरे, डरे हुए से क्या डरना? वे तो पहले ही से मरे हुए अरे, मरे हुए से क्या डरना? तुम लोग समझ बैठे... Hindi · Quote Writer · कविता 3 291 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read भगतसिंह की देन तू तो निभा गया अपना हर फर्ज भगत सिंह! कैसे चुकाएंगे हम तेरा कर्ज, भगत सिंह! तू मूर्दों की बस्ती में था एक मर्द, भगत सिंह कैसे चुकाएंगे हम तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 255 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Jun 2021 · 1 min read मौत की वादी में ज़िंदगी का ज़श्न माटी का पुतला है एक तू कोई देवता नहीं जी सके तो जी ले आज कल का कुछ पता नहीं... अपनों से खौफ और बेगानों से शर्म क्या प्यार से... Hindi · गीत 2 196 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Jun 2021 · 1 min read पहचान पुरानी-लगती है! ये नई-नई मुलाकात मगर पहचान पुरानी लगती है! तुम रहते हो जब साथ मेरे हर शाम सुहानी लगती है! रब ना करे कि मुझे तुझसे कभी दूर होकर जीना पड़े!... Hindi · गीत 2 418 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jul 2021 · 1 min read मेरा ख़त मेरा हर शेर मेरी हर नज्म़ मेरा हर गीत मेरी हर ग़ज़ल! किसी के प्यार में लिखा हुआ मेरा एक ख़त है दरअसल!! Shekhar Chandra Mitra Hindi · मुक्तक 2 2 216 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jul 2021 · 1 min read दुनिया को बचा लो जो बचा सको तो बचा लो नष्ट होती हुई इस दुनिया को! जो बचा सको तो बचा लो भ्रष्ट होती हुई इस दुनिया को!! धर्म, पूंजी और राजनीति के घिनौने... Hindi · कविता 2 231 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Jul 2021 · 1 min read तालिबान की वापसी मासूमियत चढ़ती सूली इंसानियत रोती है! जब भी कहीं मज़हब की ताजपोशी होती है!! ऐसे ज़ुल्मत के हर दौर में एक शायर की कलम अपनी बेबाकी के कारण सरफ़रोशी होती... Hindi · कविता 2 380 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Jul 2021 · 1 min read पांच हज़ार साल की साज़िश तुम्हें बेवकूफ़ बनाया जा रहा है तुम्हें आया नहीं कभी इसका ख़्याल! हमेशा मज़हब और सियासत की घिनौनी साज़िश से तुम होते रहे हलाल!! उनकी मक्कारी तो अपनी जगह लेकिन... Hindi · कविता 2 1 156 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read भगतसिंह की मां मेरे तसव्वुर में बार-बार एक बुढ़ी औरत की तस्वीर उभरती है जिसकी मुंतजिर निगाहें मरने से पहले उस नौजवान बेटे की एक झलक देख लेना चाहती हैं, जो किसी बात... Hindi · कविता 2 2 302 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read सिरफिरा मैं शामिल हूं उन गिने-चुने सिरफिरे लोगों में जो कत्ल किए जाने की आशंका के बावजूद एक बेहतर समाज का सपना देखना नहीं छोड़ते..! Hindi · कविता 2 462 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Jul 2021 · 1 min read जलियांवाला बाग़ उन मासुम लोगों की याद में! मेरा दिल जलता है आग में!! क्या हुआ था आख़िर उस दिन हाय, जलियांवाला बाग़ में!! Shekhar Chandra Mitra #FreedomStruggle #जलियांवालाबाग़हत्याकांड #UddhamSingh #bhagatsinghreturns Hindi · शेर 2 189 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Jul 2021 · 1 min read चेतना की क्रांति कोई ब्लॉगर नहीं, एक ब्लास्टर हूं मैं! अपनी चेतना का एक मास्टर हूं मैं!! जो कुछ भी यहां सड़ा-गला है अब उसके लिए तो एक डिस्ट्रक्टर हूं मैं!! Shekhar Chandra... Hindi · शेर 2 1 226 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Jul 2021 · 1 min read सुबह को शाम होना ही था! इश्क़ को नाकाम होना ही था! दिल को बदनाम होना ही था! इसमें तेरा कोई दोष नहीं है! सुबह को शाम होना ही था! Shekhar Chandra Mitra (A Dream of... Hindi · शेर 2 4 212 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Jul 2021 · 1 min read इतिहास का बहुजन पक्ष सच्चे नायकों को गायब करा दिया गया! खलनायकों को नायक बना दिया गया!! साज़िश के तहत हिरनों के इतिहास का भेड़ियों को निर्णायक बना दिया गया!! Shekhar Chandra Mitra #इतिहासकाबहुजनपक्ष Hindi · शेर 2 3 246 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Jul 2021 · 1 min read अधूरे गीत आंसुओं का मेरे कोई खरीददार नहीं मिलता! जहां दिल के घाव बेचूं वह बाज़ार नहीं मिलता!! मिलती मुझको दुनिया में बदनामी से नाकामी तक! लेकिन कभी भूलकर भी एक प्यार... Hindi · गीत 2 501 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read कुफ़्र नाचना भी कुफ़्र है! गाना भी कुफ़्र है!! सुनना भी कुफ़्र है! बजाना भी कुफ़्र है!! सौ बातों की एक बात हम क्यों नहीं कहें कि तालिबानी दौर में जीना... Hindi · कविता 2 479 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read बीवी, बहन और मां कुदरत जब ख़ुद को गला देती है! तब कोई लड़की पैदा होती है! कायनात की सबसे बड़ी नेमत! बीवी, बहन और मां होती है!! Shekhar Chandra Mitra #womanhood #FeministPoetry Hindi · शेर 2 3 338 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read महबूब की सोहबत चार दिन की ज़िंदगी है इसको क्यों गुजारें नफ़रत में! आओ करें मुहब्बत हम भला क्या रखा है सियासत में!! मंदिर-मस्जिद के दीवाने क्या इतनी-सी भी बात न जानें! जन्नत... Hindi · शेर 2 3 384 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read मशाल क्या हम लोग उनसे डर जाएं? मरने से पहले ही मर जाएं? कि अपने हाथ में मशाल लेकर खुलेआम ज़ुल्मत से लड़ जाएं? Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 2 462 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read मीडिया का सशक्तिकरण पत्रकारों को हिम्मत दीजिए ताकि वे सच बोल सकें! पत्रकारों को ताकत दीजिए ताकि वे राज खोल सकें! पत्रकारों को तनख्वाह दीजिए ताकि उन्हें बिकना न पड़े! पत्रकारों को इज्जत... Hindi · कविता 2 311 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read बच्चों को किताबें दीजिए वक़्त तकाज़ा यही कि एक और इंकलाब कीजिए! दूसरे का मुंह क्यों देखना खुद से ही आगाज़ कीजिए!! अगर आप नहीं चाहते कि ये भिखारी या मवाली बनें तो घंटा... Hindi · कविता 2 199 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Aug 2021 · 1 min read ब्रैन वाश भगतसिंह, तुम्हारे भारत को हाइजैक किया जा चुका है! इसकी सेकुलर पहचान पर अटैक किया जा चुका है!! जिन नौजवानों पर इसकी हिफाज़त की जिम्मेदारी थी पूरी तरह उनके दिमाग... Hindi · कविता 2 1 356 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Aug 2021 · 1 min read देश के गुनहगार स्वर्ग से सुंदर भारत को राजनेताओं ने नर्क किया! धर्मगुरुओं की मूढ़ता ने इस देश का बेड़ा गर्क़ किया!! उन्हीं लोगों का हाथ था पाकिस्तान बनाने में जिनने जाति-धर्म के... Hindi · कविता 2 253 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Aug 2021 · 1 min read क्या यही आज़ादी है? हंसकर चढ़े थे फांसी पर सीने पर गोली खायी थी क्या यही वह आज़ादी है जिसके लिए जान गंवाई थी... Hindi · गीत 2 2 389 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Aug 2021 · 1 min read एक सनक होनी चाहिए सच बोलने के लिए एक सनक होनी चाहिए! भेद खोलने के लिए एक सनक होनी चाहिए!! क़लम की नोक पर सत्ता के वज़न को बिल्कुल! ठीक तोलने के लिए एक... Hindi · कविता 2 150 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Sep 2021 · 1 min read विचार और व्यवहार मन की बात-बहुत करते हो! कभी वतन की-बात भी कर लो!! सूख गया जो-भरे सावन में उस चमन की-बात भी कर लो!! हमारे भारत-को विश्व गुरु कौन ये कहता-तुम न... Hindi · कविता 2 1 230 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2021 · 1 min read खुदकुशी नहीं तो क्या करें? जहां न कोई आज़ादी है जहां न कोई बराबरी एक ऐसे देश में कोई खुदकुशी नहीं तो क्या करे? बगावत! इंकलाब! मुजाहिरा! एहतिजाज!! (१) जहां न कोई ज़िंदगी है जहां... Hindi · गीत 2 174 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read अंधभक्ति अंधभक्ति तो किसी की भी ठीक नहीं मेरे ब्रदर! वे राम हों या बुद्ध हों वे गांधी हों या अंबेडकर!! देश और समाज के नासूर हो चुके ज़ख्मों पर! अब... Hindi · कविता 2 1 264 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read बेटियों को बराबरी ना पूजा ना मार चाहिए! बेटियों को बस प्यार चाहिए!! बेटों को जितना देते हो उतना ही अधिकार चाहिए!! Shekhar Chandra Mitra #FeministPoetry #NavratriSpecial Hindi · कविता 2 1 190 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read अपने दौर के फनकारों से होश की बात कीजिए नज़र की बात कीजिए आप बुतों के सामने ज़िगर की बात कीजिए... (१) आजकल घुट रहा है दम जिनमें अवाम का हवाओं में घुले हुए ज़हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Nov 2021 · 1 min read हुकूमतों को हिलाने वाला शायर इस दुनिया की बड़ी से बड़ी सल्तनतें भी हिल जाएं! फ़ौलादी समझी जाने वालीं ताकतें भी हिल जाएं!! वह लिखा करता है ख़ून में डुबोकर अपनी अंगुली! उसकी शायरी तो... Hindi · कविता 2 1 189 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Dec 2021 · 1 min read देखिए टैलेंट को सुट पे न जाइए बुट पे न जाइए देखिए टैलेंट को लुक पे न जाइए! (१) कैमरा और कलम भी चीज़ है कोई आज के दौर में बंदूक पे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 187 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read कठिन है प्रेम निभाना अबके बरस न आना,पपीहे! पियू की रट न लगाना,पपीहे!! ऐसे में जबकि जल रहा उपवन कठिन है प्रेम निभाना,पपीहे!! Hindi · कविता 2 2 320 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read धर्मजाल यहां कौन है पवित्र कौन है अपवित्र तुम्हें बताया किसने? ये छुआ-छूत और ऊंच-नीच का जाल फैलाया किसने? शिक्षा, सम्पत्ति और सत्ता से पूरी तरह वंचित करके! शूद्रों और स्त्रियों... Hindi · कविता 2 211 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read सुंदर भविष्य के लिए आधुनिक राष्ट्र की तरह हमारा ढ़ंग होना चाहिए! हमारे होठों पर हमेशा नया छंद होना चाहिए!! ताकि अपने भविष्य को सुंदर आकार दे सकें हम! अब अतीत का गौरव गान... Hindi · कविता 2 259 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Feb 2022 · 1 min read मज़हब का नशा न इज़्ज़त का नशा न शोहरत का नशा! न दौलत का नशा न ताक़त का नशा!! ख़तरनाक सबसे है मज़हब का नशा! न हुक़ूमत का नशा न सियासत का नशा!!... Hindi · कविता 2 158 Share Page 1 Next