Shekhar Chandra Mitra Tag: ग़ज़ल/गीतिका 115 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read भगतसिंह की देन तू तो निभा गया अपना हर फर्ज भगत सिंह! कैसे चुकाएंगे हम तेरा कर्ज, भगत सिंह! तू मूर्दों की बस्ती में था एक मर्द, भगत सिंह कैसे चुकाएंगे हम तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 255 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read अपने दौर के फनकारों से होश की बात कीजिए नज़र की बात कीजिए आप बुतों के सामने ज़िगर की बात कीजिए... (१) आजकल घुट रहा है दम जिनमें अवाम का हवाओं में घुले हुए ज़हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Dec 2021 · 1 min read देखिए टैलेंट को सुट पे न जाइए बुट पे न जाइए देखिए टैलेंट को लुक पे न जाइए! (१) कैमरा और कलम भी चीज़ है कोई आज के दौर में बंदूक पे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 187 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Nov 2022 · 1 min read आख़िरी ग़ुलाम जिस्म की हो या ज़ेहन की तुम तोड़ डालो हर ज़ंजीर! खोखली इबादत से नहीं, मेहनत से बनती तक़दीर!! सरकार भरोसे भारत का अब कुछ नहीं होने वाला नौजवानों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 384 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read एक और इंकलाब ? सदियों पुराने जुल्म का हिसाब इंकलाब है चाहे कोई सवाल हो जवाब इंकलाब है... सरदार भगतसिंह और भीमराव अंबेडकर जिसके लिए फना हुए वो ख़्वाब इंकलाब है... तख्त और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 265 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read आदि विद्रोही नौजवानों का विद्रोही व्यवहार होना चाहिए जीना है तो मरने को तैयार होना चाहिए। ( १) कोई लाश नहीं हम कि लहरों में डोला करें अब आर होना चाहिए या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Jun 2021 · 1 min read एक और इंकलाब लूट गया देश! मर गया देश!! पूरी तरह से सड़ गया देश!! अपनों की कररतूतों पर मारे शरम के गड़ गया देश!! सारी दुनिया सोच रही किसके हाथ में पड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 208 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Jul 2021 · 1 min read भगतसिंह के ख़्वाब कुचल डालो रिवाजों को! बदल डालो समाजों को!! इस सड़ी-गली व्यवस्था के निकलने दो जनाजों को!! बुतों को बाहर फेंक कर घर में लाओ किताबों को!! गुनगुन करते हुए भौंरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Jul 2021 · 1 min read चले आते समझाने लोग चले आते समझाने लोग! अक्सर मुझे बचकाने लोग!! कुदरत की अनदेखी करके जाया करते बुतखाने लोग!! मेरे कैसे हो सकते भला जो खुद से ही बेगाने लोग!! मेरा पागलपन कहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 296 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Nov 2021 · 1 min read जुल्मतों के दौर में अमीरों को और अमीर बनाया जा रहा है! गरीबों को और गरीब बनाया जा रहा है!! अपने चुनावी दौरे में किए हुए वादों को! बहुत ही अच्छे तरीके से निभाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 144 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read गुज़ारिश आप दुआ-सलाम लेते रहिएगा हमें अपना पयाम देते रहिएगा... (१) ज़िंदगी में और है ही क्या साहब नेकियां तमाम करते रहिएगा... (२) वैसे तो यहां बेकार ही हम फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 142 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read फेमिनिस्ट पोएट्री दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़ कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 137 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Nov 2021 · 1 min read भगतसिंह की समाधि पर जो जागे हुए होश के कारण क़ैद होकर भी आजाद रहा वह जिस्म से फना होकर भी हमारे दिलों में आबाद रहा... (१) मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में बोला करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 209 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Nov 2021 · 1 min read पढ़ना सीखो, बेटी! अंगुली छोड़कर चलना सीखो, बेटी! पूर्वजों से आगे बढ़ना सीखो, बेटी! (१) घर हो या बाहर ख़तरे कहां नहीं हैं? हरेक चुनौती से लड़ना सीखो, बेटी! (२) इसी से निकलेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 164 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Nov 2021 · 1 min read तेरा महबूब शायर तेरी आंखों की मस्ती सलामत रहे अब शराब-वराब से क्या लेना मुझे... (1) मैं पढ़ता रहूं तेरा चेहरा हसीन अब किताब-विताब से क्या लेना मुझे... (2) यूं ही खिलते रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 168 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Nov 2021 · 1 min read अंधा युग सरहद पर-मर रहे जवान खेतों में-लूट रहे किसान... (१) हुकूमत के-बेरहम डंडे से चारों तरफ़-पिट रहे अवाम... (२) हाथ में अपने-डिग्रियां लेकर भटक रहे-बेरोजगार नौजवान... (३) आज औने-पौने दामों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Jan 2022 · 1 min read बांटो और राज करो ये जाति-धर्म के नाम पर देश-समाज का बंटवारा हमें नहीं गवारा, साथी हमें नहीं बिल्कुल गवारा... (1) जनता अपने दुश्मनों को आख़िर कब तक पहचानेगी समझदार के लिए काफी होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Jan 2022 · 1 min read औरतों की दुनिया घर-बार चलाएगी बेटियां सरकार चलाएगी बेटियां एक मौका तो मिले उन्हें संसार चलाएगी बेटियां... (१) तुमने उन्हें क्या समझा है अब तक केवल गुंगी गुड़ियां पढ़-लिख लें तो कलम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 232 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Apr 2022 · 1 min read आधुनिक द्रोणाचार्य कुछ तो शर्म अब करो द्रोण! पाप का घड़ा मत भरो द्रोण! दलित चेतना है क्रांति चेतना इस चेतना से ज़रा डरो द्रोण! ऊब चुका है तुमसे यह देश चुल्लू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 112 Share Shekhar Chandra Mitra 6 May 2022 · 1 min read चंदा के डोली उठल दिल हमार कवनो का दिल ना रहे! कि प्यार के तहरा काबिल ना रहे!! ई लाल-लाल होंठ ई बांह गोर-गोर क़िस्मत के हमरा हासिल ना रहे!! चाहे दुनिया उठावे जेतना... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 165 Share Shekhar Chandra Mitra 25 May 2022 · 1 min read भविष्य है अंधकार में देश का भविष्य है अंधकार में पूरी तरह आपकी सरकार में... (१) देखकर किसी को आ जाए शर्म जो छपा हुआ रहता अख़बार में... (२) ईमान से सस्ती कोई चीज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 403 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Jun 2022 · 1 min read दो टूक लिख तू सच लिख और हक़ लिख कबीर-सा दो टूक लिख... (१) सभ्यता के चादर में रखा गया जो ढंक लिख... (२) अब वर्जित हरेक फल अच्छी तरह से चख लिख...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 81 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Jun 2022 · 1 min read भगतसिंह की कुर्बानी सुनो वक़्त की-ललकार नौजवानों! बढ़ा जा रहा-अंधकार नौजवानों!! (१) कहीं कुर्बानी-वीर भगतसिंह की चली जाए न-बेकार नौजवानों!! (२) तुम्हारे सामने-यह देश का हाल आज तुमको-धिक्कार नौजवानों!! (३) जिसे आम जनता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 77 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Aug 2022 · 1 min read दुआ कीजिएगा आप कभी मत किसी का बुरा कीजिएगा अगर हो सके तो सबका भला कीजिएगा... (१) अपनी बीवी और बच्चों के साथ दुश्मन भी खुश रहे यह दुआ कीजिएगा... (२) करतूतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 457 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Jan 2023 · 1 min read चिट्ठी पहुंचे भगतसिंह के सरदार भगतसिंह देख लअ आके देसवा के एक बार... (१) पूंजि-पतियन के दलाल बनल बा आजकल के सरकार... (२) जनता सही तअ केतना सही महंगाई के मार... (३) निजी-करण के... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 215 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Feb 2023 · 1 min read घुट रहा है दम क़दम अगर हैं जम गए तो रास्ता चले घुट रहा है दम यहां अब तो हवा चले... (१) उलट-पलट होती रहे तख्त और ताज में हम ज़िंदा हैं कि मूर्दादिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 389 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Feb 2023 · 1 min read पैसे का खेल हाय पैसा हाय पैसा क्या-क्या दिन दिखाए पैसा हाय पैसा... (१) पैसा कोई नहीं खाता लेकिन सबको खाए पैसा हाय पैसा... (२) पुलिस-मीडिया लीडर-प्लीडर सबको कितना गिराए पैसा हाय पैसा...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 591 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Feb 2023 · 1 min read मार नहीं, प्यार करो तू मार नहीं, बस प्यार कर एक बार नहीं, सौ बार कर... (१) उठ दिल किसी का जीत ले उससे अपना दिल हार कर... (२) तलवार या बंदूक से नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 371 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2022 · 1 min read भारत के लोग लोग ये डरे-डरे! जी रहे मरे-मरे!! ख़ून के आंसू को पी रहे भरे-भरे!! गिन रहे सांसें बस सेज पर पड़े-पड़े!! काम इनके छोटे-छोटे नाम लेकिन बड़े-बड़े!! बाहर से सजे-धजे भीतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2022 · 1 min read खुल कर जी ले माटी का पुतला है एक तू कोई देवता नहीं जी सके तो जी ले आज कल का कुछ पता नहीं... अपनों से खौफ और बेगानों से शर्म क्या प्यार से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 132 Share Shekhar Chandra Mitra 6 May 2022 · 1 min read इंसानियत की चीखें मैं अपने ज़मीर को कैसे बदनाम करूं अब अपनी गैरत को कैसे रूसवा करूं! इंसानियत की चीखें बिल्कुल अनसुनी करके अपने आपको आख़िर कैसे गज़लख्वां करूं!! तेरे हुस्न की कशिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Shekhar Chandra Mitra 13 May 2022 · 1 min read बाल मज़दूर हम ज़िंदगी एआन गुजारअ तानी कवनो कर्ज़ा पुरान उतारअ तानी.... जाने-अंजाने भईल बा जवन आपन गलती पिछला सुधारअ तानी... ख़ून-पसीना बहाके आपन दुनिया के तक़दीर संवारअ तानी... शायद कवनो मदद... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 87 Share Shekhar Chandra Mitra 25 May 2022 · 1 min read क़लम जो बंदूक बनी सुन ओए भगतसिंह-ओए भगतसिंह याद करके तुम्हें दिल-रोए भगतसिंह... (१) तुम जैसे यारों के-यार को खोकर हम अपना सब कुछ-खोए भगतसिंह... (२) हम ले आएंगे-एक और इंकलाब अब चाहे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 72 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Jun 2022 · 1 min read अधूरी कहानी प्यार की तुमको भी हमारी जवानी याद आएगी जो रह गई अधूरी कहानी याद आएगी... (१) पहली बार हमने देखा था जब तुमको जीवन भर वो रात सुहानी याद आएगी... (२) सावन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 184 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jun 2022 · 1 min read तोहार राय मायने रखेला उजला-उजला बादल औरी नीला-नीला आसमान पर! लिखले बानी केतना ग़ज़ल पढ़ लीहअ तू चान पर!! दुनिया भर के काम से फूर्सत कबो निकाल के! भेजिहअ आपन राय ज़रूर तू हमरा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 123 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Jan 2023 · 1 min read चंदा की डोली उठी आज सीने में कुछ टूट रहा है बहुत मेरा दम घुट रहा है... (१) फिर गूंज रही कोई शहनाई शायद कहीं डोला उठ रहा है... (२) जिससे किसी का घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 162 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Jan 2023 · 1 min read आह्वान हे युग-कृष्ण भारत बचा... (१) प्रेम भूल क्रांति सीखा... (२) बांसुरी फेंक सुदर्शन उठा... (३) गीत छोड़ गीता सुना... (४) रास त्याग कर व्यूह रचा... (५) मधुवन त्याग कुरुक्षेत्र आ...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jan 2023 · 1 min read नया फरमान किसी ख़ैर-ख़्वाह ने अभी मुझे सुनाया फ़रमान सरकारी है तुम ऐसे कलम से मत खेलो क्योंकि यह तलवार दोधारी है... (१) जो अवाम का मर्सिया नहीं, हुक़्मरान का कसीदा गाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Feb 2023 · 1 min read कुर्सीनामा युद्ध में कुर्सी दंगा में कुर्सी खेल बा सगरी कुर्सी के... (१) मरते दम ले मिटेला नाहीं झगड़ा-झूगड़ी कुर्सी के... (२) ई दल छोड़अ ऊ दल पकड़अ धक्का-मुक्की कुर्सी के...... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 390 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Feb 2023 · 1 min read मुहब्बत की किताब मैं सुबह-सुबह मुहब्बत की किताब लिखने बैठ गया ख़्वाब में उसका ख़त आया ज़वाब लिखने बैठ गया... (१) उसके सुर्खी से भरे हुए गोरे-गोरे से मुखड़े को शबनम में नहाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 204 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Feb 2023 · 1 min read किसी से मत कहना आजकल यहां पर तो दिन में भी रात है किसी से मत कहना ये अंदर की बात है... (१) सरकार तो केवल अमीरों के साथ है किसी से मत कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · हास्य-व्यंग्य 163 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Feb 2023 · 1 min read अग्निपरीक्षा यह प्रेम तो अग्नि-परीक्षा है इससे हंसकर गुजरना पड़ता है... (१) राख की ढ़ेरी होने तक तिल-तिल कर जलना पड़ता है... (२) जी-जी कर मरना पड़ता है मर-मर कर जीना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 820 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Feb 2023 · 1 min read हुस्न की देवी से हमने मांगा है केवल तुम्हें तकदीर से अब तुम निकल आओ जरा तस्वीर से... (१) हम कभी न हो पाएं ताकि तुमसे दूर हमें बांध लो अपनी बांहों की जंजीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 254 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Feb 2023 · 1 min read दुआ बिछड़े हुए दिलों को मिला दो, मेरे मालिक बिखरे हुए फूलों को खिला दो, मेरे मालिक... (१) मूर्दा हो गए जो दुनिया की बेरुखी से उन्हें भी प्यार देकर जिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 239 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Feb 2023 · 1 min read अंतिम इच्छा तेरी बांहों में यदि मर जाता तो जीते जी ही मैं तर जाता... (१) तन-मन-धन जीवन अपना सब नाम तेरे मैं कर जाता... (२) तेरे रसवंती होठ छूकर अंतर्घट तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 139 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Feb 2023 · 1 min read मछली के बाजार आज दिल्ली में दरबार बा पूरा देश में हाहाकार बा एकरा कवनो चिंता नाहीं आन्हर-बहिर सरकार बा... (१) देखल जाला ना तमाशा खाली होला शोर-शराबा लागेला कि संसद नाहीं इंहा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 143 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Feb 2023 · 1 min read बगावत का बिगुल इश्क़ सदियों से बदनाम है थोड़ी रूसवाई और सही लोगों की नज़र में हुस्न की ऐसी बेहयाई और सही... (१) ज़ात से लेकर मज़हब तक सभी दुश्मन हैं जवानी के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 232 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Feb 2023 · 1 min read प्यार के लिए संघर्ष बस प्यार-प्यार करते हैं दिल ठंडी आहें भरते हैं दिल... (१) यार के लिए जूझे बिना ही हार से क्यों डरते हैं दिल... (२) जीने के मौसम में भी कायर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 282 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Feb 2023 · 1 min read सुखिया मर गया सुख से कल सुखिया मर गया सुख से पिछले चार दिनों की भूख से... (१) पिट के पुलिस की लाठी से डर के गूंडों की बंदूक से... (२) कैसे बेटी की शादी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · हास्य-व्यंग्य 424 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Feb 2023 · 1 min read सर्वे भवन्तु सुखिन: यही प्रार्थना करें हम रोज मिल-जुलकर रहें सारे लोग... (१) सभी हों सच्चे सभी हों अच्छे सभी सुखी हों सभी निरोग... (२) जिसे हो प्यास उसे दें पानी जिसे हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 227 Share Page 1 Next