Shekhar Chandra Mitra Tag: ग़ज़ल/गीतिका 115 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Shekhar Chandra Mitra 6 Jan 2022 · 1 min read औरतों की दुनिया घर-बार चलाएगी बेटियां सरकार चलाएगी बेटियां एक मौका तो मिले उन्हें संसार चलाएगी बेटियां... (१) तुमने उन्हें क्या समझा है अब तक केवल गुंगी गुड़ियां पढ़-लिख लें तो कलम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 232 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Jan 2022 · 1 min read बांटो और राज करो ये जाति-धर्म के नाम पर देश-समाज का बंटवारा हमें नहीं गवारा, साथी हमें नहीं बिल्कुल गवारा... (1) जनता अपने दुश्मनों को आख़िर कब तक पहचानेगी समझदार के लिए काफी होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 150 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Jan 2022 · 1 min read जातीय हिंसा के ख़िलाफ़ आख़िर किस लिए इतना गुमान है बे कितनी झूठी तेरी यह शान है बे... (१) क्यों तेरे बराबर बैठ नहीं सकता वह भी तो एक इंसान है बे... (२) जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 188 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Jan 2022 · 1 min read ब्यूटी विद ब्रेन कुछ जहीन भी हो कुछ हसीन भी हो वह एक इंसान बेहतरीन भी हो... (१) हाथ छूएं उसके चांद-सितारे और पांव के नीचे ज़मीन भी हो... (२) वह किसी हाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Dec 2021 · 1 min read क्रांति के रागिनी अपना देश के हाल कहल नइखे जात ये महंगाई के मार सहल नइखे जात... (१) चाहे गाली मिलो या गोली लेकिन अब चुपचाप हमसे रहल नइखे जात... (२) धारा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Dec 2021 · 1 min read समय साक्षी है! देख रहा है सब इतिहास वही करेगा अब इंसाफ़... (१) तुम क्या करते आ रहे हो सदियों से हमारे साथ... (२) आख़िर हम हिंदू हैं या नहीं हमको बता दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 156 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Dec 2021 · 1 min read जाति है कि जाती नहीं... सदियों से हमारी जाति में लोग मिलते रहे हैं माटी में... (१) रह-रहकर उठा करती है एक हूक-सी मेरी छाती में... (२) किस वहशी ने लगाई आग गौतम-नानक की थाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 161 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Dec 2021 · 1 min read देखिए टैलेंट को सुट पे न जाइए बुट पे न जाइए देखिए टैलेंट को लुक पे न जाइए! (१) कैमरा और कलम भी चीज़ है कोई आज के दौर में बंदूक पे न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 187 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Dec 2021 · 1 min read मीडिया की फनकारी मेरे ख़ैर-ख़्वाह ने अभी-अभी सुनाया फ़रमान सरकारी है तुम कलम से मत खेलो ऐसे अरे, यह तलवार दोधारी है... (१) जो अवाम का मर्सिया नहीं, हुक्मरान का कसीदा गाए शायर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Dec 2021 · 1 min read दुल्हन एक रात के हमके छोड़ हीं के रहे जब विरहिन बनाके ले अइलअ हो काहे पिया दुलहिन बनाके... (१) जाए से पहिले हम तहके जी भर देख लेतीं काश कि तू गईल रहतअ... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 376 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Dec 2021 · 1 min read बेअदबी के नाम पर रास्ते खुले हैं अनगिनत शैतान होने के लिए मेहनत करनी पड़ती है इंसान होने के लिए... (१) हमसे अपनी आज़ादी संभाली नहीं जा रही बेताब हैं हम फिर से गुलाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 159 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Dec 2021 · 1 min read ईश निंदा कानून अपनी शर्त पर जीना अपने अंदाज में मरना दिल जो कहे तुम्हारा तुम्हें वही काम करना... (१) प्यार और दोस्ती के राह में आने वाले किसी भी तरह के ख़तरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Dec 2021 · 1 min read चंदा के डोली उठल तू प्यार के अजमावे में थोड़ा जल्दी कर देहलू नाया दुनिया बसावे में थोड़ा जल्दी कर देहलू... (१) हम तहके मनले रहनी अपनो से ज़्यादा आपन ग़ैर के आपन बनावे... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Dec 2021 · 1 min read वक़्त के शायरों से गुज़ारिश नज्में लिखिए नारे लिखिए जिनसे उठें अंगारे लिखिए... (१) खुलकर लिखना अगर नामुमकिन कम से कम इशारे लिखिए... (२) जो काम आएं इंकलाब के वो सबक़ अब सारे लिखिए... (३)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 142 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Dec 2021 · 1 min read लोकतंत्र को जिया जाए! एक-दूसरे को सुना जाए एक-दूसरे से कहा जाए असहमतियों के बावजूद एक-दूसरे को सहा जाए... (१) मुमकिन है आज का दुश्मन कल हमारा दोस्त निकले फिर बात को समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 142 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Dec 2021 · 1 min read एक नई दुनिया ऐसी हर रस्म उठा दी जाए ऐसी हर रीत मिटा दी जाए... (१) दो मासूम रूहों के बीच में बने जो दीवार गिरा दी जाए... (२) वह तहज़ीब जो नफ़रत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 332 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Dec 2021 · 1 min read जाति-मुक्त समाज का सपना ऊंच-नीच और छुआछूत का एहतिजाज करना होगा जात-पात के ख़िलाफ़ हमें अब इंकलाब करना होगा... (१) उन्हें सुधरना होता तो पहले ही सुधर गए होते वे सदियों के बीमार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Dec 2021 · 1 min read वीज़ा के लिए इंतज़ार आज भी खड़ा है अंबेडकर वीज़ा के इंतजार में क्या कोई जगह ही नहीं है उसके लिए इस दयार में... (१) जात-पात के नाम पर जैसे ज़ुल्म ढाए गए हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Dec 2021 · 1 min read जश्न-ए-आजादी आज़ादी का जश्न ऐसे मनाओ, साथियों! जहां भी हो गुलामी उसे मिटाओ, साथियों! (१) छिपेंगे भी तो कहां ये शैतान के नुमाइंदे? हरेक स्याह घर में चिराग़ जलाओ, साथियों! (२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 166 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Dec 2021 · 1 min read एक और इंकलाब वो कुर्बानी भगतसिंह की ज़वाब मांगती है सदियों से ज़ारी ज़ुल्म का हिसाब मांगती है... (१) देश और समाज के जलते हुए सवालों पर आज एक और हमसे इंकलाब मांगती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 209 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Dec 2021 · 1 min read धरती के भगवान जैसे-जैसे उनसे आसना होने लगे खुशमिजाज़ थे हम, संजिदा होने लगे... (१) यह बंदगी तभी से कुफ्र हुई अपने लिए कुछ लोग अचानक जब ख़ुदा होने लगे... (२) वे इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Nov 2021 · 1 min read अंधा युग सरहद पर-मर रहे जवान खेतों में-लूट रहे किसान... (१) हुकूमत के-बेरहम डंडे से चारों तरफ़-पिट रहे अवाम... (२) हाथ में अपने-डिग्रियां लेकर भटक रहे-बेरोजगार नौजवान... (३) आज औने-पौने दामों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Nov 2021 · 1 min read मदारी का खेल किसान से जवान को लड़ा रहा है कौन? लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहा है कौन? (१) हमारी बहन-बेटियों पर जब्र-जुल्म करके भारत मां को इस क़दर रूला रहा है कौन?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Nov 2021 · 1 min read तेरा महबूब शायर तेरी आंखों की मस्ती सलामत रहे अब शराब-वराब से क्या लेना मुझे... (1) मैं पढ़ता रहूं तेरा चेहरा हसीन अब किताब-विताब से क्या लेना मुझे... (2) यूं ही खिलते रहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 168 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Nov 2021 · 1 min read पढ़ना सीखो, बेटी! अंगुली छोड़कर चलना सीखो, बेटी! पूर्वजों से आगे बढ़ना सीखो, बेटी! (१) घर हो या बाहर ख़तरे कहां नहीं हैं? हरेक चुनौती से लड़ना सीखो, बेटी! (२) इसी से निकलेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 164 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Nov 2021 · 1 min read असली भारत भारत को समझा है तुमने हिंदी फिल्मों के जरिए नब्बे फीसदी अवाम की ज़िंदगी नहीं देखी अब तक... (१) ऊंची हवेलियों से बाहर फुटपाथ पर रहने वाले मेहनतकश मजदूरों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Nov 2021 · 1 min read दो भारत हमारा देश दुनिया भर में बदनाम न हो जाए कहीं हमें नीचा दिखाना एकदम आसान न हो जाए कहीं... (१) तुम मत कहो इस धर्म ने साथ तुम्हारे क्या किया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 514 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Nov 2021 · 1 min read मसीहा का इंतज़ार क्यों करें? अगर होना नहीं चाहते तुम बर्बाद और तो अपनाना ही होगा तुम्हें अंदाज़ और... (१) शायद इससे समाज की जड़ता थोड़ी टूटे इस देश में होना चाहिए एक इंकलाब और...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Nov 2021 · 1 min read अघोषित आपातकाल में मैं तो झूठ को झूठ और सच को सच बोल रहा हूं कलम से सियासत की कुछ गांठें खोल रहा हूं... (१) मेरी तो कोशिश यही कि माहौल में घुटन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 145 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Nov 2021 · 1 min read भगतसिंह की समाधि पर जो जागे हुए होश के कारण क़ैद होकर भी आजाद रहा वह जिस्म से फना होकर भी हमारे दिलों में आबाद रहा... (१) मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में बोला करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 209 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Nov 2021 · 1 min read खूने-दिल की महक दुनियादारी के लफड़ों से मैं पूरी तरह बेगाना हुआ जब से होश संभाला मैंने घर मेरा किताब खाना हुआ... (१) किताबें पढ़ने के शौक ने आज कहीं का न छोड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 331 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Nov 2021 · 1 min read मजाज़ लखनवी को समर्पित कोई ईनाम, कोई रूतबा, कोई ओहदा नहीं पाता क्योंकि वह गैरों की तरह राग दरबारी नहीं गाता... (१) सामने उसके अफसर हों या खुद ज़िल्ल-ए-इलाही वह अवाम का शायर है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Nov 2021 · 1 min read हबीब जालिब को समर्पित हम मूर्दों के गांव में हों तो केवल ज़िंदगी की बात करें जब होने लगे हों सभी ख़ुदा क्यों न आदमी की बात करें... (१) दीन और धरम का शोर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 108 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Nov 2021 · 1 min read अदम गोंडवी को समर्पित न ज़ुबान की वज़ह से न अंदाज़ की वज़ह से कुछ ख़ास हैं मेरी ग़ज़लें इंकलाब की वज़ह से... (१) आख़िर कौन-सा सिकंदर और कहां का सिकंदर मैं तो यूनान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Nov 2021 · 1 min read भगतसिंह को समर्पित चूस-कर ख़ून अवाम का कैसे लाल हुए जाते हैं वे कंगाल हुआ जाता है देश मालामाल हुए जाते हैं वे... (१) मज़दूर से किसान और विद्यार्थी से फनकार तक सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 115 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read हबीब जालिब के शागिर्द ना इधर की बात करते हैं ना उधर की बात करते हैं हम साफ़ और खुली हुई एक नज़र की बात करते हैं... (१) जुल्मतों के इस दौर में जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 123 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read दुष्यंत कुमार के शिष्य हमें क्या करना था हम क्या कर रहे हैं जेहनी तौर पर सदियों से सड़ रहे हैं... (१) लड़ना था देश की ग़रीबी के ख़िलाफ़ मज़हब के नाम पर आपस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 146 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read अपने दौर के फनकारों से होश की बात कीजिए नज़र की बात कीजिए आप बुतों के सामने ज़िगर की बात कीजिए... (१) आजकल घुट रहा है दम जिनमें अवाम का हवाओं में घुले हुए ज़हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 164 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read फेमिनिस्ट पोएट्री दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़ कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 137 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Nov 2021 · 1 min read सदियों का अंधेरा आप समझते हैं जिसे शेखर की ग़ज़ल रजनीशी फ़लसफ़े का तर्ज़ुमा है केवल... (१) इस देश और समाज की सारी मुश्किलों को वह कर लेना चाहता है इसके जरिए हल...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 115 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read गुज़ारिश आप दुआ-सलाम लेते रहिएगा हमें अपना पयाम देते रहिएगा... (१) ज़िंदगी में और है ही क्या साहब नेकियां तमाम करते रहिएगा... (२) वैसे तो यहां बेकार ही हम फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 142 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read ऐलान-ए-हक़ अब तो वही इस देश में रहेगा जो आधा-अधूरा सच ही कहेगा... (१) जिसने आंखों देखा हाल कहा वह तो बेशक बेमौत ही मरेगा... (२) हुक़ूमत से हाथ मिला ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read हालात का मर्सिया (शोक गीत) सच को सच-न कहें तो क्या करें हम झूठ को झूठ-न लिखें तो क्या करें हम... (१) हमको जब फरेब आता ही नहीं जैसे को तैसा-न करें तो क्या करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read आपसी भाईचारा हमें थोड़ी-सी दिलेरी दिखाने की ज़रूरत है अभिव्यक्ति के खतरे उठाने की ज़रूरत है... (१) वरना सदियों की कुर्बानी लम्हों में बेकार जाएगी अपनी सोई हुई गैरत जगाने की ज़रूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read एक आशिक अपनी महबूबा से तू दिल ले ले या जान ले ले तेरा ही हर सामान ले ले... (१) मुझसे बार-बार हो सामना अब ऐसी जगह मकान ले ले... (२) तेरा साथ मैं दूंगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 111 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read आम जनता का शायर जो करता उनका दरबार नहीं है जो पालतू और चाटुकार नहीं है... (१) वह उनके लिए गद्दार ही तो होगा जो कुत्ते की तरह वफादार नहीं है... (२) वे क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 144 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read नये भारत में तुम लफड़े से दूर रहना भूल कर भी न सच कहना... (१) पड़ जाएंगे लेने के देने झूठ में ही तुमको वरना... (२) तुम बिल्कुल मूर्दों की तरह समय की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 147 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read अंधेरे दौर तुम गा रहे उस दौर तराना! जब था यहां कबीलों का ज़माना!! (१) आदमियत के ख़ून से लिखा गया दुनिया भर में माज़ी का फ़साना!! (२) कंगाल करके मेहनतकशों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read जन कवि गीत उनके गप्पबाजी हैं नग्में उनके लफ़्फ़ाज़ी हैं... (१) जो जनता के काम न आएं शायर वे सारे बकवादी हैं... (२) कबीरा के शागिर्द हम तो दो टूक कहने के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read पुलिस प्रशासन न जरदार की पुलिस न हुक्मरान की पुलिस वक़्त की ज़रूरत सिर्फ़ अवाम की पुलिस... (१) सियासत से जिसका कोई वास्ता न हो देश और इसके संविधान की पुलिस... (२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share Previous Page 2 Next