Shekhar Chandra Mitra Tag: कविता 2724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Chandra Mitra 8 Nov 2022 · 1 min read मुझे पूजो मत, पढ़ो! अंधभक्ति को छोड़कर आगे बढ़ने की ज़रूरत है! मुझे पूजने की नहीं, केवल पढ़ने की ज़रूरत है!! कुदरत ने जिसके लिए तुम्हें इस दुनिया में भेजा है! ख़ुद को उसी... Hindi · कविता 5 125 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jun 2022 · 1 min read मेरे सपनों का भारत ऐसा एक देश हो! ऐसा एक समाज हो!! जिसमें न ऊंच-नीच हो! जिसमें न जात-पात हो!! ऐसा एक देश हो! ऐसा एक समाज हो!! जहां हर कोई बराबर हो! जहां... Hindi · कविता 4 1 90 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read यादों की परछाइयां उस सोलहवें साल में अजीबो-गरीब-से हाल में पल भर के मिलन के बाद उम्र भर की जुदाई को कैसे कोई याद करे-२ (१) उस मौत-से सन्नाटे में कब्रिस्तान-से वीराने में... Hindi · कविता · गीत · नज़्म 3 1 721 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Oct 2021 · 1 min read आज के कृष्ण जब-जब द्रोपदी का चीर-हरण होगा! तब-तब महाभारत का एक रण होगा!! आज हम सत्य का साथ दें या सत्ता का यह कृष्ण के लिए निर्णायक क्षण होगा!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 3 211 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Sep 2022 · 1 min read क्या करें हम? अगर एक तरफ नाकाम मोहब्बत! तो दूसरी तरफ दुनिया की हालत!! अपने लिए तो यहां दोहरी मुसीबत! जीने का मौक़ा न मरने की फूर्सत!! #बहुजन_क्रांति #हक़ #मजदूर #गरीब #अपराध #इंसाफ... Hindi · कविता 3 133 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read हौलनाक चीखें दहलाने वाली चीखें आ रहीं दुनिया के कोने कोने से! क्या फ़ायदा है ऐसे में यहां हमारे ज़िंदा होने से!! बेहतर है कि अनलहक़ कहकर हम चढ़ जाएं अब सूली... Hindi · कविता 3 2 138 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Oct 2022 · 1 min read पितृसत्ता का षड्यंत्र तुम्हारे अस्तित्व को भुलाए रखने के लिए! तुम्हें अंधे कुएं में फंसाए रखने के लिए! क्या मालूम है तुम्हें क्यों देवी कहा हमने! तुम्हारी चेतना को सुलाए रखने के लिए!... Hindi · कविता 3 1 134 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Oct 2022 · 1 min read ओशो को सुन लीजिए भारत में पोंगा-पंथ का बोलबाला क्यों हुआ? शूद्रों और स्त्रियों के साथ ये घोटाला क्यों हुआ? है हिम्मत तो एक बार ओशो को सुन लीजिए! अपने ही घर से बुद्ध... Hindi · कविता 3 2 126 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Nov 2022 · 1 min read अंधेरे के सौदागर ज़हर से लबालब ज़ाम भेजा है! लिखकर अमृत का नाम भेजा है!! अंधेरे के सौदागरों ने हमें! उजाले का पैग़ाम भेजा है!! #SupremeCourt #बुद्धिजीवी #इंसाफ #media #अपराध #पुल #भ्रष्टाचार #चुनाव... Hindi · कविता 3 168 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Nov 2022 · 1 min read औरत, आज़ादी और ज़िंदगी औरत मर्द सब एक समान! क्या भारत और क्या ईरान!! मर्द आज़ाद हो नहीं सकते! जब तक हैं औरतें ग़ुलाम!! #Revolution #women #girls #feminist #freedom #Equality #IranProtests #life #modern #HumanRights... Hindi · कविता 3 1 115 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Feb 2023 · 1 min read क्या डरना? वे तो खुद ही तुमसे डरे हुए अरे, डरे हुए से क्या डरना? वे तो पहले ही से मरे हुए अरे, मरे हुए से क्या डरना? तुम लोग समझ बैठे... Hindi · Quote Writer · कविता 3 292 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Jul 2021 · 1 min read दुनिया को बचा लो जो बचा सको तो बचा लो नष्ट होती हुई इस दुनिया को! जो बचा सको तो बचा लो भ्रष्ट होती हुई इस दुनिया को!! धर्म, पूंजी और राजनीति के घिनौने... Hindi · कविता 2 232 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Jul 2021 · 1 min read तालिबान की वापसी मासूमियत चढ़ती सूली इंसानियत रोती है! जब भी कहीं मज़हब की ताजपोशी होती है!! ऐसे ज़ुल्मत के हर दौर में एक शायर की कलम अपनी बेबाकी के कारण सरफ़रोशी होती... Hindi · कविता 2 384 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Jul 2021 · 1 min read पांच हज़ार साल की साज़िश तुम्हें बेवकूफ़ बनाया जा रहा है तुम्हें आया नहीं कभी इसका ख़्याल! हमेशा मज़हब और सियासत की घिनौनी साज़िश से तुम होते रहे हलाल!! उनकी मक्कारी तो अपनी जगह लेकिन... Hindi · कविता 2 1 162 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read भगतसिंह की मां मेरे तसव्वुर में बार-बार एक बुढ़ी औरत की तस्वीर उभरती है जिसकी मुंतजिर निगाहें मरने से पहले उस नौजवान बेटे की एक झलक देख लेना चाहती हैं, जो किसी बात... Hindi · कविता 2 2 303 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jul 2021 · 1 min read सिरफिरा मैं शामिल हूं उन गिने-चुने सिरफिरे लोगों में जो कत्ल किए जाने की आशंका के बावजूद एक बेहतर समाज का सपना देखना नहीं छोड़ते..! Hindi · कविता 2 479 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Aug 2021 · 1 min read कुफ़्र नाचना भी कुफ़्र है! गाना भी कुफ़्र है!! सुनना भी कुफ़्र है! बजाना भी कुफ़्र है!! सौ बातों की एक बात हम क्यों नहीं कहें कि तालिबानी दौर में जीना... Hindi · कविता 2 481 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read मशाल क्या हम लोग उनसे डर जाएं? मरने से पहले ही मर जाएं? कि अपने हाथ में मशाल लेकर खुलेआम ज़ुल्मत से लड़ जाएं? Shekhar Chandra Mitra Hindi · कविता 2 463 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read मीडिया का सशक्तिकरण पत्रकारों को हिम्मत दीजिए ताकि वे सच बोल सकें! पत्रकारों को ताकत दीजिए ताकि वे राज खोल सकें! पत्रकारों को तनख्वाह दीजिए ताकि उन्हें बिकना न पड़े! पत्रकारों को इज्जत... Hindi · कविता 2 312 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Aug 2021 · 1 min read बच्चों को किताबें दीजिए वक़्त तकाज़ा यही कि एक और इंकलाब कीजिए! दूसरे का मुंह क्यों देखना खुद से ही आगाज़ कीजिए!! अगर आप नहीं चाहते कि ये भिखारी या मवाली बनें तो घंटा... Hindi · कविता 2 202 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Aug 2021 · 1 min read ब्रैन वाश भगतसिंह, तुम्हारे भारत को हाइजैक किया जा चुका है! इसकी सेकुलर पहचान पर अटैक किया जा चुका है!! जिन नौजवानों पर इसकी हिफाज़त की जिम्मेदारी थी पूरी तरह उनके दिमाग... Hindi · कविता 2 1 362 Share Shekhar Chandra Mitra 9 Aug 2021 · 1 min read देश के गुनहगार स्वर्ग से सुंदर भारत को राजनेताओं ने नर्क किया! धर्मगुरुओं की मूढ़ता ने इस देश का बेड़ा गर्क़ किया!! उन्हीं लोगों का हाथ था पाकिस्तान बनाने में जिनने जाति-धर्म के... Hindi · कविता 2 257 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Aug 2021 · 1 min read एक सनक होनी चाहिए सच बोलने के लिए एक सनक होनी चाहिए! भेद खोलने के लिए एक सनक होनी चाहिए!! क़लम की नोक पर सत्ता के वज़न को बिल्कुल! ठीक तोलने के लिए एक... Hindi · कविता 2 153 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Sep 2021 · 1 min read विचार और व्यवहार मन की बात-बहुत करते हो! कभी वतन की-बात भी कर लो!! सूख गया जो-भरे सावन में उस चमन की-बात भी कर लो!! हमारे भारत-को विश्व गुरु कौन ये कहता-तुम न... Hindi · कविता 2 1 230 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Oct 2021 · 1 min read अंधभक्ति अंधभक्ति तो किसी की भी ठीक नहीं मेरे ब्रदर! वे राम हों या बुद्ध हों वे गांधी हों या अंबेडकर!! देश और समाज के नासूर हो चुके ज़ख्मों पर! अब... Hindi · कविता 2 1 265 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Oct 2021 · 1 min read बेटियों को बराबरी ना पूजा ना मार चाहिए! बेटियों को बस प्यार चाहिए!! बेटों को जितना देते हो उतना ही अधिकार चाहिए!! Shekhar Chandra Mitra #FeministPoetry #NavratriSpecial Hindi · कविता 2 1 195 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Nov 2021 · 1 min read हुकूमतों को हिलाने वाला शायर इस दुनिया की बड़ी से बड़ी सल्तनतें भी हिल जाएं! फ़ौलादी समझी जाने वालीं ताकतें भी हिल जाएं!! वह लिखा करता है ख़ून में डुबोकर अपनी अंगुली! उसकी शायरी तो... Hindi · कविता 2 1 190 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read कठिन है प्रेम निभाना अबके बरस न आना,पपीहे! पियू की रट न लगाना,पपीहे!! ऐसे में जबकि जल रहा उपवन कठिन है प्रेम निभाना,पपीहे!! Hindi · कविता 2 2 325 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jan 2022 · 1 min read धर्मजाल यहां कौन है पवित्र कौन है अपवित्र तुम्हें बताया किसने? ये छुआ-छूत और ऊंच-नीच का जाल फैलाया किसने? शिक्षा, सम्पत्ति और सत्ता से पूरी तरह वंचित करके! शूद्रों और स्त्रियों... Hindi · कविता 2 216 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jan 2022 · 1 min read सुंदर भविष्य के लिए आधुनिक राष्ट्र की तरह हमारा ढ़ंग होना चाहिए! हमारे होठों पर हमेशा नया छंद होना चाहिए!! ताकि अपने भविष्य को सुंदर आकार दे सकें हम! अब अतीत का गौरव गान... Hindi · कविता 2 260 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Feb 2022 · 1 min read मज़हब का नशा न इज़्ज़त का नशा न शोहरत का नशा! न दौलत का नशा न ताक़त का नशा!! ख़तरनाक सबसे है मज़हब का नशा! न हुक़ूमत का नशा न सियासत का नशा!!... Hindi · कविता 2 161 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Jul 2021 · 1 min read का फरक पड़ी ये दुनिया के? हमरा जियला या मुअला से का फरक पड़ी ये दुनिया के! हमरा गीत औरी कविता से का गरज पड़ी ये दुनिया के!! सच्चाई औरी इंसाफ़ के कवनो जलत सवाल पर!... Bhojpuri · कविता 2 249 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Mar 2022 · 1 min read बेचैन करने वाले सवाल देश में है दुःख क्यों? प्यास और भूख क्यों? संसद से लेकर सड़क तक मार और लूट क्यों? जालिमों में मेल और मजलूमों में फूट क्यों? पार्टियों के नाम पर... Hindi · कविता 2 2 155 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2022 · 1 min read एकलव्य का अंगूठा हर एक द्रोणाचार्य को यह सबक सिखाने का समय है! अंगूठा देने का नहीं, यह अंगूठा दिखाने का समय है!! जात-पात, ऊंच-नीच, छुआछूत और भेद-भाव से भरी हुई! इस सत्यानाशी... Hindi · कविता 2 1 264 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Jun 2022 · 1 min read अमेरिका और भारत का फ़र्क एक आम अमेरिकी को अपनी ज़िंदगी और माली हालत से भी ज़्यादा ख़्याल होता है सामाजिक इंसाफ़ और इंसानी हुक़ूक़ का। ज़ाहिर है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद आज जिस... Hindi · कविता 2 2 266 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jun 2022 · 1 min read अश्वमेध का घोड़ा यह अंधे-बहरे का जोड़ा! जो ना करे वही थोड़ा!! अब रोक देना होगा यहीं इसके अश्वमेध का घोड़ा!! #राजनीति #सियासत #Politics #कविता #शायरी #poem #विपक्ष #सत्ता Hindi · कविता 2 156 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jun 2022 · 1 min read क्या मिलता है दुनिया को? हुस्न को बदनाम करके! इश्क़ को नाकाम करके!! मिलता है क्या दुनिया को! दिल को शिकस्ता जाम़ करके!! #love #poem #कविता #प्रेम #शायरी Hindi · कविता 2 89 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jun 2022 · 1 min read हमारे पूर्वज ना गोरी ना पृथ्वीराज! ना अकबर ना राणा प्रताप!! मज़दूर और किसान हैं सिर्फ़ मेरे पूर्वज तेरे अजदाद!! #Farmers #Labourers #culture #poetry #History #बहुजन #दलित #कविता #शायरी Hindi · कविता 2 124 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Jun 2022 · 1 min read चुनी हुई चुप्पियां अंधे धृतराष्ट्र की राज सभा में दुर्योधन और दु:शासन के अत्याचार और अन्याय के सामने भीष्म और द्रोण की चुनी हुई चुप्पियां हस्तिनापुर को महाभारत के युद्ध की ओर ले... Hindi · कविता 2 1 188 Share Shekhar Chandra Mitra 7 Jul 2022 · 1 min read पाकिस्तान के नफ़रत शेर और सुख़न की दुनिया से आख़िर हम हिजरत कैसे करें! इल्म़ और फ़न की चाहत को दिल से हम रूखसत कैसे करें!! जिन्होंने हमेशा प्यार के लिए जीना और... Hindi · कविता 2 1 278 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Aug 2022 · 1 min read सामना सर उठाकर उसका सामना किया जा सकता है! आंखें मिलाकर उससे सच कहा जा सकता है! वह एक राजनेता ही तो है अवतार तो नहीं न! उसके ख़िलाफ़ भी खड़ा... Hindi · कविता 2 296 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Sep 2022 · 1 min read बुद्ध कहते हैं अगर तेरे सारे दुःख मैं अपने दिल में न समेट लूं तो कहना! अगर तेरे सारे आंसू मैं अपनी आंखों में न सोख लूं तो कहना!! बस एक बार मुझे... Hindi · कविता 2 1 125 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Sep 2022 · 1 min read चुप्पी तोड़ो बोलो ताकि अपने आप से आंख तुम मिला सको! अपने ज़मीर अपनी गैरत को मरने से बचा सको!! आताताइयों या तमाशाइयों में शामिल नहीं थे तुम! अपनी अगली पीढ़ियों को... Hindi · कविता 2 136 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Sep 2022 · 1 min read घर वापसी जो धर्म तुम्हें नीच कहे वह षड्यंत्र है कुछ धूर्तों का! उस धर्म को लादे फिरना एक व्यसन है बस मूर्खों का!! जिसमें यहां आत्म-सम्मान है वह बुद्ध को लगा... Hindi · कविता 2 181 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Sep 2022 · 1 min read नौजवानों के लिए पैग़ाम ऐ खुदकुशी करने वालों! तुम इंकलाब क्यों नहीं करते? जिससे दिक्कत है उसका तुम एहतिजाज़ क्यों नहीं करते? आखिर कोई कमी है क्या दुनिया में बेहतर विकल्पों की? यहीं से... Hindi · कविता 2 237 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Sep 2022 · 1 min read दिल की ख़लिश एक ख़लिश दिल में रह गई! आख़िर तुम मेरी क्यों न हुई!! मैंने तुम्हें इतना प्यार दिया! तुम्हीं ने मुझसे बेवफ़ाई की!! Shekhar Chandra Mitra #मां_आनंद_शीला #ओशो #रजनीशपुरम #पूना #osho... Hindi · कविता 2 278 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Sep 2022 · 1 min read चेतना की उड़ान उठाते रहो तुम अपनी आवाज़! सुने ना सुने देश और समाज!! कम से कम तुम्हारी चेतना तो ले सकेगी एक ऊंची परवाज़!! Shekhar Chandra Mitra #इंकलाबी #क्रांतिकारी #रोमांच #love #शायर... Hindi · कविता 2 160 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Sep 2022 · 1 min read शतरंज की चाल जाहिल और बेरोजगार रहेगा जब इंडिया! यहां तभी तो दंगे-फसाद कराएगी मीडिया!! असली मूद्दों से हमारा ध्यान भटका कर! आजीवन हम पर राज करेगा बहुरुपिया!! Shekhar Chandra Mitra #हक़ #बेकारी... Hindi · कविता 2 130 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Sep 2022 · 1 min read अवामी शायर संसद से लेकर सड़क तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी! अब सत्ता और विपक्ष पर हमारी चढ़ाई जारी रहेगी! हमारे देश की बर्बादी में जितने लोगों का हाथ है! उनकी पुरजोर... Hindi · कविता 2 201 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read सोशल मीडिया पर नकेल इरादे नेक नहीं लगते हैं आजकल सरकार के! रूह खौफ़जदा है हमारी बर्बादी के आसार से!! डीजिटल मीडिया को भी लेना चाहती शिकंजे में! वह करने के बाद कब्ज़ा टीवी... Hindi · कविता 2 2 178 Share Page 1 Next