Sheela Gahlawat 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sheela Gahlawat 28 Jun 2023 · 1 min read दिल दिल में एक अरमान सज़ाये बैठी है सहरा में फूल खिलाये बैठी है सीरत Poem 2 263 Share Sheela Gahlawat 27 Jun 2023 · 1 min read मंजिलें हम दिलों जां से अपनी डगर चल दिए जिस तरफ दिल कहे हम उधर चल दिए मंजिलें हैं मगर रास्ते हैं नहीं हम मुसाफ़िर हुए बेख़बर चल दिए शीला गहलावत... 102 Share Sheela Gahlawat 27 Jun 2023 · 1 min read मंज़िले हम दिलों जां से अपनी डगर चल दिए जिस तरफ दिल कहे हम उधर चल दिए मंजिलें हैं मगर रास्ते हैं नहीं हम मुसाफ़िर हुए बेख़बर चल दिए शीला गहलावत... 1 128 Share Sheela Gahlawat 28 Nov 2018 · 1 min read मां तपती धरती पे ठंडक जैसी होती है मां। जिसके लबों पे कभी भी होती नही ना। मां तो होती है जून में ठंडी छाया सी। निर्धन के सपने में होती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 36 55 1k Share Sheela Gahlawat 27 Nov 2018 · 1 min read मां तपती धरती पे ठंडक जैसी होती है मां। जिसके लबों पे कभी भी होती नही ना। मां तो होती है जून में ठंडी छाया सी। निर्धन के सपने में होती... Hindi · कविता 16 11 571 Share Sheela Gahlawat 27 Nov 2018 · 1 min read मां तपती धरती पे ठंडक जैसी होती है मां। जिसके लबों पे कभी भी होती नही ना। मां तो होती है जून में ठंडी छाया सी। निर्धन के सपने में होती... Hindi · कविता 10 3 385 Share